टोटका 15 PARASHMUNI

💯✔#तंत्र_से_करें_सुख_समृद्धि

1‌‌‍॰ यदि परिश्रम के पश्चात् भी कारोबार ठप्प हो, या धन आकर खर्च हो जाता हो तो यह टोटका काम में लें। किसी गुरू पुष्य योग और शुभ चन्द्रमा के दिन प्रात: हरे रंग के कपड़े की छोटी थैली तैयार करें। श्री गणेश के चित्र अथवा मूर्ति के आगे “संकटनाशन गणेश स्तोत्र´´ के 11 पाठ करें। तत्पश्चात् इस थैली में 7 मूंग, 10 ग्राम साबुत धनिया, एक पंचमुखी रूद्राक्ष, एक चांदी का रूपया या 2 सुपारी, 2 हल्दी की गांठ रख कर दाहिने मुख के गणेश जी को शुद्ध घी के मोदक का भोग लगाएं। फिर यह थैली तिजोरी या कैश बॉक्स में रख दें। गरीबों और ब्राह्मणों को दान करते रहे। आर्थिक स्थिति में शीघ्र सुधार आएगा। 1 साल बाद नयी थैली बना कर बदलते रहें।

2॰ किसी के प्रत्येक शुभ कार्य में बाधा आती हो या विलम्ब होता हो तो रविवार को भैरों जी के मंदिर में सिंदूर का चोला चढ़ा कर “बटुक भैरव स्तोत्र´´ का एक पाठ कर के गौ, कौओं और काले कुत्तों को उनकी रूचि का पदार्थ खिलाना चाहिए। ऐसा वर्ष में 4-5 बार करने से कार्य बाधाएं नष्ट हो जाएंगी।

3॰ रूके हुए कार्यों की सिद्धि के लिए यह प्रयोग बहुत ही लाभदायक है। गणेश चतुर्थी को गणेश जी का ऐसा चित्र घर या दुकान पर लगाएं, जिसमें उनकी सूंड दायीं ओर मुड़ी हुई हो। इसकी आराधना करें। इसके आगे लौंग तथा सुपारी रखें। जब भी कहीं काम पर जाना हो, तो एक लौंग तथा सुपारी को साथ ले कर जाएं, तो काम सिद्ध होगा। लौंग को चूसें तथा सुपारी को वापस ला कर गणेश जी के आगे रख दें तथा जाते हुए कहें `जय गणेश काटो कलेश´।

4॰ सरकारी या निजी रोजगार क्षेत्र में परिश्रम के उपरांत भी सफलता नहीं मिल रही हो, तो नियमपूर्वक किये गये विष्णु यज्ञ की विभूति ले कर, अपने पितरों की `कुशा´ की मूर्ति बना कर, गंगाजल से स्नान करायें तथा यज्ञ विभूति लगा कर, कुछ भोग लगा दें और उनसे कार्य की सफलता हेतु कृपा करने की प्रार्थना करें। किसी धार्मिक ग्रंथ का एक अध्याय पढ़ कर, उस कुशा की मूर्ति को पवित्र नदी या सरोवर में प्रवाहित कर दें। सफलता अवश्य मिलेगी। सफलता के पश्चात् किसी शुभ कार्य में दानादि दें।

5॰ व्यापार, विवाह या किसी भी कार्य के करने में बार-बार असफलता मिल रही हो तो यह टोटका करें- सरसों के तैल में सिके गेहूँ के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूये, सात मदार (आक) के पुष्प, सिंदूर, आटे से तैयार सरसों के तैल का रूई की बत्ती से जलता दीपक, पत्तल या अरण्डी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात्रि में किसी चौराहे पर रखें और कहें -“हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूँ कृपा करके मेरा पीछा ना करना।´´ सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें।

6॰ सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ। फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।

7॰ किसी शनिवार को, यदि उस दिन `सर्वार्थ सिद्धि योग’ हो तो अति उत्तम सांयकाल अपनी लम्बाई के बराबर लाल रेशमी सूत नाप लें। फिर एक पत्ता बरगद का तोड़ें। उसे स्वच्छ जल से धोकर पोंछ लें। तब पत्ते पर अपनी कामना रुपी नापा हुआ लाल रेशमी सूत लपेट दें और पत्ते को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और कामनाओं की पूर्ति होती है।

८॰ रविवार पुष्य नक्षत्र में एक कौआ अथवा काला कुत्ता पकड़े। उसके दाएँ पैर का नाखून काटें। इस नाखून को ताबीज में भरकर, धूपदीपादि से पूजन कर धारण करें। इससे आर्थिक बाधा दूर होती है। कौए या काले कुत्ते दोनों में से किसी एक का नाखून लें। दोनों का एक साथ प्रयोग न करें।

9॰ प्रत्येक प्रकार के संकट निवारण के लिये भगवान गणेश की मूर्ति पर कम से कम 21 दिन तक थोड़ी-थोड़ी जावित्री चढ़ावे और रात को सोते समय थोड़ी जावित्री खाकर सोवे। यह प्रयोग 21, 42, 64 या 84 दिनों तक करें।

10॰ अक्सर सुनने में आता है कि घर में कमाई तो बहुत है, किन्तु पैसा नहीं टिकता, तो यह प्रयोग करें। जब आटा पिसवाने जाते हैं तो उससे पहले थोड़े से गेंहू में 11 पत्ते तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर मिला लें तथा अब इसको बाकी गेंहू में मिला कर पिसवा लें। यह क्रिया सोमवार और शनिवार को करें। फिर घर में धन की कमी नहीं रहेगी।

11॰ आटा पिसते समय उसमें 100 ग्राम काले चने भी पिसने के लियें डाल दिया करें तथा केवल शनिवार को ही आटा पिसवाने का नियम बना लें।

12॰ शनिवार को खाने में किसी भी रूप में काला चना अवश्य ले लिया करें।

13॰ अगर पर्याप्त धर्नाजन के पश्चात् भी धन संचय नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक शनिवार को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से चुपड़ी रोटी खिलाएँ।

14॰ संध्या समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का क्षय होता है।

15॰ रात्रि में चावल, दही और सत्तू का सेवन करने से लक्ष्मी का निरादर होता है। अत: समृद्धि चाहने वालों को तथा जिन व्यक्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों, उन्हें इनका सेवन रात्रि भोज में नहीं करना चाहिये।

16॰ भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए।

17॰ सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं। जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें।

18॰ घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाये गये फूल या हार के सूख जाने पर भी उन्हें घर में रखना अलाभकारी होता है।

19॰ अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के रखना चाहिए। इसे घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ होता है।

