टोटके 14 PARASHMUNI

💯✔ सीधे अर्थ में तंत्र का अर्थ तन से,
मंत्र का अर्थ मन से एवं
यंत्र का अर्थ किसी मशीन या वस्तु या किसी अपचारिक नक्शे से होता है जिसको आज की भाषा मे किसी तरह का ब्लू प्रिंट कह सकते है।
तंत्र का एक दूसरा अर्थ होता है व्यवस्था अथवा पूर्णता की अवस्था का मार्ग। तंत्र मानता है कि हम शरीर में है यह एक वास्तविकता है। भौतिक शरीर ही हमारे सभी कार्यों का एक केंद्र है। अत: इस शरीर को हर तरह से तृप्त और स्वस्थ रखना अत्यंत जरूरी है। इस शरीर की क्षमता को बढ़ाना जरूरी है। इस शरीर से ही अध्यात्म को साधा जा सकता है। योग भी यही कहता है
।तांत्रिक साधना का मूल उद्देश्य सिद्धि से साक्षात्कार करना है। इसके लिए अंतर्मुखी होकर साधनाएं की जाती हैं।
जिन लोगो ने सामान्य भाषा मे इनके अर्थ पूछे थे आशा करता हु समझी होंगी।
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💯✔ दुर्लभ उपाय प्रोपर्टी बेचने का

बाजार से 86 (छियासी) साबुत बादाम (छिलके सहित) ले आएं। सुबह नहा-धो कर, बिना कुछ खाए, 2 बादाम लेकर शिव मन्दिर जाएं। दोनों बादाम मन्दिर में शिव-लिंग या शिव जी के आगे रख दें। अब हाथ जोड़कर भगवान से प्रापर्टी को बेचने की प्रार्थना करे और उन दो बादामों में से 1 बादाम वापिस घर ले आएं। उस बादाम को लाकर घर में कहीं अलग रख दें। ऎसा आपको 43 दिन तक लगातार करना है। रोज 2 बादाम ले जाकर उनमें से 1 को वापिस लाना है। 43 दिन के बाद जो बादाम आपने घर में इकट्ठा किए हैं उन्हें जल में प्रवाह (बहते जल, नदी आदि में) कर दें। आपका मनोरथ अवश्य पूरा होगा।
यदि 43 दिन से पहले ही आपका सौदा हो जाये तो भी उपाय को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। पूरा उपाय करके 43 बादाम जल-प्रवाह करने चाहिए अन्यथा कार्य में रूकावट आ सकती है।...
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💯✔प्रेत बाधा नाशक मंत्र

ओम नमो नृसिंहाय हिरण्यकशिपु वक्ष विदारणाय , त्रिभवन व्यापकाय भूत पिशाच शाकिनी डाकिनी कीलनोन्मूलनाय स्यंवाद भव समस्त दोषान् हन हन सर सर ,.चल चल , कम्प कम्प , मथ मथ , हुं फट् हुं फट् ठः ठः महारुद्र जापियत स्वाहा
विधि
यह मंत्र सभी प्रकार की प्रेत बाधा दूर करने का यह सशक्त प्रयोग इसका प्रयोग के तहत शनिवार की रात्रि में मंत्र को 144 बार जप कर सिद्ध कर लें इसके बाद इस मंत्र के अधिष्ठाता देवता भगवान नरसिंह का ध्यान करते हुए इस मंत्र को 7 बार पढ़कर मोरपंखी से पीड़ित को झाड़ दें इससे प्रेत बाधा दूर हो जाएगी
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💯✔ सिद्धिया ,उनके प्रकार और उनके कार्य:

1. अणिमा – जिसके पास ये सिद्धि होती है वो व्यक्ति अपने शरीर को अनु या एटम जितना छोटा बना सकता है l
2. महिमा – इस सिद्धि से व्यक्ति अपने शरीर को जितना चाहे बड़ा बना सकता है l
3. गरिमा – इस सिद्धि से व्यक्ति अपने शरीर को जितना चाहे उतना भारी कर सकता है l
4. लघिमा – इस सिद्धि से मनुष्य अपने शरीर को बिलकुल हल्का बना सकता है l
5. प्राप्ति – इस सिद्धि से व्यक्ति किसी भी स्थान में बिना रोक टोक जा सकता है l
6. प्राकाम्य – इस सिद्धि को प्राप्त करने से मनुष्य जिस भी चीज की इच्छा करता है वो उसे प्राप्त कर लेता है l
7. इशित्वा – इस सिद्धि की प्राप्ति से मनुष्य किसी भी व्यक्ति पर स्वामित्व प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त कर लेता है
8. वशित्वा – इस सिद्धि को प्राप्त करने से मनुष्य हर प्रकार के युद्ध में विजय प्राप्त करता है l
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💯✔  *चतुर्थी‬ तिथि विशेष*
🙏🏻 *चतुर्थी तिथि के स्वामी ‪भगवान गणेश‬जी हैं।*
📆 *हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती है।*
🙏🏻 *पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥*
➡ *“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।*
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💯✔ 💯✔ *कोई कष्ट हो तो*
🙏🏻 *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |*
👉🏻 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*
🌷 *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।*
🌷 *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।*
🌷 *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।*
🌷 *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और  जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।*
*ॐ अविघ्नाय नम:*
*ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:*
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  💯✔ *बिजनेस में सक्सेस पाने का उपाय* ⬅
🏉  *एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में गेहूं के आसन पर स्थापित करें और सिंदूर का तिलक करें। अब मूंगे की माला से नीचे लिखे मंत्र का जप करें। 21 माला जप होने पर इस पोटली को दुकान में ऐसे स्थान पर टांग दें, जहां ग्राहकों की नजर इस पर पड़ती रहे। इससे व्यापार में सफलता मिलने के योग बन सकते हैं।*
🌷 *मंत्र- ऊं श्रीं श्रीं श्रीं परम सिद्धि व्यापार वृद्धि नम:।*

