नवनाग स्त्रोत

नवनाग स्त्रोत 
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शंखपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:।
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥
अर्थात्- अनन्त, वासुकि, शेषनाग, पद्मनाभ, कम्बल, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक और कालिया ये महान आत्मा वाले नौ नागों के नाम हैं। जो लोग नित्य ही सायंकाल और विशेष रूप से प्रातःकाल इन नामों का उच्चारण करते हैं, उन्हें सर्प और विष से कोई भय नहीं रहता तथा उनकी सब जगह विजय होती है, अर्थात् सफलता मिलती है।

Comments

Popular posts from this blog

योगिनी , किन्नरी, यक्षिणी साधना , कालभैरव , काली मन्त्र PARASHMUNI

वशीकरण टोटके PARASHMUNI

यक्षिणी मंत्र , मुंडी_साधना PARASHMUNI