20॰ रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र हो, तब गूलर के वृक्ष की जड़ प्राप्त कर के घर लाएं। इसे धूप, दीप करके धन स्थान पर रख दें। यदि इसे धारण करना चाहें तो स्वर्ण ताबीज में भर कर धारण कर लें। जब तक यह ताबीज आपके पास रहेगी, तब तक कोई कमी नहीं आयेगी। घर में संतान सुख उत्तम रहेगा। यश की प्राप्ति होती रहेगी। धन संपदा भरपूर होंगे। सुख शांति और संतुष्टि की प्राप्ति होगी।______________________________

💯✔ सम्मान पाने का टोटका

क्या आपको लगता हे की लाखो कौशिश करने के बाद भी आप लोगो का आदर नही पाते, लोग ताना मारते हे आप पर तो एक उपाय करे ....एक पान की पत्ते पर थोड़ा सा फिटकरी और सिंदूर बांधकर बुधवार की सुवह या शामको पीपल के पेड़ के निचे किसी बड़े पत्थर से दबा दे .....ये कार्य तीन बुधवार को करे |....
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💯✔ क्रोध शांति हेतु

जिन्हे बहुत अधिक क्रोध आता हो वे नित्य रात्रि में सोते समय एक ताम्बे के लोटे में जल भर दे और उसमे एक चाँदी का सिक्का डाल दे.|प्रातः मुह आदि धोकर इस जल का सेवन करे.|धीरे धीरे क्रोध में कमी आ जायेगी और आपका स्वभाव सोम्य होने लगेगा।…
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💯✔ पति-पत्नी में क्लेश

पति पत्नी के क्लेश के लिए पत्नी बुधवार को तीन घंटे का मोंन रखें |शुक्रवार को अपने हाथ से साबूदाने की खीर में मिश्री डाल कर खिलाएं तथा इतर दान करें व अपने कक्ष में भी रखें |इस प्रयोग से प्रेम में वृद्धि होती है|.
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💯✔ पति की बुद्धि सुधरे

जिन स्त्रियों के पति किसी अन्य स्त्री के मोहजाल में फंस गये हों या आपस में प्रेम नहीं रखते हों, लड़ाई-झगड़ा करते हों तो इस टोटके द्वारा पति को अनुकूल बनाया जा सकता है।  गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात्रि में 12 बजे पति की चोटी (शिखा) के कुछ बाल काट लें और उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पति की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पति की बुद्धि का सुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेंगे। कुछ दिन बाद इन बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकर बाहर फेंक दें। मासिक धर्म के समय करने से अधिक कारगर सिद्ध होगा।..
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💯✔ राहू की शान्ति का उपाय

चन्दन की लकड़ी घिसकर तिलक लगायें ,चन्दन का तेल परफ्यूम की तरह उपयोग करें ,अमावश्या की रात्री में राहू मन्त्र या काली के मन्त्र से हवन करें ,काली या षोडशी के भोजपत्र यन्त्र २१ हजार मन्त्र से अभिमंत्रित करा पीपल की जड़ ,महायोगेश्वरी की जड़,हरसिंगार जड़ ,गूलर जड़,सफ़ेद मदार की जड़ और अपराजिता की जड़ के साथ चांदी के ताबीज में धारण करें ,और फिर देखें राहू शांत होता है की नहीं |
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💯✔ बीमारी से बचाव के लिए

शुक्रवार की रात तकिये के नीचे एक रुपया का सिक्का रख शनिवार सुबह उठकर शमशान की दिवार से अंदर फैंक दे।ऐसा 5 या सात शुक्रवार करे |स्वस्थ्य हो जाने की संभावना बनती है |
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💯✔ टोटका लांघ जाने पर यह करें

प्राय देखा जाता है कि अक्सर चैराहों पर (फेर) टोटका मिलता है जिसमें फल, फूल, बर्तन आदि में कुछ सामान रखा होता है अथवा लाल मिर्च, राई व मिठाई भी रखी होती है। यह शक्तिशाली टोटका है तथा इसे कभी नहीं लांघना चाहिए। यदि गलती से कोई लांघ जाता है तो किसी ना किसी प्रकार से ये नुकसान पहुचाता हे ये प्रयोग देख भर लेने से आर्थिक तन्गी एवं शरीर मे रोग खुद के ऊपर आ जाता है। अतः इनके पास से भी नहीं गुजरे |
उपाय:
पीले रंग के धागे में लहसुन की कलियां छीलकर पिरो दें और गले में धारण कर लें। ऊपरी शक्ति आपके शरीर से उतर कर कहीं अन्यंत्र स्थान पर चली जाएगी।
ऊं नमः शिवाय
भोज पत्र पर रोली या गोरोचन से लिखकर ताबीज मे भरकर दाहिने हाथ में बांध लेने मात्र से ही भूत-प्रेत का प्रकोप समाप्त हो जाता है। स्वस्थ हो जाने पर गंडा (ताबीज)को खोलकर किसी बहते पानी या तालाब में डाल देना चाहिए।...
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💯✔ वाहन प्राप्ति का टोटका

क्या आप बाहन लेने की सोच रहे हे पर कुछ हो नही पा रहा हे तो एक उपाय करे शुक्ल चतुर्थी के दिन भगवन गणेश जी को एक जोड़ा नारियल में अपने अनामिका ऊँगली का प्रोयोग करके केशर से स्वस्तिक का चिन्ह बनवाकर गणेश जी के चरणों में अर्पण करे और अपनी मनोकामनाए कहे .....यह कार्य आपको ४ शुक्ल चतुर्थी को करना हे |वाहन प्राप्ति की सम्भावना बढ़ेगी |......
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💯✔ नौकरी या आजीविका प्राप्ति का टोटका