💯✔ अनिद्रा दूर करने हेतु

यदि आपको अनिद्रा कि समस्या है तो रात्रि में सोने से पूर्व " ॐ क्लीं शांता देवी क्लीं नमः " का माँ दुर्गा काली  का ध्यान करते हुए १०८ बार जाप करे और सो जाये। धीरे धीरे कुछ दिनों में आपकी अनिद्रा की शिकायत दूर होगी ,बेचैनी कम होगी ,बुरे स्वप्न से बचाव होगा |..
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💯✔ नकारात्मकता दूर करने का प्रयोग

कई बार आपको यदि ऐसा लगता है कि परेशानियां व समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। धन का आगमन रुक गया है या आप पर किसी द्वारा ‘‘तांत्रिक अभिकर्म’’ किया गया है तो आप यह टोटके अवश्य प्रयोग करें, आपको इनका प्रभाव जल्दी ही प्राप्त होगा। . पीली सरसों, गुग्गल, लोबान व गौघृत इन सबको मिलाकर इनकी धूप बना लें व सूर्यास्त के 1 घंटे भीतर उपले जलाकर उसमें डाल दें। ऐसा 21 दिन तक करें व इसका धुआं पूरे घर में करें। इससे नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं।
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💯✔ सर्व रोग नाशक हनुमान शाबर मंत्र

ओम नमो आदेश गुरु को वीर बली हनुमन्त जी मुगदर दाहिने हाथ । मार मार पछाड़िये,पर्वत बायेँ हाथ ।। भूत प्रेत अरु डाकिनी, जिल्द खईस मसान । बचै न इनमेँ एकहू , निराकार की आन ।। दुहाई अंजनी की , दुहाई राजा राम चन्द्र की , दुहाई लछमण यती की । मेरी भक्ति गुरु की शक्ति , फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।।

विधि :- ईस मंत्र का मंगलवार से जप चालु कर के 21 दिन तक रोज 1,3,या5 माला जप करने से सभी रोगो से मुक्ति मिल्ती है। जप के समय अगरबत्ती जलती रहनी चाहिये और हो सके तो तो तिल के तेल का दिपक भी जला सक्ते है |वस्त्र लाल हो तो ज्यादा अच्छा और माला लाल मुंगे की आखरी दिन हनुमान जी के मंदिर मेँ नारियल और लंगोट चढ़ाये । अगर किसी और के रोग के लिये जप कर रहे है तो उसके नाम से संकल्प जरुर ले|
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💯✔ बुध्दि बढ़ाने के लिए

बच्चे पढ़ने में ढीले हो तो बुद्धि बढ़ाने के लिए सारस्वत्य मंत्र २१ बार पढ़के बिल्व-पत्र, पलाश के पत्ते और शक्कर मिलाकर उसका हवन करें  |
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💯✔सभी रोगों से मुक्त होने के लिए
  जिसको सभी रोगों से मुक्त होना हो तो पलाश की लकड़ी का हवन करें l १०० माला जप करें l आहुति डालते जायें*   "ॐ नमः शिवाय"  बोलकर.....तो सभी प्रकार के रोगों से आराम मिलेगा l
ऐसी जगह करें कि थोड़ा ही कपड़ा (कटी वस्त्र ) पहने, और शरीर के बाकी हिस्सों में धुआं लगे l
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💯✔कालसर्प योग से मुक्ति पाने

कालसर्प दोष बहुत भयंकर माना जाता है | और ये करो... ये करो... इतना खर्चा करो.....इतना जप करो.... कई लोग इनको ठग लेते हैं  | फिर भी कालसर्प योग से उनका पीछा नहीं छूटता | लेकिन ज्योतिष के अनुसार उनका कालसर्प योग नहीं रहता जिनके ऊपर केसुड़े (पलाश ) के रंग - होली के रंग  का फुवारा लग जाता है | फिर कालसर्प योग से मुक्ति हो गई | कालसर्प योग के भय से पैसा खर्चना नहीं है और अपने को ग्रह दोष है, कालसर्प है ऐसा मानकर डरना नहीं अपने को दुखी करना नहीं है |
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💯✔ चमत्कारी टोटके

1 शनि दृष्टि दोष दूर करने के लिये उड़द की दाल के 4 बड़े शनिवार को प्रात: सिर से 3 बार एंटी क्लाकवाइज (उलटा) घुमाकर कौओं को खिलाएं। (सात शनिवार करो)।

2 शनि कृपा पाने के लिये शनिवार के दिन आठ नंबर का जूता (लैदर का) शनि का दान मांगने वाले को ‘ऊँ सूर्य पुत्राय नम:’  आठ बार कहकर दें। 3 ऊपरी बाधायें दूर करने के लिये। काले घोड़े को 1-1/4 किलो काले चने शुक्रवार को खिलाओ तथा शनिवार को उसके पिछले दायें पैर की नाल लेकर शनिवार को ही अपने घर के प्रवेश द्वार पर U इस आकार में लगाएं

4 लक्ष्मी प्राप्ति करने के लिये शुक्रवार को अंधविद्यालय में 27 संतरे अंधे बच्चों को खिलाएं।

