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दस महाविद्या

दशमहाविद्या अर्थात महान विद्या रूपी देवी। महाविद्या, देवी दुर्गा के दस रूप हैं, जो अधिकांश तान्त्रिक साधकों द्वारा पूजे जाते हैं, परन्तु साधारण भक्तों को भी अचूक सिद्धि प्रदान करने वाली है। इन्हें दस महाविद्या के नाम से भी जाना जाता है। ये दसों महाविद्याएं आदि शक्ति माता पार्वती की ही रूप मानी जाती हैं। दस महाविद्या विभिन्न दिशाओं की अधिष्ठातृ शक्तियां हैं। भगवती काली और तारा देवी- उत्तर दिशा की, श्री विद्या (षोडशी-त्रिपुर सुन्दरी)- ईशान दिशा की, देवी भुवनेश्वरी, पश्चिम दिशा की, श्री त्रिपुर भैरवी, दक्षिण दिशा की, माता छिन्नमस्ता, पूर्व दिशा की, भगवती धूमावती पूर्व दिशा की, माता बगला (बगलामुखी), दक्षिण दिशा की, भगवती मातंगी वायव्य दिशा की तथा माता श्री कमला र्नैत्य दिशा की अधिष्ठात्री है। ======================= दस महाविद्या अपने आप में एक संपूर्ण साधना पद्धति है। इसमें मां भगवती के दस अलग-अलग शक्ति स्वरूपों की पूजा की जाती हैं। यूं तो दस महाविद्या साधना मां महाकाली से आरंभ होकर मां त्रिपुरसुंदरी (श्रीविद्या) पर समाप्त होती है जो कि किसी भी व्यक्ति के लिए एक ही जन्म में संभव नहीं है। ऐ

महाविद्या काली , काली कुल

मैं महाप्रकृति अव्यक्त महाकामेश्वरी, ‘‘काली कुल‘‘ का वर्णन कर रही हूँ: ‘‘श्री काली‘‘ कुल का सप्तकुल गुरुवर्ग:- 1. श्रीमद् प्रहलादानन्द नाथाये गुरुवे नमः 2. श्रीमद् सनकानन्द नाथाये गुरुवे नमः 3. श्रीमद् कुमारानन्द नाथाये गुरुवे नमः 4. श्रीमद् वशिष्ठानन्द नाथाये गुरुवे नमः 5. श्रीमद् क्रोधानन्द नाथाये गुरुवे नमः 6. श्रीमद् सुखानन्द नाथाये गुरुवे नमः 7. श्रीमद् बोधानन्द नाथाये गुरुवे नमः ‘‘श्री काली‘‘ कुल के चार दिबौघ गुरुदेवगण:- 1. श्रीमद् महादेवानन्द नाथाये गुरुदेवाय नमः 2. श्रीमद् महाकालानन्द नाथाये गुरुदेवाय नमः 3. श्रीमद् त्रिपुरानन्द नाथाये गुरुदेवाय नमः 4. श्रीमद् भैरवानन्द नाथाये गुरुदेवाय नमः ‘‘श्री काली‘‘ कुल के सोलह श्री सिद्धौघ गुरुदेवगण:- 1. श्रीमद् ब्रह्मानन्द नाथाये गुरुदेवाय नमः 2. श्रीमद् पूर्णानन्द नाथाये गुरुदेवाय नमः 3. श्रीमद् चलच्चितानन्द नाथाये गुरुदेवाय नमः 4. श्रीमद् चलाचलानन्द नाथाये गुरुदेवाय नमः 5. श्रीमद् कुमारानन्द नाथाये गुरुदेवाय नमः 6. श्रीमद् गोरखानन्द नाथाये गुरुदेवाय नमः 7. श्रीमद् भोजदेवानन्द नाथाये गुरुदेवाय नमः 8. श्रीमद् प्रजाप्रत्यानन्द नाथाये गुरु