क्या आपको नौकरी नही मिल रही ,काफी दिनों से यहाँ वह काम के चक्कर में भटक रहे हे तो एक उपाय करे ....किसी भी गुरु वार के दिन (शुक्ल पक्ष)एक पीले वस्त्र पर अपनी अनामिका ऊँगली प्रयोग  करके केशर और सिंदूर की स्याही से ६३ नंबर लिख कर उसे माँ लक्ष्मी के चरणों पर अर्पण करदे.और अपनी मनोकामना ह्रदय से व्यक्त करें |यह बिधि आपको शुक्ल पक्ष की तीन गुरुवार तक करना हे.|....
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💯✔  *बहुत मेहनत के बाद भी कुछ लोगों की जोब में तरक्की नहीं हो पाती है। यदि आपका भी प्रमोशन नहीं हो पा रहा हो या जोब से निकाले जाने का डर सता रहा हो तो परेशान न हों, करें ज्योतिष शास्त्र के ये उपाय....*
1⃣ *शुक्ल पक्ष के किसी  भी गुरुवार को एक पीला धागा खरीदकर लायें ।इस धागे को पीपल या केले के वृक्ष पर भगवान का नाम लेकर बांधें ।*
2⃣ *ध्यान रहे धागा थोड़ा अधिक लंबा हो ताकि बांधने के बाद बचे हुए धागे को घर ला पायें  ।*
3⃣ *उस धागे को घर आकर भगवान का ध्यान करके अपने हाथ पर बांध लें ।*
4⃣ *याद रखें ये धागा इस संकल्प के साथ बांधें कि जब तक आपकी समस्या खत्म नहीं होगी तब तक आप उसे बांधें रखेंगे ।*
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💯✔  *यदि कोई शिशु रात को चौंकता है*
😩 *यदि कोई शिशु रात को चौंकता है, उसे नींद नहीं आती, मां को जगाता है, परेशान रहता है तो उसके सिरहाने के नीचे फिटकरी रख दें। इससे उसे बढ़िया नींद आयेगी।*
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💯✔ *वास्तु शास्त्र तस्वीर*
*यदि घर में कोई टूटी हुई तस्वीर हो तो उसे भी घर से हटा देना चाहिए। वास्तु के अनुसार यह भी वास्तु दोष उत्पन्न करती है।*
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💯✔ पति -पत्नी के बीच कोई और

प्रत्येक रविवार को अपने घर तथा शयनकक्ष में गूगल की धूनी दें। धूनी करने से पहले उस स्त्री का नाम लें और यह कामना करें कि आपके पति उसके चक्कर से शीघ्र ही छूट जाएं। श्रद्धा-विश्वास के साथ करने से निश्चिय ही आपको लाभ मिलेगा। …

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💯✔ गृह कलह निवारण एवं शुद्धि हेतु प्रयोग

यदि निरंतर घर में कलह का वातावरण बना रहता हो,अशांति बनी रहती हो.व्यर्थ का तनाव बना रहता हो तो.थोड़ी सी गूगल लेकर " ॐ ह्रीं मंगला दुर्गा ह्रीं ॐ " मंत्र का १०८ बार जाप कर गूगल को अभी मंत्रित कर दे , ये प्रयोग किया जा सकता है.घर में शांति का वातावरण बनने लगेगा।......

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💯✔ #काम_वासना_नियंत्रण 

आप अपनी काम वासना को नियंत्रित कर सकते है अगर आपको #स्वप्नदोष   की समस्या है या साधना काल मे #कामवासना जागती है ओर आपके पूजा में पाठ में अथवा आपके किसी साधना में आपको लगता है कि #ब्रह्मचर्य खंडित हो जाएगा तो आप दिए गए मंत्र का जप करे कम से कम 11 माला करे मंत्र काफी छोटा है  इसे करने से आपका ब्रह्मचर्य बना रहेगा  आपकी समस्या दूर हो जाएगी  हो सके तो रुद्राक्ष की माला से करिये काफी छोटा मंत्र है सिर्फ कर के देखो पता चल जाएगा.असर तो आपको 8 दिन से ही दिखना शुरू होगा ।

#मंत्र :  #घं (#gham)

#सदगुरुदेव_परम_पूज्य_श्री_पारसमुनि_महाराज_साहेब

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💯✔ #व्यवसाय_बंधन_खोलने_के_लिए

 आप का बंधा हुआ #व्यापार खुल जायेगा,

#मंत्र : ॐ ह्रीं व्यापार बंध मोचय मोचय ॐ फट्।

सबसे पहले आप एक श्री यंत्र को किसी पात्र में स्तापित कर उसका कुंकुम अक्षत से पूजन करे । निम्न मंत्र का रोज 1008 बार जाप करे  यह 21 दिन तक करे उसके बाद में यंत्र आपके दुकान में तिजोरी में रख ले  ये  प्रयोग आप शुक्रवार से शुरू करे आपकी बंधी दुकान ,व्यवसाय खुल जायेगा...

#सदगुरुदेव_परम_पूज्य_श्री_पारसमुनि_महाराज_साहेब

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💯✔ #सगे_संबंधियों_को_दिया_गया_धन_वापस_प्राप्त_करने_हेतु


किसी सगे संबंधी को धन दिया हो और वह वापस नहीं कर रहा हो, तो ऊपर बताई गई विधि की भांति २१ श्वेत चितकबरी कौड़ियों को पीस कर चूर्ण उसके दरबाजे के आगे बिखेर दें। यह क्रिया ४३ दिनों तक करते रहें, वह व्यक्ति आपका धन वापस कर देगा।


कभी-कभी उधार में बहुत-सा पैसा फंस जाता है। ऐसी स्थिति में यह प्रयोग करके देखें

किसी भी शुक्ल पक्ष की अष्टमी को रुई धुनने वाले से थोड़ी साफ रुई खरीदकर ले आएँ। उसकी चार बत्तियाँ बना लें। बत्तियों को जावित्री, नागकेसर तथा काले तिल (तीनों अल्प मात्रा में) थोड़ा-सा गीला करके सान लें। यह चारों बत्तियाँ किसी चौमुखे दिए में रख लें। रात्रि को सुविधानुसार किसी भी समय दिए में तिल का तेल डालकर चौराहे पर चुपके से रखकर जला दें। अपनी मध्यमा अंगुली का साफ पिन से एक बूँद खून निकाल कर दिए पर टपका दें। मन में सम्बन्धित व्यक्ति या व्यक्तियों के नाम, जिनसे कार्य है, तीन बार पुकारें। मन में विश्वास जमाएं कि परिश्रम से अर्जित आपकी धनराशि आपको अवश्य ही मिलेगी। इसके बाद बिना पीछे मुड़े चुपचाप घर लौट आएँ। अगले दिन सर्वप्रथम एक रोटी पर गुड़ रखकर गाय को खिला दें। यदि गाय न मिल सके तो उसके नाम से निकालकर घर की छत पर रख दें।

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#गृह_कलह_निवारण_एवं_शुद्धि_हेतु

यदि निरंतर घर में कलह का वातावरण बना रहता हो,अशांति बनी रहती हो,व्यर्थ का तनाव बना रहता हो तो,थोड़ी सी गूगल लेकर" ॐ ह्रीं मंगला दुर्गा ह्रीं ॐ "मंत्र का १०८ बार जाप कर गूगल को अभी मंत्रीत कर दे और उसे कंडे पर जलाकर पुरे घर में घुमा दे,ये सम्भव न हो तो गूगल ५ अगरबत्ती पर भी ये

प्रयोग किया जा सकता है,धीरे-धीरे घर में शांति का वातावरण बनने लगेगा।

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 💯✔ #बच्चे_अगर_बिगड़_रहे_हो_कहना_नहीं_मानते_हो।