5 बच्चों की पढ़ाई में अधिक अंक पाने हेतु किसी अंधे बच्चे या लड़की को अपना पुत्र या बेटी मानते हुए पुस्तकों का दान करो या वस्त्र तथा फीस देकर मदद करें।

6 नजर टोना-टोटका दूर करने के लिये एक नींबू लेकर रोगी के ऊपर सात बार उलटा घुमाकर उतारें (शनिवार) एक चाकू सिर से पैर तक धीरे-धीरे स्पर्श करते हुए नींबू को बीच से काट दें। दोनों टुकड़े दक्षिण दिशा की ओर संध्या समय फेंक दें।

7 ऊपरी प्रेत बाधा दूर करने के लिये। बाजरे का दलिया 1-1/4 किलो लेकर बनाएं। पाव भर गुड़ मिलाकर मिट्टी की हांडी में रखें। सिर से पैर तक सात बार उतार कर चौराहे पर सायं को रख दें मुड़कर न देखें न बात करें। वापिस घर आ जाओ। (तीन शनिवार करो)।

8 शनि ढैया या साढ़ेसाती के दोष से मुक्ति पाने के लिए। काले चनें 1-1/4 किलो शुक्रवार रात्रि पानी में भिगी दें। शनिवार प्रात: पानी वाली हंडिया में अपना चेहरा देखकर चने काले घोड़े को खिलाएं व पानी पीपल के पेड़ पर डाल दें।

9 जोड़ों के दर्द व वायू दोष दूर करने हेतु। शनिवार को 1-1/4 किलो आलू व बैंगन की सब्जी सरसों के तेल में बनाएं। इतनी ही पूरियां सरसों के तेल में बनाएं। रविवार को अंधे लगंड़े व गरीब लोगों को यह भोजन खिलाएं।

10 शनि कृपा प्राप्त करन के लिए 27 किलो गुलाब जामुन पर एक लौंग फूल वाली चोभोकर शनिवार को जमुना नदी में प्रवाहित करें।

11 मनोवांच्छित ट्रांसफर पाने के लिये सूर्य को जल तांबे के बर्तन में 22 दिन तक लगातार दें। 22 लाल मिर्च के बीज पानी में डालकर प्रात: सूर्य को जल दें।

12 रोग दूर करने के लिये पानी का नारियल सिर से तीन बार उलटा घुमाकर सूर्य की ओर रोगी देखें व सामने देखें व सामने ही फोड़े दे।

13 सरदर्द व वायरल बुखार से मुक्ति हेतु 11 पानी वाले नारियल सिर से उलटा घुमाकर शिवजी के मंदिर जायें, वहीं शिवलिंग के पास जमीन पर फोड़कर जल (नारियल का) शिवलिंग पर चढ़ा दें।

14 मनोवांच्छित वर या वधु पाने के लिए पांच पीठे पान बनवाकर शिव मंदिर में पहले गणेश जी को दे फिर मां पार्वती को दे तीसरा पान स्वामी कार्तिकेय का व चौथा पान नंदी जी को दे। 5वां पान शिवलिंग पर चढ़ा दें।

15 लक्ष्मी प्राप्ति के लिए दूध में घी, शहद व दही मिलाकर शिवलिंग पर एक आंवला रखें ऊपर से दूध चढ़ा दें। आंवले का मुरब्बा एक पीस शिवलिंग पर रखें व ऊपर से दूध चढ़ाएं।

16 पढ़ाई में अच्छे नंबर पाने के लिए। बच्चे मोर मुकुट का चांदा अपनी पुस्तकों में रखें। NE दिशा में एक बांसुरी लटकायें बांसुरी पर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय। रौली व सिंदूर से लिखें।

17 स्मृति तेज करने के लिये। बच्चों को प्रात: एक आंवले का मुब्बा रोज खाने को दें। ऊपर से दूध पीये। क्रोध कम होगा व पढ़ाई में ध्यान बढ़ेगा।

18 ऊपरी बाधा दूर करने के लिए। अंडा लेकर रोगी के ऊपर से 11 बार घुमाकर (उलटा) उतारें। अंडे पर काली स्याही से मकड़ी का जाला बनायें। अंडा नदी में बहा दें।

19 मिरगी का दौरा दूर करने के लिए। एक तौला असली हींग काले कपड़े में सीकर ताबीज जैसा बनाकर शनिवार के दिन गले में पहनने से मृगी (मिरगी) का दौरा नहीं पड़ाता है। ऊपरी बाधाएं भी शांत हो जाती हैं।

20. हार्ट अटैक दूर करने के लिये। हृदय होग निवारण (दूर) के लिये माणिक्य RING FINGER में दांये हाथ में तथा पन्ना 6 रत्ती का लाकेट बनाकर गले में बुधवार को धारण करें। मानसिक बीमारियां भी ठीक हो जाएगी।

21 अपना घर बनाने के लिये। मकान बनवाने या खरीदने से पूर्व भैंसा का दान करें, तथा पुष्य नक्षत्र में ही मकान की नींव रखें या निर्माण करें। वास्तु पूजन अवश्य करायें।

22 हृदय रोग दूर कनरे के लिए। हृदय रोग निवारण के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष गले में धारण करें। पांच मुखी रुद्राक्ष, एक लाल रंग का हकीक पत्थर, ½ मीटर लाल कपड़ा, 8 लाल मिर्चें-इन सबकों कपड़े में रखकर रोगी के सिर से तीन बार घुमाकर बहते पानी में रविवार को वहा दें।

