वशीकरण टोटके PARASHMUNI

💯✔ वशीकरण के अचूक टोटके

अगर पति या प्रेमी का पत्नी या प्रेमिका के प्रति प्यार कम हो गया हो तो श्री कृष्ण का स्मरण कर तीन इलायची अपने बदन से स्पर्श करती हुई शुक्रवार के दिन छुपा कर रखें। जैसे अगर साड़ी पहनतीं हैं तो अपने पल्लू में बांध कर उसे रखा जा सकता है और अन्य लिबास पहनती हैं तो रूमाल में रखा जा सकता है। शनिवार की सुबह वह इलायची पीस कर किसी भी व्यंजन में मिलाकर पति या प्रेमी को खिला दें। मात्र तीन शुक्रवार में स्पष्ट फर्क नजर आएगा।शुक्ल पक्ष के रविवार को ५ लौंग शरीर में ऐसे स्थान पर रखें जहां पसीना आता हो व इसे सुखाकर चूर्ण बनाकर दूध, चाय में डालकर जिस किसी को पिला दी जाए तो वह वश में हो जाता है।

सिद्ध वशीकरण मन्त्र

सिद्ध वशीकरण मन्त्र – “बारा राखौ, बरैनी, मूँह म राखौं कालिका। चण्डी म राखौं मोहिनी, भुजा म राखौं जोहनी। आगू मराखौं सिलेमान, पाछे म राखौं जमादार। जाँघे म राखौं लोहा के झार, पिण्डरी म राखौं सोखन वीर। उल्टन काया, पुल्टन वीर,हाँक देत हनुमन्ता छुटे। राजा राम के परे दोहाई, हनुमान के पीड़ा चौकी। कीर करे बीट बिरा करे, मोहिनी-जोहिनी सातोंबहिनी। मोह देबे जोह देबे, चलत म परिहारिन मोहों। मोहों बन के हाथी, बत्तीस मन्दिर के दरबार मोहों। हाँक परे भिरहामोहिनी के जाय, चेत सम्हार के। सत गुरु साहेब।”

सिद्ध वशीकरण मन्त्र विधि– यह मन्त्र स्वयं सिद्ध है तथा एक गुरु के द्वारा अनुभूत प्रयोग में दिया गया है। कभी भी समय में १०८ बार जप करने से विशेष फल मिलता है । गुड़, नींबू, , सिन्दूर, अगर-बत्ती और नारियल का भोग लगाकर १०८ बार मन्त्र का जप करो । यहे जप रुद्राक्ष की माला पैर होने से परिणाम और बी अचे आते है

वशीकरण के अचूक टोटके Vashikaran Ke Achuk Totke

वशीकरण के अचूक टोटके ,” अनार के पंचांग में सफेद घुघची मिला-पीसकर तिलक लगाने से समस्त संसार वश में होजाता है।

कड़वी तूंबी (लौकी) के तेल और कपड़े की बत्ती से काजल तैयार करें। इसे आंखों मेंलगाकर देखने से वशीकरण हो जाता है।

बिल्व पत्रों को छाया में सुखाकर कपिला गाय के दूध में पीस लें। इसका तिलक करकेसाधक जिसके पास जाता है,

वह वशीभूत हो जाता है।कपूर तथा मैनसिल को केले के रस में पीसकर तिलक लगाने से साधक को जो भी देखताहै,

वह वशीभूत हो जाता है।केसर, सिंदूर और गोरोचन तीनों को आंवले के साथ पीसकर तिलक लगाने से देखने वालेवशीभूत हो जाते हैं।

श्मशान में जहां अन्य पेड़ पौधे न हों, वहां लाल गुलाब का पौधा लगा दें। इसका फूलपूर्णमासी की रात को ले आएं। जिसे यह फूल देंगे,

वह वशीभूत हो जाएगा। शत्रु के सामनेयह फूल लगाकर जाने पर वह अहित नहीं करेगा

अमावस्या की रात्रि को मिट्टी की एक कच्ची हंडिया मंगाकर उसके भीतर सूजी काहलवा रख दें। इसके अलावा उसमें साबुत हल्दी का

एक टुकड़ा, ७ लौंग तथा ७ कालीमिर्च रखकर हंडिया पर लाल कपड़ा बांध दें। फिर घर से कहीं दूर सुनसान स्थान पर वह

हंडिया धरती में गाड़ दें और वापस आकर अपने हाथ-पैर धो लें। ऐसा करने से प्रबलवशीकरण होता है।

प्रातःकाल काली हल्दी का तिलक लगाएं। तिलक के मध्य में अपनी कनिष्ठिका उंगलीका रक्त लगाने से प्रबल वशीकरण होता है।

कौए और उल्लू की विष्ठा को एक साथ मिलाकर गुलाब जल में घोटें तथा उसका तिलकमाथे पर लगाएं। अब जिस स्त्री के सम्मुख जाएगा,

वह सम्मोहित होकर जान तकन्योछावर करने को उतावली

वशीकरण मंत्र

1- कृष्ण पक्छ  के शनिवार को मिटटी की एक पुतली बनाकर उसके पेट पर साध्य स्त्री का नाम लिखे । फिर १,१०८ मंत्र पढ़ कर पुतली को उस स्त्री को दिखावे । और पुतली को अपने छाती से लगाकर रखे , तो स्त्री आप के लिए बेचैन हो जाएगी । मंत्र इस प्रकार है

जंगल की योगनी पातळ के नाग उठ मेरे वीर ' अमुक को ' लाओ मेरे पास जहा जहा जावे मेरे सलाई तह तह लाज काज भरी  ।

2- अगर प्रेमी या पति / पत्नी का मन भटक गया हो किसी दूसरी स्त्री या पुरुष में आसक्त हो गया हो । तो पत्नी शुक्रवार के दिन पति के पैरो के निचे की मिटटी लेकर या कंकर लेकर किसी पात्र में  रख दे  और फिर तेल का दीपक जलाकर निम्न मंत्र की दस माला जापे । मंत्र इस प्रकार है ।

जंगल की योगनी पाताल में नाग उठ गए मेरे वीर

लाओ मेरे पास जहा जहा जाये मेरे सही तहा तहा

आव काज भरी नाज भरी अन्तसो नगरी तक नफे तक

एक फुरो मंत्र इसरो बचा मेरे गुरु का बचन सच

जो ना जाये वीर गुरु गोरखनाथ की दुहाई

3- लवण वशीकरण

मंत्र- ओम भगवती भग भग दायनी देवदन्ति मम वास्यम कुरु कुरु स्वाहा ।

इस मंत्र का प्रयोग स्त्री को  वश में करने के लिए किया जाता है । देवदन्ति के स्थान पर स्त्री का नाम बोले । गुरुवार के दिन थोड़ा  नमक लेकर इस मंत्र से सात बार अभ्मंत्रित करे फिर स्त्री को खाने या पिने में मिलाकर दे दे ऐसा करने से वह स्त्री अवस्य ही  जाएगी ।

4 - मिठाई वशीकरण मंत्र

मंत्र

ओम नमो आदेश  कामाख्या देवी को

जल मोहु । थल मोहु । जंगल की हिरणी मोहू ।

बाट चलता बटोही मोहू । दरबार बैठा राजा मोहू ।

मोहिनी मेरा नाम । मोहू जगत संसार ।

तार तारिले तोतला । तीनो बसे कपाल

मात मोहिनी  देवी की दुहाई । फुरे मंत्र खुदाई

इस मंत्र से मिठाई को अभिमंत्रित करके जिसे चाहो खिलाओ उसे अपने वश  में करो ।

ऐसे सभी आशिक भाई जो प्रेम में असफल हो चुके है और ऐसे भाई जो अपनी पत्नी से परेशान है उनके लिए मै एक साधना दे रहा हूँ पर इस साधना का प्रेम और वशीकरण के लिए दुरूपयोग न करे और मुझसे इस साधना का अपना अनुभव न पूछे !

|| मन्त्र  ||

जंगल की योगिनी पाताल के नाग

उठो मेरे वीरो …………….. को ल्याओ हमारे पास

यहाँ यहाँ हमारे सहाई

अब नाज़ भरी ताज भरी अग्नि तक फूक फिरो

मन विसरे मेरे गुरु गोरखनाथ की दुहाई !

||  विधि  ||

इस मन्त्र का ग्रहण काल में जप करे ! ग्रहण काल में जप करने से यह मन्त्र सिद्ध हो जायेगा !

||  प्रयोग विधि ||

जब किसी स्त्री पर प्रयोग करना हो तो उस स्त्री का नाम खाली स्थान पर कह दे और 21 दिन तक हररोज 1 माला जप करे ! वो स्त्री जरूर वशीभूत होकर दौड़ी चली आएगी !