मंगलवार की रात को यह क्रिया करें,जब आपका लडका या लड़की सोजयें,तो उसके नाप का धागा हरे रंग का सर से पैर तक नाप ले,फिर 21 तुलसी के पत्ते की उसी धागे की माला बनाए और अगले दिन किसी भी हनुमानजी के मंदिर जाके उनकी मूर्ति के पास रखदे ऐसा पांच मंगलवार करे,चमत्कारी उपाय है।।

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 💯✔ #आसन_बाँधने_का_मन्त्र 

आसन बाँधूँ सिंहासन बाँधूँ बाँधूँ  गुरू की माया।

तीनों लोक की धरती बाँधूँ जहां बैठी मेरी काया।।

आसन खोलने का मन्त्र - - 

आसन खोलूँ सिंहासन खोलूँ  खोलूं गुरू की माया।तीनो लोक की धरती खोलूं जहां बैठी मेरी काया।।

(सर्वसामान्य हेतु उपरोक्त मन्त्र गुरु प्रदत्त है।साधना में कोई बिघ्न-बाधा नहीं आती)

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 💯✔ #नौकरी_प्रोमोशन_और_स्टूडेंट्स_के_लिए

गणेशजी की तरह अपने माता पिता को सम्मान से अपने सामने बिठाए और अपने हाथों में पुष्प लेके उनकी तीन परिक्रमा करे जैसे गणेशजी ने की थी और मन ही 

मन अपनी नौकरी में जो परेशानियां  चल्ल रही है प्रोमोशन और स्टूडेंट्स भी परीक्षा में अच्छा करे ऐसी भावना मन में करें और उन पुष्पों को माता पिता के चारों में अर्पित करे और उनसे आशीर्वाद ले।

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 💯✔ #अस्थमा_के_लिये 3 नुस्खे है आजमाये हुए

1 एक किलो देसी गाय के दूध में आधा किलो पेठे की मिठाई घिस कर डाले और इसे अच्छी तरह पकाए 

जब अच्छी तरह पक जाए तो इसे किसी बर्तन में डाल कर रख ले

और सुबह खाली पेट 2 छोटी चम्मच खाये 

आधा घंटे कुछ नही खाये

दमे में राहत मिलनी शुरू हो जाएगी

2 समुंद्री नमक की डलियों को सुनार जिस मिट्टी के बर्तन में सोना गलाता है उसमें डालकर ब्राउन होने तक पकाएं

जब पक जाए तो इसे कांच की शीशी में भरकर रख ले

अब रात्रि को सोने से पहले 2 मुनक्का के बीज निकालकर उसमे चुटकी भर नमक डालकर जीभ के नीचे रखकर चूसे

तुरंत आराम मिलता ह सांस या दमे में

और दमा ठीक हो जाता है।

3 दमा, खाँसी, ठण्ड लगना और यहां तक कि निमोनिया में भी 

पीपली /पीपर, काली मिर्च और सोंठ/अदरक का एक साथ प्रयोग करे।

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💯✔ #पैसा_लौटाने_का_उपाय

बुधवार के दिन जिससे आपको पैसा अपना वापस मंगवाना हो तो उसका एक फोटो या सफेद कागज पर पिंक पेन से उसका नाम लिखकर अपने तकिए के नीचे रखके  सोजाए,अगले दिन सुबह उठते ही ज़मीन पर पैर ना रखे उसका फोटो हाथ में लेके पांच  बार उस व्यक्ति का नाम लेके कहें मेरा पैसा वापस दे और पांच बार थूकें फोटो पर नाम लेके ऐसे 11 बुधवार करे निश्चित पैसा वापस मिलेगा।।

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 💯✔ #हनुमान_रोग_नाशक_झाड़_एवं_गंडा_मन्त्र 

।। ओम नमो आदेश गुरु का अहल बाँधू जहल बाँधू बाँधू अंबर तारा अस्सी कोस की विद्या बाँधू बाँधू नदी की धारा बाँधू तरकश का तीर मस्तक बैठा हनुमंत वीर वीर हनुमंत से क्या क्या चले चौसठ चक्र से क्या क्या चले भूत चले प्रेत चले राक्षस चले ब्रह्मराक्षस चले चुड़ैल चले सोखा तपोखा चले पर्वतऔ धरणी चले चौंसठ योगिनी चले ताप तिजारी चले नव नाड़ी बहत्तर कोटा माँहि सो निकाले अमुक को आराम करे ना निकाले तो राजा रामचंद्र की दुहाई मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरे मन्त्र ईश्वरो वाचा ।।

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💯✔ यदि_लड़कोँ_के_विवाह_में_देरी_हो_रही_है_तो_उपाय 

जिन युवकोँ का विवाह नहीँ हो रहा वे किसी शुभ दिन माँ दुर्गा का मँदिर मेँ जाकर लहँगा चुनरी से श्रँगार करायेँ, श्रँगार सामग्री और दक्षिणा चढ़ाएँ। तत्पश्चात उसी साँय एक चौकी पर एक आधा मीटर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर एक पत्तल (पत्तोँ से बनी प्लेट) मेँ बूँदी के सात लड्डू, सात लौँग सात काली मिर्च, लाल मिर्च, सात बताशे व सात नमक की डली और सात रँग के फूल रखेँ । दीपक व गुगगुल की धूप जलाएँ और नीचे लिखे मँत्र की रूद्राक्ष माला पर 7 माला जप कर उपरोक्त सामग्री कपडे सहित सिर पर से सात बार उतार लेँ और जाकर चौराहे पर रख देँ। बिना पीछे देखे वापस घर आ जाएँ और हाथ मुँह धो लेँ।


ॐ नमो कामाख्या माई, ‘अमुक’ फौरन पत्नी पाये, तेरे बालक का घर बस जाए, बाधा कोई न आड़े आये, ग्रह बीच जो कोई अड़े, हनुमान की गदा पड़े, घर कन्या पाँय परैँ, अन्नपूर्णा भण्डार भरेँ, दुहाई ईश्वर महादेव गौरा पार्वती की, योगिनी कामरू कामाक्षा की, शब्द साँचा पिण्ड काँचा, फुरो मँत्र ईश्वरो वाचा।


अमुक के स्थान पर उस लड़के का नाम लिया जाएगा जिसके बिवाह मेँ विलँब हो रहा है।

{ ईश्वर की कृपा से कुछ ही सप्ताह मेँ अच्छे रिश्ते प्राप्त होँगे और जल्द विवाह होगा।}

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💯✔ #कर्जा_मुक्ति_के_रामबाण_उपाय