23 आशीर्वाद फलीभूत होने के लिये भूलकर भी बच्चों को गालियां न दें। न ही कोसें। अक्सर माता-पिता बच्चों को उनकी आज्ञा न मानने पर, पढ़ाई न पढ़ने पर कहते है कि तू न ही होता तो अच्छा था, या घर से चला जा, मर ही जाये तो अच्छा था। यह विनाशकारी श्राप भूल से भी न दें। याद रखें 10 आशीर्वादों को मात्र एक श्राप नष्ट कर देता है।

24 कोर्ट-कचहरी में मुकद्दमा जीतने के लिये। मुकद्दमे में जीत के लिए NORHT-EAST कोने में मंदिर बनाकर मुकद्दमें की फाइलें पूजा के स्थान पर ही रखें। यदि आप सच्चें हैं तो मुकद्दमें का फैसला आपके पक्ष में ही होगा।

25 शीघ्र विवाह करने हेतु पुखराज पांच रत्ती चांदी या गोल्ड की अंगूठी में INDEX FINGER में गुरुवार को पहने। तथा फिरोज सात रत्ती चांदी में मढ़वाकर शुक्रवार को दाहिने हाथ की छोटी अंगुली में पहने। शीघ्र विवाह होने के अवसर होंगे।

26 मनचाहा विवाह करने हेतु ‘केले की जड़’ का टुकड़ा, एकादशी तिथि को ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र से 108 बार बोलकर गले में ‘ताबीज’ बनाकर बुधवार को प्रात: पहने। विवाह मनपसंद होगा।

27 मंगलीक दोष दूर करने मंगलीक दोष दूर करने के लिये प्रत्येक मंगलवार को वट वृक्ष की जड़ पर मीठा दूध चढ़ायें। भीगी मिट्टी से माथे में तिलक लगायें।

28 पढ़ाई में अच्छे नंबर व सफलता पाने हेतु पढ़ाई में अच्छे नंबर व सफलता के लिये करे ये प्रयोग बंदर को मीठी रोटी, केले व गुड़ चना मंगलवार को खिलाएं। NORHT-EAST कोण में एक बांसुरी रौली व तिलक लगाकर लगायें। पांच रत्ती का मूंगा लाकेट बनाकर मंगलवार को बच्चे के गले में पहनायें। गरीब बच्चों को मुफ्त पुस्तकें बांटे।

29 परस्पर प्रेम वृद्धि के लिए पति-पत्नी के कलेश दूर करने के लिये तथा प्रेम की वृद्धि के लिये पति दायें हाथ की RING FINGER में हीरा 30 CENT या सफेद पुखराज पांच रत्ती का शुक्रवार व बृहस्पतिवार को पहने। पत्नी बायें हाथ की RING FINGER में पांच रत्ती का मोती चांदी या गोल्ड में सोमवार को पहने।

30 दरिद्रता दूर व कर्जा मुक्ति हेतु दरिद्रता दूर करने के लिए, कर्जा उतारने के लिये पुरुष दायें हाथ की INDEX अंगुली में ‘पीला पुखराज’ पहने तथा बायें हाथ की छोटी अंगुली में मोती पांच रत्ती का चांदी में सोमवार को पहने। व एक माला जाप करें। ‘ऊँ श्रीं श्रियै नम:’।

31 कोर्ट-कचहरी व मुकद्दमा में विजय हेतु मुकद्दमा में विजय के लिये यदि आप सच्चे हैं तो दायें हाथ की RING FINGER में माणिक्य RUBY 6 रत्ती का रविवार को पहने व ‘पीला पूखराज’ लाकेट गले में पहने।

32 नौकरी में प्रमोशन व राजनीतिक जीत हेतु नौकरी में प्रमोशन व राजनीतिक जीत के लिये दायें हाथ की छोटी अंगुली में 6 रत्ती का पन्ना चांदी या गोल्ड में पहने। (बुधवार को) गले में माणिक्य 6 रत्ती का लॉकेट बनाकर पहने। (रविवार को प्रात:) एक माला स्फटिक की माला से ‘ऊँ आदित्याय नम:’ जप करें।

33 मीडिया व मॉडलिंग में सफलता प्राप्त हेतु मीडिया क्षेत्र में, मॉडलिंग के क्षेत्र में या फिल्म के क्षेत्र में अपार सफलता के लिये दाये हाथ की RING FINGER में हीरा 30 CENT शुक्रवार को चांदी या गोल्ड में पहने। तथा ‘ऊँ राधेकृष्णाय नम:’ की एक माला जाप रोज करें।

34 शत्रुता के मित्रता बदलने हेतु शत्रुता को मित्रता में बदलने के लिये शनिवार को भोजपत्र पर लाल रौली से शत्रु का नाम लिखकर शहद की शीशी में डूबो देना चाहिये।

35 संतान व सुख प्राप्ति हेतु संतान सुख की प्राप्ति के लिये पुरुष दायें हाथ INDEX FINGER में 6 रत्ती का पुखराज बृहस्पतिवार को पहने।

36 विद्या प्राप्ति हेतु विद्या की प्राप्ति के लिए व मंगलीक प्रभाव दूर करने के लिये एक पाव कच्चा दूध सिर से 3 बार उलटा घुमाकर मिट्टी के बर्तन में डालकर काले, लाल किसी भी कुत्ते को मंगल को खिलाएं।

37 हृदय रोग से बचने हेतु हृदय रोग से बचाव के लिये पांच मुखी रुद्राक्ष, काले डोरे में डालकर गले में ‘ऊँ जूं स:’ 108 बार बोलकर सोमवार को धारण करें। पांच मुखी रुद्राक्ष, एक लाल हकीक, एक मीटर लाल कपड़े में बांधकर रोगी के सिर से 21 बार उलटा घुमाकर रविवार को बहते पानी में बहायें ।

