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टोटका 15 PARASHMUNI

💯✔#तंत्र_से_करें_सुख_समृद्धि 1‌‌‍॰ यदि परिश्रम के पश्चात् भी कारोबार ठप्प हो, या धन आकर खर्च हो जाता हो तो यह टोटका काम में लें। किसी गुरू पुष्य योग और शुभ चन्द्रमा के दिन प्रात: हरे रंग के कपड़े की छोटी थैली तैयार करें। श्री गणेश के चित्र अथवा मूर्ति के आगे “संकटनाशन गणेश स्तोत्र´´ के 11 पाठ करें। तत्पश्चात् इस थैली में 7 मूंग, 10 ग्राम साबुत धनिया, एक पंचमुखी रूद्राक्ष, एक चांदी का रूपया या 2 सुपारी, 2 हल्दी की गांठ रख कर दाहिने मुख के गणेश जी को शुद्ध घी के मोदक का भोग लगाएं। फिर यह थैली तिजोरी या कैश बॉक्स में रख दें। गरीबों और ब्राह्मणों को दान करते रहे। आर्थिक स्थिति में शीघ्र सुधार आएगा। 1 साल बाद नयी थैली बना कर बदलते रहें। 2॰ किसी के प्रत्येक शुभ कार्य में बाधा आती हो या विलम्ब होता हो तो रविवार को भैरों जी के मंदिर में सिंदूर का चोला चढ़ा कर “बटुक भैरव स्तोत्र´´ का एक पाठ कर के गौ, कौओं और काले कुत्तों को उनकी रूचि का पदार्थ खिलाना चाहिए। ऐसा वर्ष में 4-5 बार करने से कार्य बाधाएं नष्ट हो जाएंगी। 3॰ रूके हुए कार्यों की सिद्धि के लिए यह प्रयोग बहुत ही लाभदायक है। गणेश चतुर्थी को

सफलता आपके हाथ में है PARASHMUNI

💯✔ आपकी सफलता आपके हाथ में है आपका मष्तिष्क आपकी सबसे कीमती संपत्ति है |यह हमेशा आपके साथ है |लेकिन इसकी अद्भुत शक्तियां तभी आपको मिल पाएंगी जब आप इसका उपयोग करना सीख लेंगे |हमारा कहने का तात्पर्य यह नहीं की आप अपनी मष्तिष्क या बुद्धि का उपयोग नहीं करते ,अपितु हम यह कहना चाहते हैं की आप निश्चित सफलता ही मिले इस हेतु इसकी निश्चित कार्यप्रणाली अगर सीख लें तो सफलता बढ़ जायेगी |जैसा हम जानते हैं की हमारे मष्तिष्क के दो स्तर होते हैं -चेतन या तार्किक स्तर और अवचेतन या अतार्किक स्तर |आप अपने चेतन मन से विचार करते हैं |आपके आदतन विचार आपके अवचेतन मन में उतर जाते हैं ,जो आपके विचारों की प्रकृति के अनुरूप परिस्थितियां बनाता है |आपका अवचेतन मन आपकी भावनाओं का स्थान है |यह रचनात्मक है |अगर आप अच्छा सोचते हैं ,तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे |अगर आप बुरा सोचते हैं तो आपको बुरे परिणाम मिलेंगे |आपका मष्तिष्क इसी तरह काम करता है | याद रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की जब अवचेतन मन किसी विचार को स्वीकार कर लेता है ,तो वह इस पर काम करने लगता है |आश्चर्यजनक और सूक्ष्म सत्य यह है की अवचेतन मन का नियम