कर्ज लेना किसी को भी अच्छा नहीं लगता लेकिन कई बार मज़बूरी वश या अपनी आवश्यकताओं के कारण लोगो को कर्जा लेना ही पड़ता है। कर्ज लेने वाले व्यक्ति को सामने वाले की बहुत सी सही / गलत मनमानी शर्तों को भी मानना पड़ता है।आजकल तो हर छोटा बड़ा आदमी कहीं न कहीं से मकान, गाड़ी,गृह उपोयोगी वस्तुओं,शिक्षा, व्यापार आदि के लिए कर्ज लेता है ।कई बार गलत समय पर कर्ज लेने के कारण या किसी भी अन्य कारण से कर्ज लेने के बाद उसे लौटाना व्यक्ति को भारी हो जाता है वह लाख चाहकर भी कर्ज समय पर नहीं चुका पाता है उस पर कर्ज लगातार बहुत अधिक बड़ता ही जाता है और कई बार तो उसकी पूरी जिंदगी कर्ज चुकाते-चुकाते समाप्त हो जाती है। यहाँ पर हम शास्त्रों और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कर्ज लेने व देने संबंधी कुछ आसान से उपाय बता रहे है इन पर अमल करने पर निश्चित ही आपका कर्ज, बिलकुल समय से सुविधानुसार आपके सिर से उतर जाएगा।

कर्जा मुक्ति मन्त्र :-

1 - “ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः”

2 - “ॐ मंगलमूर्तये नमः।”

3 - “ॐ गं ऋणहर्तायै नमः।”

इनमे से किसी भी मन्त्र के नित्य कम से कम एक माला के जप से व्यक्ति को अति शीघ्र कर्जे से मुक्ति मिलती है ।

1. पूर्णिमा व मंगलवार के दिन उधार दें और बुधवार को कर्ज लें।

2. कभी भूलकर भी मंगलवार को कर्ज न लें एवं लिए हुए कर्ज की प्रथम किश्त मंगलवार से देना शुरू करें। इससे कर्ज शीघ्र उतर जाता है।

3.कर्ज मुक्ति के लिए ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करें |

4. कर्जे से मुक्ति पाने के लिए लाल मसूर की दाल का दान दें।

5. अपने घर के ईशान कोण को सदैव स्वच्छ व साफ रखें।

6. ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का शुक्लपक्ष के बुधवार से नित्य पाठ करें।

7. बुधवार को सवा पाव मूंग उबालकर घी-शक्कर मिलाकर गाय को खिलाए।

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💯✔ #दुर्भाग्य_दूर_करने_के_लिये_टोटका 

आटे १ नीबू का दिया,, ७ लाल मिर्च, ७ लड्डू,२ बत्ती, २ लोंग, २ बड़ी इलायची बङ या केले के पत्ते पर ये सारी चीजें रख दें |रात्रि १२ बजे सुनसान चौराहे पर जाकर पत्ते को रख दें व प्रार्थना करें,

जब घर से निकले तब यह प्रार्थना करें = हे दुर्भाग्य, संकट, विपत्ती आप मेरे साथ चलें और पत्ते को रख दें | फिर प्रार्थना करें = मैं विदा हो रहा हूँ | आप मेरे साथ न आयें, चारों रास्ते खुले हैं आप कहीं भी जायें | एक बार करने के बाद एक दो महीने देखें, उपाय लाभकारी है| श्रद्धा से करें |

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💯✔ #कैसे_करें_बाधा_निवारण

प्रत्येक प्रकार के संकट निवारण के लिये भगवान गणेश की मूर्ति पर कम से कम 21 दिन तक थोड़ी-थोड़ी जावित्री चढ़ावे और रात को सोते समय थोड़ी जावित्री खाकर सोवे। यह प्रयोग 21, 42, 64 या 84 दिनों तक करें।

रूके हुए कार्यों की सिद्धि के लिए यह प्रयोग बहुत ही लाभदायक है। गणेश चतुर्थी को गणेश जी का ऐसा चित्र घर या दुकान पर लगाएं, जिसमें उनकी सूंड दायीं ओर मुड़ी हुई हो। इसकी आराधना करें। इसके आगे लौंग तथा सुपारी रखें। जब भी कहीं काम पर जाना हो, तो एक लौंग तथा सुपारी को साथ ले कर जाएं, तो काम सिद्ध होगा। लौंग को चूसें तथा सुपारी को वापस ला कर गणेश जी के आगे रख दें तथा जाते हुए कहें `जय गणेश काटो कलेश´।

किसी के प्रत्येक शुभ कार्य में बाधा आती हो या विलम्ब होता हो तो रविवार को भैरों जी के मंदिर में सिंदूर का चोला चढ़ा कर “बटुक भैरव स्तोत्र´´ का एक पाठ कर के गौ, कौओं और काले कुत्तों को उनकी रूचि का पदार्थ खिलाना चाहिए। ऐसा वर्ष में 4-5 बार करने से कार्य बाधाएं नष्ट हो जाएंगी।

सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ। फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।

किसी शनिवार को, यदि उस दिन `सर्वार्थ सिद्धि योग’ हो तो अति उत्तम सांयकाल अपनी लम्बाई के बराबर लाल रेशमी सूत नाप लें। फिर एक पत्ता बरगद का तोड़ें। उसे स्वच्छ जल से धोकर पोंछ लें। तब पत्ते पर अपनी कामना रुपी नापा हुआ लाल रेशमी सूत लपेट दें और पत्ते को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और कामनाओं की पूर्ति होती है।

अक्सर सुनने में आता है कि घर में कमाई तो बहुत है, किन्तु पैसा नहीं टिकता, तो यह प्रयोग करें। जब आटा पिसवाने जाते हैं तो उससे पहले थोड़े से गेंहू में 11 पत्ते तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर मिला लें तथा अब इसको बाकी गेंहू में मिला कर पिसवा लें। यह क्रिया सोमवार और शनिवार को करें। फिर घर में धन की कमी नहीं रहेगी।

आटा पिसते समय उसमें 100 ग्राम काले चने भी पिसने के लियें डाल दिया करें तथा केवल शनिवार को ही आटा पिसवाने का नियम बना लें।

शनिवार को खाने में किसी भी रूप में काला चना अवश्य ले लिया करें।

संध्या समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का क्षय होता है।

रात्रि में चावल, दही और सत्तू का सेवन करने से लक्ष्मी का निरादर होता है। अत: समृद्धि चाहने वालों को तथा जिन व्यक्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों, उन्हें इनका सेवन रात्रि भोज में नहीं करना चाहिये।

भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए।

सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं। जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें।

घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाये गये फूल या हार के सूख जाने पर भी उन्हें घर में रखना अलाभकारी होता है।

अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के रखना चाहिए। इसे घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ होता है।

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💯✔ #पूजन_में_महिलाओं_की_चूडिय़ों_पर_क्यों_लगाते_हैं_तिलक?