38 शनि की साढे-साती दूर करने हेतु मोरपंख का चंदोबा रवि-पुष्य नक्षत्र में काटकर अपनी जेब में रखने से मान-सम्मान में वृद्धि व दरिद्रता दूर होती है तथा शनि का साड़े-साती का प्रभाव दूर होता है।

39 लक्ष्मी की वृद्धि हेतु नये मकान के प्रवेश द्वार पर कौड़ियों का तोरण द्वार लटकाने से ऊपरी बाधायें दूर होती हैं। नजर-टोना नहीं होता है। लक्ष्मी की वृद्धि होती है।

40 मांगलिक दोष दूर हेतु हाथी दांत के गणपति की सदैव पूजा करने से मांगलीक दोष दूर होता है। आर्थिक संपन्नता बढ़ती है। विद्या के क्षेत्र में विशेष लाभ होता है।

41 आधा सीसी का दर्द दूर करन हेतु आधा सीसी का दर्द काली मिर्च के 12 बीज, नीम की पत्तियां-12, चावल के-12 दाने। इनको सिलवटे पर 3 या 4 बूंद पानी मिलाकर दवा बनायें। सूर्योदय से पूर्व 5 मिनट तक इस दवा को सूंघे। 12 दिन तक यह प्रयोग करने से आधा-सिर का दर्द हमेशा के लिये दूर हो जाता है।

42 नौकरी व प्रमोशन प्राप्त करने तथा अच्छें अंक प्राप्त करने के लिये माता-पिता को पार्वती व शिव जानकर उन्हें बैठायें। हाथ में पुष्प लेकर माता-पिता के तीन चक्कर लगायें। स्वयं को गणेश का रूप समझकर उनके चरणों में पुष्प चढ़ायें व नौकरी प्राप्त करन का, प्रमोशन प्राप्त करने का तथा विद्या के क्षेत्र में अच्छे नंबर प्राप्त करने के लिये दंडवत प्रणाम करें।

43 मिरगी का दौरा पड़ना बंद करने हेतु गाय के बायें सींग की या जंगली सूअर के नाखून की अंगूठी बनाकर दाहिने हाथ की छोटी अंगुली में पहनने से मिरगी का दौरा पड़ना बंद हो जाती है।

44 मोटापा कम करने हेतु रांगा धातु की अंगूठी दाहिने हाथ की बड़ी अंगुली में पहनने से मोटापा कम हो जाता है। चर्बी कम बनती हैं।

45 ग्राहक अधिक आने व दरिद्रता दूर हेतु शनिवार की शाम दायें हाथ में एक साबुत सुपारी व तांबे का सिक्का पीपल के पेड़ के नीचे रखें। रविवार को उसी पीपल का एक पत्ता लाकर रौली से पत्ते पर ‘श्रीं’ लिखें व अपनी गद्दी के नीचे रखें या सेफ में रखें। ग्राहक अधिक आयेंगे। दरिद्रता दूर होगी।

46 टोने-टोटके से मुक्ति हेतु काले घोड़े की नाल या अंगूठी ‘कृत्तिका नक्षत्र’ वालें दिन घर के प्रवेश द्वार या अंगुली में धारण करने से किसी के किये टोने-टोटके से मुक्ति प्राप्त होती है।

47 आर्थिक लाभ प्राप्ति हेतु पीतल के लोटे में जल व गाय का दूध मिलाकर शुक्ल पक्ष में सिरहाने रखकर सो जायें। प्रात: यह दूध मिश्रित जल पीपल वृक्ष पर श्रद्धापूर्वक चढ़ा दें। यह उपाय 11 दिन तक लगातार करें। सोमवार से यह प्रयोग आरंभ करें आर्थिक लाभ निश्चित होगा। 48 नौकरी प्राप्ति व व्यापार में लाभ हेतु पीतल के लोटे में गंगा जल भरकर ‘चांदी’ व सोने की धातुए डालकर सिर से ऊपर के स्थान पर NORTH+ EAST (ईषान) स्थान पर रखें। तथा ‘ऊँ गंगाधराय नम:’ मंत्र को 11 बार बोलें। ऊपरी बाधायें दूर होती है धन की वृद्धि होती है। नौकरी के अवसर मिलते है व्यापार में लाभ होता है।

49 घुटनों के दर्द व वायु विकार दूर करने हेतु शुद्ध पेट्रोल लेकर, दोनों हथेलियों के बीच पेट्रोल डालकर, दोनों घुटनों पर हथेलियों से मलते हुए 11 बार निम्न मंत्र बोलने से 40 दिन के अंतर समस्त घुटनों के दर्द, वायु विकार दूर हो जाता है। मंत्र- नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत् वीरा।

50 पढ़ाई में एकाग्रता, ऊपरी बाधाओं मुक्ति व स्वास्थ्य लाभ प्राप्ति के लिए मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर से सिंदूर का चोला चढ़ायें तथा मंदिर के ऊपर एक झंडा लाल रंग का लगा दें। झंडे के बीच में सिंदूर से लिखें ‘श्रीराम’। तथा नीचे सिंदूर से लिखें ‘बल बुद्धि विद्या देहु, मोरि हरक कलेश विकार’। पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ेगी, ऊपरी बाधायें दूर होगी। स्वास्थ्य लाभ होगा।