इस मन्त्र का दुरूपयोग न करे ! मेरा विश्वास है यह प्रयोग करने के बाद आपके जीवन में बदलाव जरूर आएगा !

पहला उपायः पति-पत्नी वशीकरण मंत्र

इस मंत्र का प्रयोग पति-पत्नी दोनों में कोई भी या कोई एक कर सकता है। इसके लिए आपको सिद्ध योग में निम्नलिखित मंत्र का 1100 जप कर प्रेमपूर्वक अपने लाइफ पार्टनर को पान खिलाए, इससे आपके लाइफ पार्टनर जीवन भर आपके वश में रहेंगे। इस उपाय को पति पत्नी के लिए अथवा पत्नी पति के लिए कर सकती है।

अमुक (लाइफ पार्टनर का नाम) जय जय सर्वव्यान्नमः स्वाहा।

दूसरा उपाय

पारिवारिक सुख की प्राप्ति हेतु यदि पति-पत्नी के संबंधों में कटुता आ जाए, तो पति या पत्नी, या संभव हो, तो दोनों, ऊपर वर्णित मंत्र का पांच माला जप इक्कीस दिन तक प्रतिदिन करें। जप निष्ठापूर्वक करें, तनाव दूर होगा और वैवाहिक जीवन में माधुर्य बढ़ेगा।

तीसरा उपायः मांगलिक दोष को ऐसे हटाएं

मंगल दोष के कारण वैवाहिक जीवन में कलह या तनाव होने की स्थिति में निम्नोक्त क्रिया करें। पति या पत्नी, या फिर दोनों, मंगलवार का व्रत करें और हनुमान जी को लाल बूंदी, सिंदूर व चोला चढ़ाएं। तंदूर की मीठी रोटी दान करें। मंगलवार को सात बार एक-एक मुट्ठी रेवड़ियां नदी में प्रवाहित करें। गरीबों को मीठा भोजन दान करें। मंगल व केतु के दुष्प्रभाव से मुक्ति हेतु रक्त दान करें। चांदी का जोड़ विहीन छल्ला धारण करें। इससे कुंडलियों का मांगलिक दोष दूर होकर पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम बढ़ेगा।

चौथा उपाय

जिन स्त्रियों के पति किसी अन्य स्त्री के मोहजाल में फंस गए हों या आपस में प्रेम नहीं रखते हं, लड़ाई-झगड़ा करते हों तो इस टोटके द्वारा पति को अनुकूल बनाया जा सकता है। गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात्रि में 12 बजे पति की चोटी (शिखा) के कुछ बाल काट लें और उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पति की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पति का ध्यान पूरी तरह से उस स्त्री से हट जाएगा और वह आपसे पुनः प्रेम करने लगेंगे। कुछ दिन बाद इस बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकर घर के बाहर फेंक दें।

पांचवा उपाय

शुभ मुहूर्त में मंत्र ऊँ नमो महायक्षिण्ये मम पतिं में वश्यं कुरु कुरु स्वाहा की 10 माला जप करने तथा दशांश हवन, तर्पण, मार्जन करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। इसके बाद किसी भी मिठाई को इस मंत्र से सात बार अभिमंत्रित कर अपने पति को खिला दें। ऐसा लगातार 21 दिन तक करें। इससे पति आपके वश में हो जाएंगे तथा वह अपने जीवन में कभी किसी अन्य स्त्री की तरफ नजर उठाकर भी नहीं देखेंगे।

छठां उपाय

हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया तथा मां कुरु कल्याणि कांत कांता सुदुर्लभाम्।
इस मंत्र का प्रतिदिन पांच माला जप लगातार 21 दिन तक करने से पति का प्रेम प्राप्त होता है। जप से पूर्व भगवान गणेश एवं मां दुर्गा की पूजा अवश्य करें।

सातवां उपाय

अगर किसी स्त्री के पति अन्य से प्रेम करते हैं तथा अपनी पत्नी से लड़ाई-झगड़ा आदि दुर्व्यवहार करते हैं तो ऐसी महिलाओं को प्रत्येक रविवार को अपने घर तथा बेडरूम में गूगल की धूनी देनी चाहिए। धूनी देने के पहले मन ही मन दूसरी स्त्री का नाम लेकर प्रार्थना करनी चाहिए कि आपके पति उसके प्रभाव से मुक्त हो जाएं। जल्दी ही उन दोनों का आपसी संबंध टूट जाएगा।

आठवां उपायः वास्तु टिप्स

डॉल्फिन मछलियां अपने जीवनसाथी को भेंट में देने से वैवाहिक जीवन में मधुरता एवं सद्भाव की वृद्धि होती है। डॉल्फिन मछलियों का चित्र या मूर्ति शयन कक्ष में पूर्व या पश्चिम दिशा में रखनी चाहिए। फेंग शुई के अनुसार मेंडेरियन बत्तख का जोड़ा नवविवाहित जोड़े के शयन कक्ष में रखने से जीवनपर्यंत एक दूसरे के प्रति प्रेम बना रहता है।

  वशीकरण के अचूक उपाय

१. यदि शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहा हो तो भोजपत्र का टुकड़ा लेकर उस पर लाल चंदन से शत्रु का नाम लिखकर शहद की डिब्बी में डुबोकर रख दें। शत्रु वश में आ जाएगा।

२. काले कमल, भवरें के दोनों पंख, पुष्कर मूल, श्वेत काकजंघा - इन सबको पीसकर सुखाकर चूर्ण बनाकर जिस पर डाले वह वशीभूत होगा।

३. छोटी इलायची, लाल चंदन, सिंदूर, कंगनी ,काकड़सिंगी आदि सारी सामग्री को इक्ट्ठा कर धूप बना दें व जिस किसी स्त्री के सामने धूप देगें वह वशीभूत होगी।

४. काकजंघा, तगर, केसर इन सबको पीसकर स्त्री के मस्तक पर तथा पैर के नीचे डालने पर वह वशीभूत होती है।

५. तगर, कूठ, हरताल व केसर इनको समान भाग में लेकर अनामिका अंगुली के रक्त में पीसकर तिलक लगाकर जिसके सम्मुख आएंगे वह वशीभूत हो जाएगा। ज्यादातर सभावशीकरण करने के लिए यह प्रयोग किया जाता है।

६. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में अनार की लकड़ी तोड़कर लाएं व धूप देकर उसे अपनी दांयी भुजा में बांध लें तो प्रत्येक व्यक्ति वशीभूत होगा।

७. शुक्ल पक्ष के रविवार को ५ लौंग शरीर में ऐसे स्थान पर रखें जहां पसीना आता हो व इसे सुखाकर चूर्ण बनाकर दूध, चाय में डालकर जिस किसी को पिला दी जाए तो वह वश में हो जाता है।

८. पीली हल्दी, घी (गाय का), गौमूत्र, सरसों व पान के रस को एक साथ पीसकर शरीर पर लगाने से स्त्रियां वश में हो जाती है।

९. बैजयंति माला धारण करने से शत्रु भी मित्रवत व्यवहार करने लगते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने यह माला पहनी हुई थी व उन्हें यह अतिप्रिय थी व उनमें सबको मोहित करने की अद्भुत क्षमता भी थी।

१०. कई बार पति किसी दूसरी स्त्री के चंगुल में आ जाता है तो अपनी गृहस्थी बचाने के लिए स्त्रियां यह प्रयोग कर सकती हैं। गुरुवार रात १२ बजे पति के थोड़े से बाल काटकर जला दें व बाद में पैर से मसल दें अवश्य ही जल्दी ही पति सुधर जाएगा।

११. कनेर पुष्प व गौघृत दोनों को मिलाकर, वशीकरण यंत्र रखें व आकर्षण मंत्र का जप करें। जिसका नाम लेकर १०८ बार जप करेंगे तो वह सात दिन के अंदर वशीभूत हो जाएगा।

वशीकरण

वशीकरण का सामान्य और सरल अर्थ है- किसी को प्रभावित करना, आकर्षित करना या वश में करना। जीवन में ऐसे कई मोके आते हैं जब इंसान को ऐसे ही किसी उपाय की जरूरत पड़ती है। किसी रूठें हुए को मनाना हो या किसी अपने के अनियंत्रित होने पर उसे फिर से अपने नियंत्रण में लाना हो,तब ऐसे ही किसी उपाय की सहायता ली जा सकती है। वशीकरण के लिये यंत्र, तंत्र, और मंत्र तीनों ही प्रकार के प्रयोग किये जा सकते हैं। यहां हम ऐसे ही एक अचूक मंत्र का प्रयोग बता रहे हैं। यह मंत्र दुर्गा सप्तशती का अनुभव सिद्ध मंत्र है। यह मंत्र तथा कुछ निर्देश इस प्रकार हैं-