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पूजन कर्म में स्त्री हो या पुरुष, दोनों को कुमकुम, चंदन आदि का तिलक लगाने की परंपरा है। सभी पंडित पुरुषों के मस्तक या माथे पर तिलक लगाते हैं लेकिन स्त्रियों के संबंध में कुछ पंडित या ब्राह्मण माथे पर नहीं चुडिय़ों पर तिलक लगाते हैं। इसके पीछे कुछ खास कारण मौजूद है।

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शास्त्रों के अनुसार सभी प्रकार के विधिवत पूजन कर्म ब्राह्मण या पंडितों द्वारा ही कराए जाने चाहिए। यदि कोई पति-पत्नी कोई धार्मिक कार्य करवाते हैं तब उन दोनों का पूजन में सम्मिलित होना अनिवार्य माना गया है। इस प्रकार के आयोजन में ब्राह्मण द्वारा यजमान को कई बार तिलक लगाया जाता है। कई वेदपाठी ब्राह्मण स्त्रियों की चुडिय़ों पर ही तिलक लगाते हैं मस्तक पर नहीं। इसकी वजह यह है कि विवाहित स्त्री को पति के अलावा किसी अन्य पुरुष का स्पर्श करना निषेध माना गया है। वेद-पुराण के अनुसार किसी भी विवाहित स्त्री को स्पर्श करने का अधिकार अन्य महिलाओं के अतिरिक्त केवल उसके पति को ही प्राप्त है। अन्य पुरुषों का स्पर्श होने से उसका पतिव्रत धर्म प्रभावित होता है। इसी वजह से वेदपाठी ब्राह्मण महिलाओं की चुडिय़ों पर तिलक लगाते हैं, माथे पर नहीं ताकि उन्हें स्पर्श न हो सके। स्त्री के बीमार होने पर या संकट में होने पर कोई वैद्य या डॉक्टर स्पर्श कर सकता है, इससे स्त्री का पतिव्रत धर्म नष्ट नहीं होता है।

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ऐसी मान्यता है कि धार्मिक कर्म में चुडिय़ों पर तिलक लगाने से विवाहित स्त्री पतिव्रत धर्म हमेशा पवित्र रहता है और पति की उम्र लंबी होने के साथ स्वस्थ और सुखी जीवन रहता है। पति और पत्नी दोनों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती हैं, उन्हें धन आदि की भी कमी नहीं होती।

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 💯✔ #मंदिर_में_दर्शन_के_बाद_बाहर_सीढ़ी_पर_थोड़ी_देर_क्यों_बैठा_जाता_है❓


     *उत्तर ~* परम्परा हैं कि किसी भी मंदिर में दर्शन के बाद बाहर आकर मंदिर की पैड़ी या ऑटले पर थोड़ी देर बैठना। क्या आप जानते हैं इस परंपरा का क्या कारण है ?

     यह प्राचीन परंपरा एक विशेष उद्देश्य के लिए बनाई गई है। वास्तव में मंदिर की पैड़ी पर बैठ कर एक श्लोक बोलना चाहिए। यह श्लोक आजकल के लोग भूल गए हैं। इस लोक को मनन करें और आने वाली पीढ़ी को भी बताएं। श्लोक इस प्रकार है ~

            *अनायासेन मरणम् ,*

            *बिना देन्येन जीवनम्।*

            *देहान्त तव सानिध्यम् ,*

            *देहि मे परमेश्वरम्॥*


      इस श्लोक का अर्थ है ~

  *अनायासेन मरणम्* अर्थात् बिना तकलीफ के हमारी मृत्यु हो और कभी भी बीमार होकर बिस्तर पर न पड़ें, कष्ट उठाकर मृत्यु को प्राप्त ना हों चलते फिरते ही हमारे प्राण निकल जाएं।

  *बिना देन्येन जीवनम्* अर्थात् परवशता का जीवन ना हो। कभी किसी के सहारे ना रहाना पड़े। जैसे कि लकवा हो जाने पर व्यक्ति दूसरे पर आश्रित हो जाता है वैसे परवश या बेबस ना हों। ठाकुर जी की कृपा से बिना भीख के ही जीवन बसर हो सकें।

  *देहांते तव सानिध्यम* अर्थात् जब भी मृत्यु हो तब भगवान के सम्मुख हो। जैसे भीष्म पितामह की मृत्यु के समय स्वयं ठाकुर (कृष्ण जी) उनके सम्मुख जाकर खड़े हो गए। उनके दर्शन करते हुए प्राण निकले।

  *देहि में परमेशवरम्* हे परमेश्वर ऐसा वरदान हमें देना।


    *भगवान से प्रार्थना करते हुऐ उपरोक्त श्र्लोक का पाठ करें।* गाड़ी, लाडी, लड़का, लड़की, पति, पत्नी, घर, धन इत्यादि (अर्थात् संसार) नहीं मांगना है, यह तो भगवान आप की पात्रता के हिसाब से खुद आपको देते हैं। इसीलिए दर्शन करने के बाद बैठकर यह प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए। यह प्रार्थना है, याचना नहीं है। याचना सांसारिक पदार्थों के लिए होती है। जैसे कि घर, व्यापार,नौकरी, पुत्र, पुत्री, सांसारिक सुख, धन या अन्य बातों के लिए जो मांग की जाती है वह याचना है वह भीख है।


     *'प्रार्थना' शब्द के 'प्र' का अर्थ होता है 'विशेष' अर्थात् विशिष्ट, श्रेष्ठ और 'अर्थना' अर्थात् निवेदन। प्रार्थना का अर्थ हुआ विशेष निवेदन।*


     मंदिर में भगवान का दर्शन सदैव खुली आंखों से करना चाहिए, निहारना चाहिए। कुछ लोग वहां आंखें बंद करके खड़े रहते हैं। आंखें बंद क्यों करना, हम तो दर्शन करने आए हैं। भगवान के स्वरूप का, श्री चरणों का, मुखारविंद का, श्रृंगार का, *संपूर्ण आनंद लें, आंखों में भर ले निज-स्वरूप को।*

      *दर्शन के बाद जब बाहर आकर बैठें, तब नेत्र बंद करके जो दर्शन किया हैं उस स्वरूप का ध्यान करें। मंदिर से बाहर आने के बाद, पैड़ी पर बैठ कर स्वयं की आत्मा का ध्यान करें तब नेत्र बंद करें और अगर निज आत्मस्वरूप ध्यान में भगवान नहीं आए तो दोबारा मंदिर में जाएं और पुन: दर्शन करें।*

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💯✔#यदि_कोई_महिला_रखती_हैं_खुले_बाल_तो_होती_है_बर्बादी