51  शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार से साढ़ेसाती का दुश्प्रभाव कम करने के लिए 1-1/4 किलो काले चने लोहे की नयी बाल्टी में डाल दें। पानी से भर दें। शुक्रवार की रात्रि यह प्रयोग करें। शनिवार की प्रात: उस पानी वाली बाल्टी में अपनी छाया देखें। पानी घर के बाहर पीपल के पेड़ पर डालें। चनें बहुत शुद्ध पानी में, 1 मुट्ठी ‘ऊँ सूर्य पुत्राय नम:’ कहकर प्रवाहित करें। जब तक चने समाप्त न हो यह प्रयोग जारी रखें। बाल्टी किसी शनि के दान मागने वाले का 1-1/4 किलो सरसों के तेल डालकर, कुछ सिक्के डालकर दान करें।

52 आर्थिक संकट, न्यायालय में मुकद्दमें व शत्रु द्वारा अपयश? अपने घर में NORHT-EAST कोने में (इषाण) यदि शौचालय हो, तो तुरंत बंद कर दें। वरना घर में देवता का प्रकोप होगा। बीमारी, कष्ट कलेश, आर्थिक संकट, न्यायालय में मुकद्दमें व शत्रु द्वारा अपयश होगा।

53 अग्नि भय व दुर्घटना से बचने हेतु घर या फैक्टरी में SOUTH-EAST कोने में (अग्नि) यदि पानी की टंकी रखी हो तो फौरन हटा दें। वरना अग्नि भय रहेगा। BP HIGH रहेगा। क्रोध अधिक होगा। घर में कलेश व शत्रु द्वारा स्वास्थ्य व धन हानि होगी।

54 शराब, नशा, दरिद्रता दूर करने के लिये अपने मकान की छत पर यदि पुराने सरिये, लोहे का समान, टीन, कनस्तर या प्लास्टिक के डिब्बे हो तो फौरन हटाये वरना शनि का दुश्प्रभाव रहेगा। आलस्य के कारण बच्चे पढ़ नहीं पायेंगे। दरिद्रता रहेगी। घर में शराब व नशा के कारण स्वास्थ्य गिरेगा।

55 ऊपरी बाधा दूर करने के लिये घर में देवी के चित्र के आगे स्नान कर प्रात: लाल वस्त्र की ज्योति जलाने से व सायं सफेद वस्त्र या काटन की ज्योति जलाने से शीघ्र विवाह होता है। व्यापार में विशेष लाभ होता है। ऊपरी बाधायें फौरन दूर होती हैं।

56 स्वास्थ्य हानि दूर करने हेतु स्वास्थ्य हानि हो रही हो, डाक्टरों ने जवाब दे दिया हो तो फौरन रोगी के वजन का पहाड़ी नमक तथा सतनाजा बहते पानी में बहायें। पानी वाले 11 नारियल रोगी के सिर से लेकर पैर तक 3 बार उलटा घुमायें। नारियल को रोगी के सामने ही जमीन पर फोड़ दे। नारियल के टुकड़े बहते पानी में बहायें। यह प्रयोग रविवार वाले दिन करें।

57 पत्नी लक्ष्मी रूपा हे उसे सत्कार दें। भूलकर भी धर्म पत्नी को न ही दुत्कारें, न कोसें तथा न ही अशुभ मानकर मारें। दुखी होकर पत्नी रोती हुई अपने माता-पिता के घर चली गयी तो याद रहे इस पाप कर्म से आपके घर की बरकत चली जाएगी। आपकी बहन कदापि अपने ससुराल सुखी न रहेगी। उसके संतान सुख न होगा। तथा आप पर वंश हत्या का पाप लगेगा। पत्नी मायके चली गयी हो तो फौरन मनाकर ले आयें। धन, वस्त्र व मान देकर पत्नी को मनायें। बिगड़ते कार्य बनेंगे। मां वैष्णों देवी की यात्रा का पुण्य मिलेगा।

58 फोड़े-फुंसी व घाव की रामबाण दवा। दही को ताबें के बर्तन में तांबे के चम्मच से इतना घोटें कि वह हरे रंग का हो जाय। इस दवा को गंज पर लगाने से बाल शीघ्र उग जाते हैं। फोड़े-फुंसी, घाव आदि के लिये यह रामबाण दवा है।

59 गंजापन व बाल झड़ना दूर करने के लिये पत्ता गोभी के रस को यदि निरन्तर सिर पर मालिश की जाय तो गंजापन, बाल झड़ना, बाल गिरना आदि रोग दूर होते हैं।

60 मूत्र संबंधी रोग व गुर्दे के विकार दूर करने के लिये मूत्र संबंधी रोगों में या गुर्दे के विकार को दूर करने के लिये मूंगा 4 रत्ती+ नीलम 3 रत्ती संयुक्त जड़वाकर धारण करें। मध्या अंगुली में धारण करें। 61 श्वांस संबंधी बीमारियों को दूर करने हेतु श्वांस संबंधी बीमारियों में मूंगा+पन्ना+ मोती संयुक्त रूप से RING FINGER अनामिका में धारण करने से लाभ रहता है।

62 संतान प्राप्ति हेतु विवाह के पश्चात संतान न होने पर, गुरुवार को पति दाये हाथ में तर्जनी INDEX अंगुली में 5-1/2 रत्ती का पुखराज पहने व पत्नी बायें हाथ की INDEX अंगुली में ‘सुनैला’ रत्न 6-1/4 रत्ती का धारण करें।

63 चुनाव जीतने के लिये राजनीतिक जीवन में सफलता के लिये दायें हाथ की RING FINGER में कृत्तिका नक्षत्र में (RUBY) माणिक्य रत्न 5-1/4 रत्ती का पहने। 1 तथा ‘पुष्प’ नक्षत्र में पुखराज रत्न 5-1/4 रत्ती INDEX FINGER में पहने।