मन्त्र
ज्ञानिनामपि चेतांसि, देवी भगवती ही सा। बलादाकृष्य मोहाय, महामाया प्रयच्छति ।।

यह एक अनुभवसिद्ध अचूक मंत्र है। इसका प्रयोग करने से पूर्व भगवती त्रिपुर सुन्दरी मां महामाया का एकाग्रता पूर्वक ध्यान करें। ध्यान के पश्चात पूर्ण श्रृद्धा-भक्ति से पंचोपचार से पूजा कर संतान भाव से मां के समक्ष अपना मनोरथ व्यक्त कर दें। वशीकरण सम्बंधी प्रयोगों में लाल रंग का विशेष महत्व होता है अत: प्रयोग के दोरान यथा सम्भव लाल रंग का ही प्रयोग करें। मंत्र का प्रयोग अधार्मिक तथा अनैतिक उद्देश्य के लिये करना सर्वथा वर्जित है।
यूं तो वशीकरण के कई तरीके प्रचलित हैं। जिनमें से कुछ तो सार्वजनिक हैं तथा कुछ अत्यंत गोपनीय किस्म के होते हैं। यंत्र, तंत्र और मंत्र के क्षेत्र में ही वशीकरण के कई अचूक और १०० प्रतिशत प्रमाणिक साधन या उपाय उपलब्ध हैं। किन्तु हर प्रयोग में किसी न किसी विशेष विधी एवं नियम-कायदों का पालन करना पड़ता ही है। यहां तक कि कुछ प्रयोग स्वयं प्रयोगकर्ता केजोखिम भरे होते हैं। इसीलिये, आज की इस भाग-दोड़ भरी जिंदगी में इंसान ऐसे तरीके या उपाय चाहता है, जो कम से कम समय में सम्पन्न हो सके और किसी भी प्रकार के खतरे से पूरी तरह से सुरक्षित भी हों।

पारम्परिक और लम्बे रास्ते पर ना तो वह चलना चाहता है और ना ही उसके पास इतना समय होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही यहां वशीकरण यानि किसी को अपने प्रभाव में लाने या अनुकूल बनाने, का सरल अनुभवी एवं अचूक तरीका या उपाय दिया जा रहा है। यह अचूक और शर्तिया कारगर उपाय इस प्रकार है–

साइंस ऑफ मेडिटेशन- जिस भी व्यक्ति को आप अपने वश में करना चाहते हैं, उसका एक चित्र जोकि लगभग पुस्तक के आकार का तथा स्पष्ट क्षवि वाला हो, उपलब्ध करें। उस चित्र को इतनी ऊंचाई पर रखें कि जब आप पद्मासन में बैठें, तो उस चित्र की क्षवि आपकी आंखों के सामने ही रहे। ५ मिनिट तक प्राणायाम करने के पश्चात उस चित्र पर ध्यान एकाग्र करें। पूर्ण गहरे ध्यान में पंहुचकर उस चित्र वाले व्यक्तित्व से बार-बार अपने मन की बात कहें। कुछ समय के बाद अपने मन में यह गहरा विश्वास जगाएं कि आपके इस प्रयास का प्रभाव होने लगा है। यह प्रयोग सूर्योदय से पूर्व होना होता है।

हर बार सफल- यह पूरा प्रयोग असंख्यों बार अजमाने पर हर बार सफल रहता है। किन्तु इसकी सफलता पूरी तरह से व्यक्ति की एकाग्रता और अटूट विश्वास पर निर्भर रहती है। मात्र तीन से सात दिनों में इस प्रयोग के स्पष्ट प्रभाव दीखने लगते हैं।
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💯✔सफल अघोरी वशीकरण मंत्र,गिफ्ट, और गुड़ का प्रयोग

अघोर पंथ साधना की एक रहस्यमयी शाखा है। इसका पालन करने वालों को अघोरी कहते हैं। सरल भाषा में कहें तो श्मशान में तंत्र क्रिया करने वाले साधु को अघोरी कहते हैं। इनका पहनावा आपको डरा सकता है। खास बात यह है कि अघोरी समाज में ज्यादा दिखाई नहीं देते। अघोरियों की पहचान यही है कि वे कुछ मांगते नहीं हैं।

अघोर पंथ की उत्पत्ति काल के बारे में भी कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलते हैं। ये भारत के प्राचीनतम धर्म शैव (शिव साधक) से संबंधित हैं। इस लेख में आगे हम आपको अघोरी साधना और अघोरी वशीकरण मंत्र के बारे में विस्तार से बताएंगे।

शिव का रूप अघोरी

अघोरी साधुओं का शिव का रूप कहा जाता है। इसलिए कहा भी जाता है कि अघोरी इस पृथ्वी पर भगवान शिव का जीवित रूप है। शिवजी के पांच रूपों में से अघोर एक रूप है। अघोरियों के बारे में हमेशा से ही लोगों को जिज्ञासा रही है। आम इंसानों से दूरी बनाकर रहने वाले ये साधु भांग-धतूरे के नशे में रहते हैं।

‘ऊं अघोरेभ्यों घोरेभ्यों नम:’ वशीकरण के लिए सबसे कारगर मंत्र है। वशीकरण करना या किसी व्यक्ति को अपने वश में करना काफी मुश्किल होता है। लेकिन कुछ साधना एवं उपासना ऐसी हैं जिनकी मदद से आप वशीकरण करने में कामयाब हो सकते हैं।

वशीकरण करने का मकसद किसी गलत प्रयोग के लिए नहीं होना चाहिए। वशीकरण तभी करना चाहिए जब आपकी भावना सही हो। ध्यान रखें इससे किसी का अहित नहीं होना चाहिए।

वशीकरण साधना

वशीकरण के लिए यह साधना बहुत ही उच्च कोटि की साधना है। इस साधना को किसी भी सोमवार रात में 11 बजे के बाद शुरू किया जा सकता है। साधना शुरू करने से पहले स्नान करके लाल कपड़े धारण कर लें। आप पहले लोहे या स्टील की बनी हुई एक प्लेट लें।

अब इसके अंदर पूरी तरह काजल लगा दें और मंत्र ‘ऊं अघोरेभ्यों घोरेभ्यों नम:’ को लिखे यानी काजल को इस प्रकार हटाए कि काजल में लिखा हुआ मंत्र साफ नजर आएं। अब प्लेट के ऊपर जिस भी व्यक्ति का वशीकरण करना है उसके वस्त्र का टुकड़ा बिछा दें।

यदि संभव न हो पुराना कपड़ा

प्लेट पर पुराना कपड़ा बिछाना संभव नहीं हो सके तो कोई भी नया कपड़े का टुकड़ा उस प्लेट पर बिछा दें। अब उस पर सिंदूर से उस व्यक्ति का नाम लिख दें, जिस पर यह प्रयोग करना है। अपने सामने भगवान शिव की तस्वीर रखें

यदि संभव न हो पुराना कपड़ा

संभव हो सके तो जिसका वशीकरण करना है उसकी तस्वीर भी रखें। रात्रि में ध्यान लगाकर रुद्राक्ष की माला से ‘शिवे वश्ये हुं वश्ये अमुक वश्ये हुं वश्ये शिवे वश्ये वश्य्मे वश्य्मे वश्य्मे फट’ मंत्र का जाप करें। यह जाप एक रात में 51 माला करना है। मंत्र में अमुक की जगह व्यक्ति का नाम उच्चारित करना है।

जप पूरा होने पर क्या करें

जब जप की 51 माला पूरी हो जाएं तो आप ऋषि मुंड केश और भगवान अघोरेश्वर से अपनी साधना में सफलता प्रदान करने के लिए प्रार्थना करें। साधना करने के दौरान आपको कुछ अजीब या आश्चर्य जनक अनुभव हो सकता है।

लेकिन इससे परेशान या चिंतित न हो। यह लक्षण है कि आपकी साधना सफल हो रही है। साधना शुरू करने के कुछ दिन बाद ही आपको परिणाम मिलने शुरू हो सकते हैं।