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*⭕#भारतीय_संस्कृति में कब खुले बाल रखना चाहिए और कब नहीं यह समाज में प्रचलित धारण है। प्राचीनकाल से ही यह धारणा व्याप्त है कि खुले बाल रखना अमंगल का प्रतीक है। भारत में कोई भी महिला खुले बाल नहीं रखती है। हालांकि वर्तमान समय में पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से महिलाएं बाल कटवाने और खुले बाल रखने लगी हैं। यह कितना सही है या नहीं है यह तो हम नहीं जानते हैं लेकिन इस संबंध में प्रचलित मान्यता जरूर पढ़ें।*

 

*⚜️क्या होता है खुले बाल रखने से?*

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*🚩1.* महिलाओं के लिए केश विन्यास अत्यंत आवश्यक है उलझे एवं बिखरे हुए बाल अमंगलकारी कहे गए हैं। कैकेई का कोपभवन में बिखरे बालों में रुदन करने से अयोध्या का अमंगल हो गया था।

 

*🚩2.* कहते हैं कि खुले बाल रखने से महिलाओं की सोच और आचरण भी स्वछंद होने लगते हैं। यही नियम पुरुषों पर भी लागू होता है। जो पुरुष बड़े-बड़े खुले और लहराते हुए बाल रख लेते हैं उनकी मानसिक स्थिति भी बदल जाती है।


*🚩3.* समाज में ऐसी मान्यता प्रचलित हैं कि बालों के द्वारा बहुतसी तन्त्र क्रियाएं होती हैं। कोई महिला खुले बाल करके निर्जन स्थान या अशुद्ध स्‍थान से गुजरती है तो उसके किसी अनजान शक्ति के वश में होने की संभावना बढ़ जाती है। खुले बाल रखने से अनजान शक्तियां आकर्षित होती हैं।

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*🚩4.* #इंग्लैंड के डॉ. स्टैनले और अमेरिका के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गिलार्ड थॉमस ने पश्चिम देश की महिलाओं की बड़ी संख्या पर निरीक्षण के आधार पर लिखा कि केवल 4 प्रतिशत महिलाएं ही शारीरिक रूप से पत्नी या मां बनने के योग्य है शेष 96 प्रतिशत स्त्रियां बाल कटाने के कारण पुरुष भाव को ग्रहण कर लेने के कारण मां बनने के लिए अयोग्य होती हैं।

 

*⚜️महिलाएं कब कटवां सकती हैं बाल?*


*🚩1.* #बालाजी जैसे स्थान पर किसी मन्नत या संकल्प आदि के चलते केश मुंडन करवा सकती हैं। मुण्डन या बाल कटाने के बाद शुद्ध स्नान आवश्यक बताया गया है।


*🚩2.* भारत में कई जगहों पर महिलाएं जब विधवा हो जाती हैं तब उनका केश मुंडन करवाया जाता है या बालों को छोटा किया जाता है।


*🚩3.* महिलाएं जब #संन्यास ग्रहण करती हैं तब उनका केश मुंडन कराया जाता है। 


*🚩4.* किसी प्रकार का कोई रोग हो या बीमारी हो तो चिकित्सक की सलाह पर भी केश मुंडन कराया जा सकता है। 

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*⚜️महिलाएं कब रख सकती हैं खुले बाल?*


*🚩1.* एकांत में केवल अपने पति के लिए इन्हें खोल सकती हैं।


*🚩2.* पति से वियुक्त तथा शोक में डुबी हुई स्त्री ही बाल खुले रखती हैं जैसे अशोक वाटिका में सीता। 


*🚩3.* #रजस्वला स्त्री खुले बाल रख सकती हैं बशर्ते कि वह नियमों का पालन करती हों।


*🚩4.* #स्नान के पश्चात तब तक बाल खुले रखे जा सकते हैं जब तक की वह सूख न जाएं।

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*⚜️बालों पर अन्य मान्यताएं :-*


*🚩1.* स्नान पश्चात बालों में तेल लगाने के बाद उसी हाथ से शरीर के किसी भी अंग में तेल न लगाएं।


*🚩2.* भोजन आदि में बाल आ जाए तो उस भोजन को त्याग दिया जाता है।


*🚩3.* #गरुड़पुराण के अनुसार बालों में काम का वास रहता है।

 

*🚩4.* बार-बार बालों का स्पर्श करना दोष कारक है क्योंकि बालों को अशुद्ध माना गया है इसलिए कोई भी जप अनुष्ठान, चूड़ाकरण, यज्ञोपवीत, आदि शुभाशुभ कृत्यों में क्षौरकर्म कराया जाता है तथा शिखा-बंधन करने के पश्चात हस्त प्रक्षालन कर शुद्ध किया जाता है।

 

*🚩5.* विद्वानों के अनुसार कहा जाता है कि ऋषि-मुनियों ने शोधकर यह अनुभव किया कि सिर के काले बाल को पिरामिड नुमा बनाकर सिर के ऊपरी ओर या शिखा के ऊपर रखने से वह सूर्य से निकली किरणों को अवशोषित करके शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे चेहरे की आभा चमकदार, शरीर सुडौल व बलवान होता है। हालांकि इस पर शोध किए जाने की आवश्यकता है।

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*🚩6.* रामायण में बताया गया है कि जब देवी सीता का श्रीराम से विवाह होने वाला होता है, उस समय उनकी माता सुनयना ने उनके बाल बांधते हुए उनसे कहा था, 'विवाह उपरांत सदा अपने केश बांध कर रखना' क्योंकि सौभाग्यवती स्त्री के बालों को सम्मान की निशानी माना गया है। बंधे हुए लंबे बाल आभूषण सिंगार होने के साथ-साथ संस्कार व मर्यादा में रहना सिखाते हैं।

 

*🚩7.* आज भी किसी लंबे अनुष्ठान, नवरात्रि पर्व, श्रावण मास तथा श्राद्ध पर्व आदि में नियमपूर्वक बाल रक्षा कर शक्ति अर्जन किया जाता है। ऋषि-मुनियों व साध्वियों ने हमेशा बाल को बांध कर ही रखा।

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*⚜️ #महिलाओं के बालों को छेड़ने का परिणाम 


*🚩1.* #रामायण में जब माता #सीता का रावण हरण करता है तो उन्हें केशों से पकड़कर अपने पुष्पक विमान में ले जाता है। इसके परिणाम स्वरूप उसका और उसके वंश का नाश हो जाता है।


*🚩2.* #महाभारत में #द्रोपदी को #दुर्योधन का भाई #दुःशासन उसके बाल पकड़कर खींचकर भरी सभा में लाता है। इस पर द्रोपदी ने प्रतिज्ञा ली थी कि अब यह बाल तभी बंधेंगे जबकि दु:शासन के रक्त से इसे धोया जाएगा। परिणाम स्वरूप कौरवों का वंश नष्ट हो गया था।