64 मंगलीक दोष दूर करने के लिये मंगलीक दोष दूर करने के लिये घर का कलेश दूर करने के लिये व बेटी की शादी न होती हो तो, मूंगा 5 रत्ती का अनामिका अंगुली में पहने। विधवा स्त्री का मजाक न उड़ायें बल्कि उनकी मदद व सेवा करें। घर, तफ्तर या दुकान पर नौकरों से अभद्र व्यवहार न करे बल्कि धन आदि से मदद करें। पर स्त्री गमन, शराब व गुटखा आदि का भुलकर भी सेवन न करें, वरना विवाह के बाद बेटी दुखी हो। हनुमान मंदिर पर झंडा लगायें व चोला चढ़ाएं।

65 शनि की साढ़ेसाती व शनि के दुश्प्रभाव को दूर करने के लिये शनि की साढ़ेसाती या शनि के दुश्प्रभाव को दूर करने के लिये करें ये उपाय। अंधे व लंगड़े व्यक्ति की सहायता करें। भूलकर भी किसी कुत्ते की टांग पर लाठी न मारें। नारियल के खोपरे में तिल व बूरा चीनी डालकर जमीन में दबायें। मांस-मच्छी व शराब का सेवन भूलकर भी न करें। कौऐ व कुत्ते को सिर से 3 बार उलटा वारकर रोटी खाने को दें। भवन, निर्माण न करें व न हीं बना हुआ मकान खरीदें वरना चोरी, धन हानि व दुर्घटना हो। शनि व भैरव चालीसा प्रात: व सायं पढ़ें। शिवलिंग पर सोमवार को दूध चढ़ाएं। 40 हनुमान चालीसा हनुमान मंदिर बांटें।

66 आर्थिक लाभ व प्रॉपर्टी के काम में लाभ के लिये मंगलवार के दिन लाल चंदन, गुलाब के 4 फूल, 4 साबुत सुपारी-रौली में रंगकर लाल कपड़े में बांधकर उत्तर दिशा में तिजोरी, सेफ या लॉकर में रखें व गंगा जल के छीटें अवश्य दें।

67 पागलपन व उन्माद रोग दूर करने के लिए पागलपन व उन्माद रोग 100 ग्राम से 200 ग्राम तक गोमूत्र छानकर प्रतिदिन प्रात:काल 30 दिन तक पीने से निश्चित रूप से ठीक होता है।

68 उच्च रक्तचाप के लिए उपाय गेहूं की बासी रोटी प्रात:  दूध से भिगोकर खायें उच्च रक्तचाप के लिये सर्वश्रेष्ठ उपाय है।

69 उच्च बल्डप्रेशर शांत हेतु सर्पगंधा को कूट-पीसकर कपड़ा से छानकर रख लें। रोज 2-2 ग्राम प्रात: व सायं पानी से लें। उच्च बल्डप्रेशर शांत होगा। सारा संसार लोहा मानता है।

70 अधिक क्रोध से बचने के लिए अधिक क्रोध आने पर सायं काल 1 बड़ा चम्मच गुलकंद खाकर ऊपर से दूध पीयें तथा प्रात: 2 पक्के सेब नाश्ते से पहले खायें।

71 मोटापा कम करने के लिए मोटापा कम करने के लिये नींबू का रस 25 ग्राम शहद 20 ग्राम में मिलाकर महीने सेवन करें। चर्बी घट जाती है व शरीर सुडोल होता है।

72 नेत्र ज्योतिवर्धक करने के लिए नेत्र ज्योतिवर्धक के लिये सौंफ ½ कि. व ½ कि. खॉड दोनों को बारीक पीसकर मिलाकर रात्रि में 10 ग्राम दवा लेकर 4 घूंट पानी पीयें। निरंतर लेने से मोतिया बंद भी रुकता है।

73 नजर दोष मुक्ति हेतु नमक, रोई, प्याज के छिलके लाल मिर्च व लहसून लेकर अंगारे पर डाल दे। उस अंगारे को रोगी के सिर से उलटा 21 बार घुमाने से नजर पत्थर फाड़ भी हो, तुरंत दूर होती है।

74 रूके काम में सफलता पाने के लिए काम पर बाहर जाते समय थोड़ी हींग को दक्षिण दिशा में फेंक दें। पीली सरसों अपने सिर से सात बार उलटा घुमाकर अपने आगे घर से बाहर फेंक दें। रूका काम तेजी से होने लगते हैं।

75 रूका धन पाने के लिए पीपल के सात पत्ते लेकर रौली से ‘श्री’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। ऊपर से गंगा जल चढ़ाएं। ‘ऊँ नम शम्भवाय’ सात बार बोलें। रूका धन मिल जाएगा। यह प्रयोग सात बार सोमार से शुरू करना है।

76 अधिकारी को मनाने के लिए लाल गूलाब का फूल एक गिलास पानी में रखकर अपनी टेबल पर रखें तथा एक फूल अपनी जेब में सफेद रूमाल में बांधकर रखें। अधिकारी से मिलने से पूर्व गुलाब के फूल पर ‘ऊँ आदित्याये नम:’ कहकर फूंक मार दें। वह गुलाब अधिकारी को भेंठ करें। मन ही मन भगवान सूर्य से प्रार्थना पूर्ण होने की कामना करें। आप का काम निश्चित हो जाएगा।