तत्काल फल देती है अघोर साधना

अघोर साधना कठिन लेकिन तत्काल फल देने वाली होती है। साधना से पूर्व मोह-माया का त्याग जरूरी है। अघोरी मानते हैं कि जो लोग दुनियादारी और गलत कामों के लिए तंत्र साधना करते हैं अंत में उनका अहित ही होता है।

श्मशान में शिव का वास है उनकी उपासना हमें मोक्ष की ओर ले जाती है। सभी तरह के वैराग्य को प्राप्त करने के लिए अघोरी साधु श्मशान में कुछ दिन गुजारने के बाद हिमालय या जंगल में चले जाते हैं।

अघोरी साधना के तीन रूप

अघोरी साधना तीन प्रकार की होती है। यानी अघोरी साधु श्मशान में तीन तरह की साधना करते हैं। पहली श्मशान साधना, शव साधना और तीसरी शिव साधना। ऐसी मान्यता है कि शव साधना के बाद मुर्दा बोल उठता है और आपकी इच्छाएं पूरी करता है।

शिव साधना में शव के ऊपर खड़े रहकर साधना की जाती है। शमशान साधना में आम परिवारजनों को भी शामिल किया जा सकता है। इस साधना में मुर्दे की जगह शवपीठ की पूजा की जाती है।

भूत-पिशाच से बचने के लिए उपाय

अघोरियों के पास भूत-पिशाच से बचने के लिए भी खास तरह का मंत्र होता है। अघोरी साधना शुरू करने से पहले अगरबत्ती, धूप लगाकर दीपदान करता है और फिर उस मंत्र को जपते हुए वह चिता के और अपने चारों ओर लकीर खींच देता है।

फिर तुतई बजाना शुरू करता है और साधना शुरू हो जाती है। ऐसा करके अघोरी प्रेत-पिशाचों को चिता की आत्मा और खुद को अपनी साधना में विघ्न डालने से रोकते हैं।

उपाय और टोटकों से जीवन के संकट दूर किए जा सकते हैं। हालांकि इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता फिर भी समाज में यह प्राचीनकाल से प्रचलित हैं और मान्यता अनुसार यह अनुभव पर आधारित हैं।

ऐसे उपाय या टोटके सही होते हैं जिसने किसी दूसरा का कोई नुकसान न होता हो, बल्की आपका फायदा होता हो। जिन टोटके या उपाय किसी के अहित के लिए किए जाते हों उन्हें वर्जित माना जाता है इसका परिणाम भी व्यक्ति को बाद में भुगतना होता है। हम यहां बता रहे हैं ऐसे उपाय जो ज्योतिष शास्त्र और लाल किताब के विशेषज्ञों द्वारा मान्य और सात्विक हैं। जो आओ इस बार जानते हैं गुड़ के अचूक उपाय…

दुर्घटना से बचाव हेतु : यदि आपके मन में किसी दुर्घटना या सर्जरी का भय हो तो तांबें के बर्तन में गुड़ रखकर हनुमानजी के मंदिर में दान देने के बाद वहीं बैठकर धूप-दीप जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा कुछ मंगलवार और शनिवार को करें। फिर जब भी समय मिले तो श्रद्धा अनुसार करते रहें। इसे आपके जीवन में इस तरह का संकट कभी नहीं आएगा।

* यदि सूर्य नीच का हो तो : जिस व्यक्ति का सूर्य नीच का (खासकर षष्टम, सप्तम और अष्टम भाव में) होगा उसके मुंह से सदैव लार बहती रहेगी एवं शरीर के अंग बेकार हो जाएंगे या लकवा मार जायेगा। इस स्थिति में गुड़ खाकर जल पीकर कार्य प्रारंभ करें। बहते पानी में गुड़ बहायें। 800 ग्राम गेंहू उवं 800 ग्राम गुड़ रविवार से 8 दिन तक मंदिर में भेंट करे। सूर्य द्वादश भाव में हो तो बंदरों को गुड़ खिलाएं।

स्थाई संपत्ति हेतु : यदि लाख प्रयत्न करने के बाद भी आपका कोई मकान नहीं बन पा रहा है या बनने के बाद बिकने की नौबत आ जाती हो तो यह तीन टोटके आजमाएं। प्रत्येक शुक्रवार को नियम से किसी भूखे को भोजन कराएं, दूसरा किसी रविवार के दिन गाय को गुड़ खिलाएं। तीसरा शनिवार के दिन शनि मंदिर में छाया दान करें। ऐसा नियमित करने से अपनी अचल सम्पति बनेगी।

मनोकामना पूर्ण करने हेतु : 7 गुड़ की डलियों के साथ, एक रुपए का सिक्का और हल्दी की 7 साबुत गाठें पीले कपड़े में वीरवार को बांधकर रेलवे लाईन के पार फेंक दें। फेंकते समय अपनी कामना बोलें। ऐसा करने से मनोकामना पूर्ण होगी।

कर्ज मुक्ति हेतु : कहा जाता है कि भोजन में गुड़ का प्रयोग करने से लाभ मिलता है। थोड़ा थोड़ा गुड़ खाते रहने से धन की आवक बढ़ती है। कुछ भोग (लड्डू अथवा गुड़-चना) के साथ हनुमानजी के मंदिर में जाकर उनके चरणों में अर्पित करके ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें। तत्काल लाभ प्राप्त होगा।

भाई-बहन से समझौता : बहन या भाईयों से कोई समस्या हो तो सवा किलो गुड़ जमीन में दबाने से समझौता होता है, ऐसा मंगलवार को करें। हलांकि यह उपाय किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर ही करें, क्योंकि कुंडली में मंगल और सूर्य की स्थिति देखी जाती है।

मनोकामना पूर्ण करने का अचूक उपाय : यह उपाय किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के मंगलवार से (चतुर्थी, नवमी व चतुर्दशी तिथि छोड़कर) शुरू कर सकते हैं। उपाय के दौरान क्षौर कर्म (दाढ़ी बनवाना, नाखून काटना आदि) वर्जित। यह उपाय करने के लिए अब हनुमानजी के किसी ऐसे मंदिर का चयन करें जहां अधिक भीड़ न आती हो और जो एकांत में हो।
उपाय प्रारंभ के पूर्व सवा पाव अच्छा गुड़, थोड़े से भूने चने और सवा पाव गाय के शुद्ध घी का प्रबंध कर लें। गुड़ के छोटे-छोटे 21 टुकड़े कर लें। साफ रूई लेकर इसकी 22 फूल बत्तियां बनाकर घी में भिगो दें। इन सभी वस्तुओं को अलग-अलग साफ बर्तनों में लेकर किसी स्वच्छ स्थान पर रख दें। साथ ही माचिस और एक छोटा बर्तन जिसमें रोज ये वस्तुएं आसानी से लेजाई जा सकें भी रख दें।
इसके बाद एक साफ बर्तन में एक गुड़ की डली, 11 चने, एक घी की बत्ती और माचिस लेकर साफ कपड़े से इस ढंक लें। मंदिर पहुंचने के बाद 11 चने और एक गुड़ की डली हनुमानजी के सामने रखकर साष्टांग प्रणाम कर अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए मन ही मन श्रद्धा व विश्वास से प्रार्थना करें फिर श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें।
अब घर पहुंचने के बाद यह पूरी सामग्री उचित स्थान रख दें। रात में सोने से पहले 11 बार श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें व अपनी मनोकामना सिद्धि के लिए प्रार्थना करें। यह प्रक्रिया लगातार 21 दिन तक करें।
22वें दिन मंगलवार को सुबह स्नान आदि करने के बाद सवा किलो आटे का एक रोट बनाकर गाय के गोबर से बने उपले में इसे पका लें। अब इसमें आवश्यकतानुसार गाय का शुद्ध घी और गुड़ मिलाकर उसका चूरमा बना लें। 21 डलियों के बाद जो गुड़ बचा हो उसे भी चूरमे में मिला दें।
इस चूरमे को थाली में रखकर बचे हुए सारे चने व 22वीं अंतिम बत्ती लेकर मंदिर जाएं। फिर हनुमानजी की मूर्ति के सामने बत्ती जलाकर चने एवं चूरमे का भोग लगाएं। अब एक छोटे से बर्तन में थोड़ा से चूरमा लेकर हनुमानजी के सामने रख दें और शेष अपने साथ ले आएं। अब दोनों वक्त इस चुरमें को ही भोजन के रूप में प्रयोग करें। अन्य तरह का भोजन ग्रहण न करें। यदि चूरमा बच जाए या ज्यादा हो तो उसे प्रसाद के रूप में बांट दें। यह उपाय विधि पूर्वक मौन धारण करके करना चाहिए। मंदिर आते जाते समय मौन रहें। आगे पीछे न देखें और न ही किसी से मंदिर या रास्ते में वार्तालाप करें अन्यथा यह उपाय भंग हो जाएगा। इस उपाय को करने के बाद श्रीहनुमानजी की कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होने के योग बनने लगेंगे।