 

*🚩3.* कंस ने देवकी की आठवीं संतान को जब बालों से पकड़कर भूमि पर पटककर मारना चाहा तो वह उसके हाथों से छूटकर महामाया के रूप में प्रकट हो गई। इसके परिणाम स्वरूप कंस के संपूर्ण कुल का नाश हो गया।

 

*🛑इस तरह कई उदाहरण है कि जब भी किसी महिला के उसकी इच्छा के विरुद्ध उसके बाल पकड़े गए तो उस व्यक्ति के कुल का नाश हो गया था। ऐसे कई कारण है जिसके चलते भारतीय संस्कृति में बालों को बहुत महत्व दिया जाता है। इसे सम्मान और संस्कार का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए इसे सलीके से रखना जरूरी है।

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💯✔ #स्वास्थ्य_के_लिये_टोटके

1) अगर परिवार में कोई परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तथा लगातार औषधि सेवन के पश्चात् भी

स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है, तो किसी भी रविवार से आरम्भ करके लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का

पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उबार कर जल को पौधे में डाल दें तथा पेड़ा गाय को

खिला दें। अवश्य ही इन 3 दिनों के अन्दर व्यक्ति स्वस्थ महसूस करने लगेगा। अगर टोटके की अवधि में

रोगी ठीक हो जाता है, तो भी प्रयोग को पूरा करना है, बीच में रोकना नहीं चाहिए।


2) अमावस्या को प्रात: मेंहदी का दीपक पानी मिला कर बनाएं। तेल का चौमुंहा दीपक बना कर 7 उड़द के

दाने, कुछ सिन्दूर, 2 बूंद दही डाल कर 1 नींबू की दो फांकें शिवजी या भैरों जी के चित्र का पूजन कर, जला

दें। महामृत्युजंय मंत्र की एक माला या बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ कर रोग-शोक दूर करने की भगवान से

प्रार्थना कर, घर के दक्षिण की ओर दूर सूखे कुएं में नींबू सहित डाल दें। पीछे मुड़कर नहीं देखें। उस दिन

एक ब्राह्मण -ब्राह्मणी को भोजन करा कर वस्त्रादि का दान भी कर दें। कुछ दिन तक पक्षियों, पशुओं और

रोगियों की सेवा तथा दान-पुण्य भी करते रहें। इससे घर की बीमारी, भूत बाधा, मानसिक अशांति

निश्चय ही दूर होती है।


3) अगर बीमार व्यक्ति ज्यादा गम्भीर हो, तो जौ का 125 पाव (सवा पाव) आटा लें। उसमें साबुत काले

तिल मिला कर रोटी बनाएं। अच्छी तरह सेंके, जिससे वे कच्ची न रहें। फिर उस पर थोड़ा सा तिल्ली का

तेल और गुड़ डाल कर पेड़ा बनाएं और एक तरफ लगा दें। फिर उस रोटी को बीमार व्यक्ति के ऊपर से 7

बार वार कर किसी भैंसे को खिला दें। पीछे मुड़ कर न देखें और न कोई आवाज लगाए। भैंसा कहाँ मिलेगा,

इसका पता पहले ही मालूम कर के रखें। भैंस को रोटी नहीं खिलानी है, केवल भैंसे को ही श्रेष्ठ रहती है।

शनि और मंगलवार को ही यह कार्य करें।


4) पीपल के वृक्ष को प्रात: 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी वार से शुरू करके 7 दिन तक करें। बीमार व्यक्ति को आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।


5) घर से बीमारी जाने का नाम न ले रही हो, किसी का रोग शांत नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र ले

कर उसे हांडी में पिरो कर रोगी के पलंग के पाये पर बांधने से आश्चर्यजनक परिणाम मिलता है। उस दिन

 से रोग समाप्त होना शुरू हो जाता है।


6) यदि आपका बच्चा बहुत जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहा हो और आप को लग रहा कि दवा काम नहीं कर

रही है, डाक्टर बीमारी खोज नहीं पा रहे है। तो यह उपाय शुक्ल पक्ष की अष्टमी को करना चाहिये। आठ

गोतमी चक्र ले और अपने पूजा स्थान में मां दुर्गा के श्रीविग्रह के सामने लाल रेशमी वस्त्र पर स्थान दें। मां

भगवती का ध्यान करते हुये कुंकुम से गोमती चक्र पर तिलक करें। धूपबत्ती और दीपक प्रावलित करें।

धूपबत्ती की भभूत से भी गोमती चक्र को तिलक करें। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे की 11 माला जाप


करें। जाप के उपरांत लाल कपड़े में 3 गोमती चक्र बांधकर ताबीज का रूप देकर धूप, दीप दिखाकर बच्चे के

गले में डाल दें। शेष पांच गोमती चक्र पीले वस्त्र में बांधकर बच्चे के ऊपर से 11 बार उसार कर के किसी

विराने स्थान में गड्डा खोदकर दबा दें। आपका बच्चा हमेशा सुखी रहेगा।


7) घर मे जहा पर भी पानी लीक हो रहा हो उसे तुरंत ठीक करवा लेना चाहिए. घर मे पानी का टपकता रहना योग्य नहीं कहा जाता तथा ऐसे घर के सभ्यो मे मानसिक रोग की सम्भावना बढ़ जाती है.


 8) सूर्य को सूर्योदय के समय अर्ध्य देना अत्यधिक उत्तम होता है. उस समय “ औम घृणी सूर्य आदित्याय सर्व दोष निवारणाय नमः” का ११ बार उच्चारण करने से सभी दोषों से मुक्ति मिलती है


9) संध्या काल मे साधक अगर निर्जन वातावरण मे ५ अगरबत्ती पंच तत्वों को याद कर के लगा दे तथा पूर्वजो को मदद के लिए प्रार्थना करे तो सर्व लक्ष्मी तथा स्वास्थ्य सबंधित दोषों की निवृति होती है


10) सूर्यास्त के समय अपने जल संग्रह स्थान के पास एक दीप जलने पर आकाश तथा जल स्वास्थ्य सबंधित सर्व दोषों की निवृति होती है


#शाबर_मंत्र, (रोग समझ न आने पर )#रोग_निवारण

ॐ नमो आदेश गुरु का |

काली कमली वाला श्याम |

उसको कहते है घनश्याम |

रोग नाशे |

शोक नाशे |

नहीं तो कृष्ण की आन |

राधा मीरा मनावे |

अमुक का रोग जावे |


जब यह समझ में नहीं आये की वास्तव में रोगी किस रोग से पीड़ित है तो इस मंत्र का जाप करते हुए रोगी को झाड़ा दे | रोगी को अवश्य लाभ मिलेगा ||

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