बीजाक्षर_क्या_है ? , क्या_है_ब्रह्म_मंत्र ? PARASHMUNI
#बीजाक्षर_क्या_है ? https://goo.gl/HPYL7f 1-मंत्र का शाब्दिक अर्थ होता है एक ऐसी ध्वनि जिससे मन का तारण हो अर्थात मानसिक कल्याण हो जैसा कि शास्त्रों में कहा गया है ''मन को तारने वाली ध्वनि ही मंत्र है''। वेदों में शब्दों के संयोजन से इस प्रकार की कल्याणकारी ध्वनियां उत्पन्न की गई।माना जाताहै कि मनुष्य की अवचेतना में बहुत सारी आध्यात्मिक शक्तियां होती हैं जिन्हें मंत्रों के द्वारा प्रयोग में लाया जा सकता है। 3-बीजमंत्र स्पंदन है ,आत्मा की पुकार है।सृष्टि का आरंभ बीजाक्षर मंत्र का स्पंदन ही है। नौ शब्दों तक बीज मंत्र कहते है ।नौ शब्दों से अधिक होने से मंत्र, और बीस शब्दों से अधिक होने से उसको महामंत्र कहते है । 4-वृक्ष के बीज जैसा 'बीजाक्षर' भी मंत्र के बीज जैसा है। जिसे गाने से साधक को सकारात्मक शक्ति का लाभ होता है। जितना ज्यादा गायेगे ;उतना अधिक सकारात्मक शक्ति का लाभ होगा और वृक्ष जैसी वृद्धि होगी । 5-वास्तव में, सृष्टि आरंभ का प्रथम स्पंदन ‘ॐ’ बीजाक्षर मंत्र ही है । ‘ॐ’ बीजाक्षर मंत्र ही क्रमशः योग बीज, तेजोबीज, शांतिबीज, और रक्षा बीज जैसा व्यक्तीकरण