नौकरी प्राप्त करने हेतु : साक्षात्कार देने जाते समय या घर से बाहर नौकरी की तलाश में निकलते समय रास्ते में किसी गाय को आटा और गुड़ खिलाकर जाएंगे तो सफलता मिलेगी।

शीघ्र विवाह हेतु : जिन व्यक्तियों को शीघ्र विवाह की कामना हों उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोड़ी हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए। तथा इसके साथ ही थोड़ा सा गुड़ व चने की पीली दाल का भोग गाय को लगाना शुभ होता है।

नींद के लिए : नींद नहीं आती है तो शयनकक्ष में दो किलो सफेद गुड़ लाल कपड़े में बांधकर रखें।

जहां प्यार है वहां तोहफों का आदान-प्रदान होता रहता है। भेंट देने के लिए किसी मौके का इंतजार नहीं करना पड़ता। शास्त्रों में कहा गया है भगवान, मित्र, गुरू और पुत्री के घर कभी भी खाली हाथ नहीं जाना चाहिए। उनके लिए कोई न कोई उपहार अवश्य लेकर जाना चाहिए। क्षमता न हो तो हाथ में तुलसी पत्र ही लेकर जाया जा सकता है। कुछ ईर्ष्यालु लोग ऐसे होते हैं, जो कुछ ऐसा सामान उपहार में दे देते हैं, जिससे घर में  दुर्भाग्य का प्रवेश हो जाता है।

घर में बैड लक लाते हैं ये गिफ्ट

* प्रचंड जीवों की फोटो अथवा मूरत जैसे शेर, बाघ, चीता आदि।

* डूबते हुए जहाज की फोटो अथवा मूरत।
* चाकू, छुरी जैसे नुकीले सामान।

* परफ्यूम

* काले रंग के कपड़े।

* जूते

* रुमाल

* घड़ी

* शनिवार वाले दिन मित्रों से लेन-देन न करें। इस दिन उनसे बहस भी नहीं करनी चाहिए।

* मित्रों को कभी भी काले रंग की वस्तुें भेंट न करें अौर न ही उनसे लें। काला रंग राहु को प्रभावित करता है, जिसे दोस्ती के लिए शुभ नहीं माना जाता।
घर में गुड लक लाते हैं ये गिफ्ट

* घर की महिलाओं को वस्त्र, गहने आदि उपहार में जरूर दें, इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

* सूर्यास्त के वक्त बाहरी व्‍यक्‍त‌ि को किसी भी तरह की भेंट न दें। ऐसा करने से धन की हानि होती है।

* जब भी घर से बाहर जाएं, वापसी पर कुछ लेकर लौटें (खाने-पीने का सामान या घर में उपयोग होने वाली कोई भी वस्तु)। खाली हाथ घर में प्रवेश न करें।

* अष्टमी के दिन कन्याअों को खीर-पूरी खिलानी चाहिए।

* कहा जाता है कि जूठा खाने से प्यार अौर मित्रता में बढ़ौतरी होती है परंतु वास्तु के अनुसार ये झगड़े का कारण बनता है। दोस्ती को मजबूत बनाने के लिए एक-दूसरे का जूठा भोजन न खाएं।

*  लक्ष्मी कृपा के लिए हर बृहस्पतिवार सुहागन स्त्री को कोई भी सुहाग की वस्तु भेंट करें।
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💯✔अघोरी वशीकरण मंत्र और कुछ टोटके

अघोर पंथ साधना की एक रहस्यमयी शाखा है। इसका पालन करने वालों को अघोरी कहते हैं। सरल भाषा में कहें तो श्मशान में तंत्र क्रिया करने वाले साधु को अघोरी कहते हैं। इनका पहनावा आपको डरा सकता है। खास बात यह है कि अघोरी समाज में ज्यादा दिखाई नहीं देते। अघोरियों की पहचान यही है कि वे कुछ मांगते नहीं हैं।

अघोर पंथ की उत्पत्ति काल के बारे में भी कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलते हैं। ये भारत के प्राचीनतम धर्म शैव (शिव साधक) से संबंधित हैं। इस लेख में आगे हम आपको अघोरी साधना और अघोरी वशीकरण मंत्र के बारे में विस्तार से बताएंगे।

शिव का रूप अघोरी

अघोरी साधुओं का शिव का रूप कहा जाता है। इसलिए कहा भी जाता है कि अघोरी इस पृथ्वी पर भगवान शिव का जीवित रूप है। शिवजी के पांच रूपों में से अघोर एक रूप है। अघोरियों के बारे में हमेशा से ही लोगों को जिज्ञासा रही है। आम इंसानों से दूरी बनाकर रहने वाले ये साधु भांग-धतूरे के नशे में रहते हैं।

‘ऊं अघोरेभ्यों घोरेभ्यों नम:’ वशीकरण के लिए सबसे कारगर मंत्र है। वशीकरण करना या किसी व्यक्ति को अपने वश में करना काफी मुश्किल होता है। लेकिन कुछ साधना एवं उपासना ऐसी हैं जिनकी मदद से आप वशीकरण करने में कामयाब हो सकते हैं।

वशीकरण करने का मकसद किसी गलत प्रयोग के लिए नहीं होना चाहिए। वशीकरण तभी करना चाहिए जब आपकी भावना सही हो। ध्यान रखें इससे किसी का अहित नहीं होना चाहिए।

वशीकरण साधना

वशीकरण के लिए यह साधना बहुत ही उच्च कोटि की साधना है। इस साधना को किसी भी सोमवार रात में 11 बजे के बाद शुरू किया जा सकता है। साधना शुरू करने से पहले स्नान करके लाल कपड़े धारण कर लें। आप पहले लोहे या स्टील की बनी हुई एक प्लेट लें।

अब इसके अंदर पूरी तरह काजल लगा दें और मंत्र ‘ऊं अघोरेभ्यों घोरेभ्यों नम:’ को लिखे यानी काजल को इस प्रकार हटाए कि काजल में लिखा हुआ मंत्र साफ नजर आएं। अब प्लेट के ऊपर जिस भी व्यक्ति का वशीकरण करना है उसके वस्त्र का टुकड़ा बिछा दें।

यदि संभव न हो पुराना कपड़ा

प्लेट पर पुराना कपड़ा बिछाना संभव नहीं हो सके तो कोई भी नया कपड़े का टुकड़ा उस प्लेट पर बिछा दें। अब उस पर सिंदूर से उस व्यक्ति का नाम लिख दें, जिस पर यह प्रयोग करना है। अपने सामने भगवान शिव की तस्वीर रखें

यदि संभव न हो पुराना कपड़ा

संभव हो सके तो जिसका वशीकरण करना है उसकी तस्वीर भी रखें। रात्रि में ध्यान लगाकर रुद्राक्ष की माला से ‘शिवे वश्ये हुं वश्ये अमुक वश्ये हुं वश्ये शिवे वश्ये वश्य्मे वश्य्मे वश्य्मे फट’ मंत्र का जाप करें। यह जाप एक रात में 51 माला करना है। मंत्र में अमुक की जगह व्यक्ति का नाम उच्चारित करना है।

जप पूरा होने पर क्या करें

जब जप की 51 माला पूरी हो जाएं तो आप ऋषि मुंड केश और भगवान अघोरेश्वर से अपनी साधना में सफलता प्रदान करने के लिए प्रार्थना करें। साधना करने के दौरान आपको कुछ अजीब या आश्चर्य जनक अनुभव हो सकता है।

लेकिन इससे परेशान या चिंतित न हो। यह लक्षण है कि आपकी साधना सफल हो रही है। साधना शुरू करने के कुछ दिन बाद ही आपको परिणाम मिलने शुरू हो सकते हैं।

तत्काल फल देती है अघोर साधना

अघोर साधना कठिन लेकिन तत्काल फल देने वाली होती है। साधना से पूर्व मोह-माया का त्याग जरूरी है। अघोरी मानते हैं कि जो लोग दुनियादारी और गलत कामों के लिए तंत्र साधना करते हैं अंत में उनका अहित ही होता है।

श्मशान में शिव का वास है उनकी उपासना हमें मोक्ष की ओर ले जाती है। सभी तरह के वैराग्य को प्राप्त करने के लिए अघोरी साधु श्मशान में कुछ दिन गुजारने के बाद हिमालय या जंगल में चले जाते हैं।

किसी को वश में करने से जुड़ा तांत्रिक उपाय :-

इस उपाय को करने के लिए आपको सफेद आंकड़े के फूल की आवश्यकता पड़ेगी. सफेद आंकड़े के फूल को लेकर उसे छाया में सूखने दे. इसके पश्चात आंकड़े के सूखे फूल को कपिला गाय की दूध में यानि की सफेद रंग के गाय के दूध में पीस ले और इसका तिलक उस व्यक्ति के सर में लगाए जिस व्यक्ति को आप अपने वश में करना चाहते है.

वह व्यक्ति आप के वश में होकर आपकी सभी बातो को मानने लगेगा. परन्तु ध्यान रहे की इस तांत्रिक क्रिया का कोई दुरूपयोग न हो.

किसी को वश में करना वशीकरण कहलाता है. इसके लिए वशीकरण मंत्र का प्रयोग किया जाता है. वशीकरण मंत्र जिसके लिए पढ़ा जाता है, वह मनुष्य मंत्र पढ़ने वाले के वश में आ जाता है. कभी आपने सोचा है कि इस बात में कितना सच है?

मनुष्य चाँद पर पहुँच चुका है और मंगल तक यान भेज चुका है. लेकिन मनुष्य आत्मविश्वास की कमी के कारण कुछ भी कर गुज़रने को तैयार है. वो ढोंगी बाबाओं की पास जाता है जहाँ उसके समय, धन और मान-सम्मान सबकी हानि होती है. जाने वो यह क्यों भूल जाता है कि “होइहि सोइ जो राम रचि राखा”;

अर्थात् ईश्वर की इच्छा से सबकुछ सम्पन्न होता है. लेकिन आज व्यक्ति समय से दौड़ लगा रहा है और उसे जो चीज़ उसे आकर्षित करे वह उसे पाना चाहता है. चाहे इसके लिए उसे कोई भी क़ीमत क्यों न चुकानी पड़े.

समय के थपेड़े खा रहा आदमी जब ढोंगी बाबाओं के चंगुल में फंसता है. तो बाबा जी कहते हैं –

बच्चा तुम्हारी सब समस्याओं का हल तंत्र-मंत्र में है. आज अनेक लोग जो चाहते वह उन्हें मिल जाता है लेकिन समय बदल गया है मुक़ाबला कड़ा है. जो किसी को भी भ्रमित कर देता है. बहुत से लोग कड़ी मेहनत करने की बजाय धोखा-धड़ी से दूसरों के सिर पर पैर रखकर ऊपर जाते हैं.
वशीकरण मंत्र किसी को नुकसान पहुँचाने के लिए नहीं है. यह किसी पर ज़बरदस्ती करने के लिए नहीं है न ही किसी का बुरा करने के लिए है.

सभी को वशीकरण मंत्र के बारे में मालूम है. जब करियर आकाश की ऊँचाइयों को छूते हुए बिना किसी बात के अचानक धड़ाम से नीचे आ जाये और आप ज्योतिषियों के दरवाज़े खटकाते-खटकाते थक जायें लेकिन आपको सफलता न मिले तो वशीकरण मंत्र ही है जो करियर को दुबारा नयी ऊँचाई पर ले जा सकता है.

वशीकरण मंत्र किसी पीड़ित व्यक्ति के मन-मस्तिष्क को प्रभावित करता है. यह बहुत प्रभावी होता है चाहे दुनिया में कोई कहीं भी रहता हो. बस जैसा बताया जाये ध्यान केंद्रित करके आप इसका प्रभाव देख सकते हैं. जीवन भर के कड़े तप के बाद इस वशीकरण मंत्र को सिद्ध किया गया है. आप इसके प्रयोग से किसी को भी अपना बना सकते हैं और सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते हैं.

1. कामाक्षी वशीकरण मंत्र

ॐ नम: कामाक्षी देवी {कन्या का नाम} नारी मे वशं कुरु – कुरु स्वाहा.

2. काल-भैरव वशीकरण मंत्र

ॐ नमो काली भैरव निशि राती काल आया आधा
राती चलती कतार बंधे तू बावन बार पर नारी से राखे
गीर मन पकरि वाको लावे सोवति को जगाय लावे
बैठी को उठाय लावे फुरो मंत्र इश्वरो वाचा.

3. चामुण्डा वशीकरण मंत्र

ॐ नमो अघोरे ही अघोरे हुं घोर घोरतरे सर्व सर्वे
नमस्ते रूपे ह: ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे विच्चे
नवाक्षार चंडीमात्रेण निमंत्रयेत्तच बलिपुर्वकम्.

कामदेव और शिव

जब भगवान शिव की पत्नी सती अपने पिता दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में बिना निमंत्रण के पहुंच गईं तब वहां उनके पिता ने उनका और उनके पति भोलेनाथ को बहुत अपमानित किया। अपने पति के अपमान से आहत और पिता के व्यवहार से क्रोधित सती ने उसी यज्ञ की अग्नि में आत्मदाह कर लिया। सती की मृत्यु के पश्चात भगवान शिव, संसार के सभी बंधनों को तोड़कर, मोह-माया को पीछे छोड़कर तप में लीन हो गए। ऐसे में कामदेव ने उन पर अपना बाण चलाकर शिव के भीतर देवी पार्वती के लिए आकर्षण विकसित किया।

2. श्रीकृष्ण और कामदेव

श्रीकृष्ण जो पूरी तरह वासना से रहित हैं, उन्हें भी कामदेव ने अपने नियंत्रण में लाने का प्रयास किया। कामदेव ने भगवान कृष्ण से यह शर्त लगाई कि वह उन्हें भी स्वर्ग की अप्सराओं से भी सुंदर गोपियों के प्रति आसक्त कर देंगे। कृष्ण ने कामदेव की सभी शर्त स्वीकार की और गोपियों संग रास भी रचाया लेकिन फिर भी उनके मन के भीतर एक भी क्षण के लिए वासना ने घर नहीं किया।

3. पौराणिक कथाओं में कामदेव

पौराणिक काल से जुड़ी बहुत सी कहानियों में हम कामदेव का जिक्र और उनका उल्लेख सुनते हैं। जितनी भी कहानियों में हमने कामदेव के बारे में सुना या पढ़ा है, उन्हें जानकर एक बात तो समझ में आती है कि कामदेव का संबंध प्रेम और कामेच्छा से है। लेकिन कामदेव हैं कौन और इनकी भूमिका क्या है, इस बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं।

4. क्यूपिड और कामदेव

जिस तरह पश्चिमी देशों में क्यूपिड और यूनानी देशों में इरोस को प्रेम का प्रतीक माना जाता है, उसी तरह हिन्दू धर्म ग्रंथों में कामदेव को प्रेम और अकार्षण का देवता कहा जाता है।

5. अथर्ववेद में काम

काम का अर्थ होता है कामेच्छा या फिर आकर्षण और देव का अर्थ उस शख्सियत से है, जिसका संबंध स्वर्ग लोक से हो। अथर्ववेद में भी काम का जिक्र हुआ है लेकिन मात्र इच्छा के रूप में ना कि कामेच्छा के।

6. रति

पौराणिक कथाओं के अनुसार कामदेव, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के पुत्र माने जाते हैं। उनका विवाह रति, जिन्हें प्रेम और आकर्षण की देवी कहा जाता है, से हुआ है।

7. गंधर्व

कामदेव को अर्धदेव या गन्धर्व भी कहा जाता है, जो स्वर्ग के वासियों में कामेच्छा उत्पन्न करने के लिए उत्तरदायी हैं।

8. ब्रह्मा के पुत्र

कुछ कथाओं में यह भी उल्लिखित है कि कामदेव स्वयं ब्रह्माजी के पुत्र हैं और इनका संबंध भगवान शिव से भी है।

9. कामदेव की आराधना

इनके स्वरूप की बात होती है तो कामदेव को सुनहरे पंखों से लैस एक सुंदर नवयुवक की तरह प्रदर्शित किया गया है, जिसके हाथ में धनुष और बाण हैं। उनका धनुष मिठास से भरे गन्ने का बना होता है और उस पर शहद की मक्खियों से।

10. कामदेव के धनुष-बाण

खूबसूरत तोते की सवारी करते कामदेव के धनुष के बाण अशोक के पेड़ के महकते फूलों के अलावा सफेद, नीले कमल, चमेली और आम के पेड़ पर लगने वाले फूलों से बने होते हैं।

11. शक्तिशाली मंत्र

कामदेव के बाण ही नहीं उनका “क्लीं मंत्र” भी विपरीत लिंग के व्यक्ति को आकर्षित करता है। अगर आप किसी अन्य व्यक्ति को अपने प्रति आकर्षित करना चाहते हैं तो इसमें कामदेव मंत्र आपकी बहुत सहायता कर सकता है। इस मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना जाता है।

12. कामदेव मंत्र

कामदेव के “क्लीं मंत्र” का नित्यदिन जाप करना आपके और सामने वाले व्यक्ति के भीतर प्रचुर मात्रा में संवेदना उत्पन्न करता है। इससे ना सिर्फ आपका साथी आपके प्रति शारीरिक रूप से आकर्षित होगा बल्कि आपकी प्रशंसा करने के साथ-साथ वह आपको अपनी प्राथमिकता भी बना लेगा।

13. मंत्र जाप

इस मंत्र को भोर और रात्रि में 108 बार पढ़ने से, मात्र 21 दिनों के भीतर ही व्यक्ति कामदेव मंत्र को सिद्ध कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपके ध्यान और श्रद्धा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

14. मंत्र की शर्तें

ये मंत्र सिर्फ दूसरे व्यक्ति को अपने प्रति आकर्षित करने के लिए ही नहीं बल्कि उनके आकर्षण को बरकरार रखने के लिए भी उपयोगी है। लेकिन इस मंत्र के साथ कई शर्तें भी जुड़ी हुई हैं, जिन्हें पूर्ण करना आवश्यक है।

15. समर्पण

सबसे पहली शर्त यह है कि मंत्र जाप करने वाले व्यक्ति को केवल शाकाहारी भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। इसके अलावा मंत्र जाप करने से पहले स्नान करना भी अत्यंत आवश्यक है, श्रद्धा और समर्पण की भावना इस मंत्र की सफलता के लिए बूस्टर साबित होती है।

16. सौंदर्य की चाह

कहा जाता है प्राचीन काल में वेश्याएं और नर्तकियां भी इस मंत्र का जाप करती थीं, क्योंकि वे अपने प्रशंसकों के आकर्षण को खोना नहीं चाहती थीं। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के लगातार जाप करते रहने की वजह से उनका आकर्षण, सौंदर्य और कांति बरकरार रहती थी।

17. उपयोगी है मंत्र

कामदेव मंत्र प्रेम भावना जगाने और प्रेमी को आकर्षित करने के लिए उपयोगी है। लेकिन अगर आप अपने जीवन में सच्चा प्रेम पाना चाहते हैं तो इस मामले में भी यह मंत्र आपके लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

वशीकरण के सरल टोटके

वशीकरण का अर्थ है किसी अन्य व्यक्ति को अपने अनुकूल बना लेना या उससे अपनी इच्छा अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य कर देना है. ये कार्य सामान्य रूप से तंत्र - मंत्र एवं भूत-प्रेत तीनों की सहायता से किया जाता है.
सही काम के लिए करें वशीकरण के मंत्रों का उपयोग

वशीकरण के मंत्रों का उपयोग किसी सही काम के लिए ही किया जाना चाहिए नहीं तो ये आप पर बुरा प्रभाव भी डाल सकते है.

मंत्र उपयोग से पहले ज्ञानी व्यंक्ति लें सलाह

किसी भी मंत्र को करने से पहले एस्ट्रोलोजर या फिर किसी ज्ञानी व्यक्ति से एक बार परामर्श जरूर करना चाहिए. सभी वशीकरण के तरीके बहुत ही प्रभावशाली होते है लेकिन इतना अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि आप इसका उपयोग सही तरीके और सही काम के लिए करें
वशीकरण मंत्रों से आकर्षित करें इन लोगों को

हमारे वशीकरण मंत्र नीचे लिखे विभिन्न व्यक्तियों को आकर्षित करने के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं: पति का प्यार पाने के लिए, पत्नी का प्यार पाने के लिए, प्रेमिका का प्यार पाने के लिए, प्रेमी का प्यार पाने के लिए.

वशीकरण मंत्र विभिन्न प्रकार हैं

कामदेव वशीकरण मंत्र, मोहिनी वशीकरण मंत्र, कामाखया वशीकरण मंत्र, काम गायत्री वशीकरण मंत्र, शाबर वशीकरण मंत्र आदि.

वशीकरण टोटका

यह वशीकरण टोटका और मंत्र कई जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है और इसका तत्काल परिणाम मिलता है. सबसे पहले आप गधे के 27 दांत इकट्ठा करें और घोड़े के बालों के साथ इन दांतों को भुनों. सुबह में पूर्व की ओर बैठते हुए और नीचे लिखे मंत्र को दोहराएँ.

मंत्र

"ओम नमो भूतनाथ समस्त भुवन, भूटानी साध्य हू." मंत्र एक दिन में 3 बार 101 बार दोहराया जाना चाहिए. उसके बाद इस मंत्र से ऊर्जा मिल जाने पर आपका काम साध्य हो जाएगा.

हाथ-पैरों के नाखून खिलाने से करें वश में

अपने हाथ-पैरों के नाखून काटें और उस औरत जिस पर आप वशीकरण टोटका करना चाहते हैं उसके भोजन के साथ मिश्रण कर दें. महिला के द्वारा यह खाना खाने के बाद आप उसे अपने नियंत्रण में ले सकते है.

श्मशान की मिट्टी और नाखून से करें वश में

रविवार को शुक्ल पक्ष के किसी भी महीने में शमशान की मिट्टी लेकर उसे अपने हाथ-पैरों के नाखूनों के साथ मिश्रण कर दें. जिस व्यक्ति पर आप वशीकरण टोटका करना चाहते हो उसके भोजन के साथ इन सभी का मिश्रण मिला दे. यह खाना उस व्यक्ति को खिला दें और इसको खाने के बाद वो व्यक्ति आपके नियंत्रण में आ जाएगा

पेठे में मिलाएं वीर्य और करें वश में

अमावस्या पर पेठे के साथ अपने वीर्य का मिश्रण कर दें और कुम्हार के दरवाजे पर इस पेठे के मिश्रण के साथ वामावर्त दिशा में एक चक्कर ले. जब कोई औरत इस पेठा को खाती है तो वो आपके नियंत्रण में आ जाती है.

दूध में चमेली की लकड़ी से वशीकरण

रविवार को चमेली की लकड़ी लें और जायफल और राल के साथ मिश्रण बना लें. फिर दूध के साथ मिश्रण करके एक गोली बना लें. यह टैबलेट उस महिला को दें. जब वह यह खाएगी तो वशीकरण टोटका उस पर हावी हो जाएगा और वो आपके प्रभाव के तहत आ जायेगा.

फोटो द्वारा वशीकरण

फोटो द्वारा वशीकरण बहुत पुरानी विधि है, जो हमारे पूर्वजों द्वारा इस्तेमाल की जाती थी. वास्तव में फोटो द्वारा वशीकरण बहुत शक्तिशाली विधि है जिसमें बल के बिना आप अपने जीवन में दूसरे आदमी को नियंत्रित कर सकते है.

वशीकरण मंत्र

ॐ भगवती भग भाग दायनी देव दन्ती मम वंश्य करु करु स्वाहा ||
सरल भाषा में कहे तो अगर 1 या 2 व्यक्तियों को अपने अनुकूल बनाने के लिए जो क्रिया की जाती है उसे वशीकरण कहते है और अगर हम अपने में ही ऐसी क्षमता विकसित कर ले जिससे कोई भी हमे देखता ही रह जाए या हमारी ओर आकर्षित हो तो उसे सम्मोहन कहेंगे | इसे एक भौतिक उदहारण से समझते है की अगर कोई व्यक्ति बहुत ही सजता सवारता है जिससे उसे देखने वाले लोग उसकी ओर आकर्षित हो, उसके कार्यो के अनुकूल बने तो इसे सम्मोहन कहा जायेगा वही दूसरी तरफ कुछ विशेष लोगो को अपनी और आकर्षित करने और उन्हें अपने अनुकूल बनाने के लिए जो भी क्रिया की जाएगी उसे वशीकरण कहेगे |

सम्मोहन और वशीकरण के अध्यात्मिक, तांत्रिक तरीको को जानेंगे जो हमारे देश में सदियों से चलते आ रहे है,

वशीकरण के अचूक उपाय और टोटके |

#1. कई बार पति किसी दूसरी स्त्री के चंगुल में आ जाता है तो अपनी गृहस्थी बचाने के लिए स्त्रियां यह प्रयोग कर सकती हैं। गुरुवार रात 12 बजे पति के थोड़े से बाल काटकर जला दें व बाद में पैर से मसल दें अवश्य ही जल्दी ही पति सुधर जाएगा

#2. बैजयंति माला धारण करने से शत्रु भी मित्रवत व्यवहार करने लगते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने यह माला पहनी हुई थी व उन्हें यह अतिप्रिय थी व उनमें सबको मोहित करने की अद्भुत क्षमता भी थी।

#3. पीली हल्दी, घी (गाय का), गौमूत्र, सरसों व पान के रस को एक साथ पीसकर शरीर पर लगाने से स्त्रियां वश में हो जाती है।

#4. शुक्ल पक्ष के रविवार को 5 लौंग शरीर में ऐसे स्थान पर रखें जहां पसीना आता हो व इसे सुखाकर चूर्ण बनाकर दूध, चाय में डालकर जिस किसी को पिला दी जाए तो वह वश में हो जाता है।

#5. यदि शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहा हो तो भोजपत्र का टुकड़ा लेकर उस पर लाल चंदन से शत्रु का नाम लिखकर शहद की डिब्बी में डुबोकर रख दें। शत्रु वश में आ जाएगा।

#6. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में अनार की लकड़ी तोड़कर लाएं व धूप देकर उसे अपनी दांयी भुजा में बांध लें तो प्रत्येक व्यक्ति वशीभूत होगा।

#7. तगर, कूठ, हरताल व केसर इनको समान भाग में लेकर अनामिका अंगुली के रक्त में पीसकर तिलक लगाकर जिसके सम्मुख आएंगे वह वशीभूत हो जाएगा। ज्यादातर सभावशीकरण करने के लिए यह प्रयोग किया जाता है।

#8. काकजंघा, तगर, केसर इन सबको पीसकर स्त्री के मस्तक पर तथा पैर के नीचे डालने पर वह वशीभूत होती है।

#9. छोटी इलायची, लाल चंदन, सिंदूर, कंगनी , काकड़सिंगी आदि सारी सामग्री को इक्ट्ठा कर धूप बना दें व जिस किसी स्त्री के सामने धूप देगें वह वशीभूत होगी।

#10. काले कमल, भवरें के दोनों पंख, पुष्कर मूल, श्वेत काकजंघा – इन सबको पीसकर सुखाकर चूर्ण बनाकर जिस पर डाले वह वशीभूत होगा।

#11. कनेर पुष्प व गौघृत दोनों को मिलाकर, वशीकरण यंत्र रखें व आकर्षण मंत्र का जप करें। जिसका नाम लेकर 108 बार जप करेंगे तो वह सात दिन के अंदर वशीभूत हो जाएगा।

सम्मोहन शक्तिवर्धक उपाय व टोटके |

#1. स्त्रियां अपने मस्तक पर आंखों के मध्य एक लाल बिंदी लगाकर उसे देखने का प्रयास करें। यदि कुछ समय बाद बिंदी खुद को दिखने लगे तो समझ लें कि आपमें सम्मोहन शक्ति जागृत हो गई है।

#2. गुरुवार को मूल नक्षत्र में केले की जड़ को सिंदूर में मिलाकर पीस कर रोजाना तिलक करने से आकर्षण शक्ति बढ़ती है।

#3. गेंदे का फूल, पूजा की थाली में रखकर हल्दी के कुछ छींटे मारें व गंगा जल के साथ पीसकर माथे पर तिलक लगाएं आकर्षण शक्ति बढ़ती है।

#4. श्वेत अपामार्ग की जड़ को घिसकर तिलक करने से सम्मोहन शक्ति बढ़ती है।

#5. मोर की कलगी रेश्मी वस्त्र में बांधकर जेब में रखने से सम्मोहन शक्ति बढ़ती है।

कई बार आपको यदि ऐसा लगता है कि परेशानियां व समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। धन का आगमन रुक गया है या आप पर किसी द्वारा ‘‘तांत्रिक अभिकर्म’’ किया गया है तो आप यह टोटके अवश्य प्रयोग करें, आपको इनका प्रभाव जल्दी ही प्राप्त होगा।

तान्त्रिक अभिकर्म से प्रतिरक्षण हेतु महत्वपूर्ण उपाय व टोटके :

#1. शुक्ल पक्ष के बुधवार को 4 गोमती चक्र अपने सिर से घुमाकर चारों दिशाओं में फेंक दें तो व्यक्ति पर किए गए तांत्रिक अभिकर्म का प्रभाव खत्म हो जाता है।

#2. शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहा हो तो नींबू को 4 भागों में काटकर चैराहे पर खड़े होकर अपने इष्ट देव का ध्यान करते हुए चारों दिशाओं में एक-एक भाग को फेंक दें व घर आकर अपने हाथ-पांव धो लें। तांत्रिक अभिकर्म से छुटकारा मिलेगा।

#3. यदि आपको ऐसा लग रहा हो कि कोई आपको मारना चाहता है तो पपीते के 21 बीज लेकर शिव मंदिर जाएं व शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाकर धूप बत्ती करें तथा शिवलिंग के निकट बैठकर पपीते के बीज अपने सामने रखें। अपना नाम, गौत्र उच्चारित करके भगवान् शिव से अपनी रक्षा की गुहार करें व एक माला महामृत्युंजय मंत्र की जपें तथा बीजों को एकत्रित कर तांबे के ताबीज में भरकर गले में धारण कर लें।

#4. कई बार ऐसा होता है कि शत्रु आपकी सफलता व तरक्की से चिढ़कर तांत्रिकों द्वारा अभिचार कर्म करा देता है। इससे व्यवसाय बाधा एवं गृह क्लेश होता है अतः इसके दुष्प्रभाव से बचने हेतु सवा 1 किलो काले उड़द, सवा 1 किलो कोयला को सवा 1 मीटर काले कपड़े में बांधकर अपने ऊपर से 21 बार घुमाकर शनिवार के दिन बहते जल में विसर्जित करें व मन में हनुमान जी का ध्यान करें। ऐसा लगातार 7 शनिवार करें। तांत्रिक अभिकर्म पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा।

#5. पीली सरसों, गुग्गल, लोबान व गौघृत इन सबको मिलाकर इनकी धूप बना लें व सूर्यास्त के 1 घंटे भीतर उपले जलाकर उसमें डाल दें। ऐसा 21 दिन तक करें व इसका धुआं पूरे घर में करें। इससे नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं।

#6. जावित्री, गायत्री व केसर लाकर उनको कूटकर गुग्गल मिलाकर धूप बनाकर सुबह शाम 21 दिन तक घर में जलाएं। धीरे-धीरे तांत्रिक अभिकर्म समाप्त होगा।

#7. गऊ, लोचन व तगर थोड़ी सी मात्रा में लाकर लाल कपड़े में बांधकर अपने घर में पूजा स्थान में रख दें। शिव कृपा से तमाम टोने-टोटके का असर समाप्त हो जाए

इलायची के जरिए वशीकरण के लिए साधना

यह काला जादू का एक और हिस्सा है. किसी भी व्यक्ति द्वारा या किसी को वशीकरण मंत्र इलायची का उपयोग आप गारंटी के साथ प्रदान कर सकते है. इसके लिए जरुरी है अपने विचारों का सही प्रयोग और फिर ठीक व्यक्ति का चुनाव.

इलायची के जरिए वशीकरण के लिए साधना

इलायची वशीकरण मंत्र का उपयोग बहुत शक्तिशाली होता है और उसके परिणाम भी बहुत प्रभावी होते है. इलायची वशीकरण मंत्र का उपयोग आप अपनी सभी समस्या को दूर करने या अपने जीवन में ख़ुशी लाने के लिए कर सकते है.

इलायची वशीकरण मंत्र का उपयोग किस प्रकार करे

इलायची काला जादू मंत्र का प्रयोग किसी को सम्मोहित करने या प्यार के वांछित व्यक्ति को प्यार दिलवाने या निगरानी करने या नियंत्रित करने या किसी अन्य आवश्यकता के लिए प्रयोग किया जाता है. इलायची वशीकरण मंत्र को वशीकरण इलायची मंत्र भी कहा जाता है.

इलायची वशीकरण मंत्र का उपयोग किस प्रकार करे

इलायची वशीकरण मंत्र तंत्र या यंत्र शक्ति हो सकता है. हमें उसे अपनी इच्छाओं या सपनों को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह से एक के दिमाग की प्रक्रिया को करने में सक्षम होना चाहिए
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Comments

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