77 दुर्भाग्य दूर करने के लिए गुड़ व चना यदि किसी फकीर या संन्यासी को शुक्रवार को दें तो दुर्भाग्य दूर चला जाता है। तथा सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अपने ऊपर से एक रोटी को 31 बार उतार कर चौराहे पर प्रात: रखें। तथा निम्न मंत्र भी कहें ऊँ दुर्भाग्य नाशिनी दुं दुर्भाय नम:। निश्चित दुर्भाग्य दूर होगा।

78 कर्जा दूर करने के सिद्ध प्रयोग शुक्ल पक्ष पहले मंगलवार को स्नान कर शिव मंदिर जाएं। शिवलिंग पर लाल मसूर की दाल चढ़ाएं। 108 बार निम्न मंत्र बोलकर दाल चढ़ाएं। ऊँ ऋण मुक्तेश्वर सदा शिवाय नम:  यह प्रयोग आठ मंगलवार करें। हनुमान जी के मंदिर में लाल झंडा लगायें कर्जा दूर होगा।

79 शुक्ल पक्ष की मंगलवार को आटे में गुड़ मिलाकर मीठे पुए हनुमान जी के मंदिर में चढ़ाएं तथा निम्न मंत्र की 108 बार जाप करके गरीबों को वस्त्र व भोजन मंगलवार को करायें। ऊँ हं हूनुमते ऋणमोचने नम:।

80 मंगलों भूमिपुत्राश्च ऋणहर्ता धनप्रद। स्थिरासनों महाकाय:  सर्व काम विरोधक।। उपरोक्त मंत्र का एक माला (रुद्राक्ष) से जाप करके देसी घी का दीपक जलाकर दौ लौंग जलायें। जले हुए लौंग किसी पेड़ के नीचे दक्षिण दिशा की ओर फेंक दें।

81 विष्णु प्रिया लक्ष्मी के 12 नाम का प्रात: सूर्योदय में भगवान सूर्य को एक गिलास जल में रौली व चावल मिलाकर अर्घ्य देने से ऋण मुक्ति होती है। त्रैलोक्य पूजिते देवि कमले विष्णु वल्लभे। यथा त्वमचला कृष्णे तथा भव मयि स्थिरा।। कमला चंचला लक्ष्मीश्चला भूतिहरिप्रिया। पद्मा पदमालया संपद रमा श्री पद्मधारिणी।। द्वादशैतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्यय: पठेत्। स्थिरा लक्ष्मी भवेत तस्य पुत्रादिभि: सह।।

82 एक सेर भुने चावल, एक पाव शक्कर तथा आधा पाव घी तीनों को एक साथ मिलाकर प्रात: निम्न मंत्र पढ़कर चींटी के बिल पर घर से बहार किसी पार्क के एकांत में डालें, तो बैंक का लोन यो किसी से कर्जा ले लिया हो तो कर्जे उतारने का मार्ग बन जाता है।

83 मंगलवोर को, मंगल दिशा व अंतरदशा में कर्जे कदापि नहीं लेना चाहिए वरना कर्जे उतारना कठिन हो जाता है। हां कर्जे की रकम की किश्त शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को निम्न मंत्र पढ़कर देने से कर्जा शीघ्र ही उतर जाता है। मंत्र- ऊँ ह्रीं ऋणमोचने स्वाहा।

84 गायत्री मंत्र का जाप 108 बार करें। डेढ़ मीटर सफेद कपड़े में पांच लाल गुलाब, पांच लौंग व पांच बताशें नदी में निम्न मंत्र बोलकर प्रवाहित कर दें। पुराने से पुराना कर्जे भी उतर जाता है।

85 अमावस्या की रात्रि 12 बजे के समय काली राई की दाहिने हाथ में लेकर अपने मकान की छत के तीन चक्कर (उलटे) लगाये। दसों दिशाओं में हाथ की राई के दाने निम्न मंत्र बोलकर डालें। यह प्रयोग आधीरात में किसी तिहारे पर भी किया जा सकता है।

86 रविवार के दिन, या ‘हस्त’ नक्षत्र हो या रविवार को ‘अमृतसिद्धि योग’ हो तो भूलकर भी कर्जा नहीं लेना चाहिए। वरना कर्जा चुकाना कठिन होता है। हां इन दिनों कर्जा वापिस करना अति शुभ है।

87 संक्रांति के दिन या ‘वृद्धि’ नामक योग हो तो भी भूलकर कर्जा नहीं लेना चाहिए वरना धन दक्षिण दिशा के गये मेघ जैसा वापिस नहीं आता है। बहुत कठिनता से रकम की वसूली होती है।

88 बुधवार को भूलकर भी किसी को रकम या ब्याज पर धन नहीं देना चाहिए वरना धन दक्षिण दिशा के गये मेघ जैसा वापिस नहीं आता है। बहुत कठिनता से रकम की वसूली होती है।

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💯✔ शारीरिक समस्या निवारक उपाय

1. रोग की अवस्था में घर की सभी घडियों को चालू हालत में रखें।
2. पांवों का कैसा भी रोग हो सोलह दांत वाली पीली कौडी में सूराख करके बांध लें।
3. नींद न आने पर श्वेत घुंघची की जड को तकिए के नीचे रखकर सोएं।
4. चक्कर आने की अवस्था में किसी भी रविवार या मंगलवार को गुलाबजल में 2 माशा गोरोचन पीसकर सेवन कर लें।
5. सुलेमानी रत्न को चांदी की अंगूठी में पहनने से स्मरणशक्ति का विकास होता है।
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💯✔ धन सम्बन्धी समस्याओं का निराकरण

सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर उत्तर दिशा में मुंह रख कर बैठें। सामने बाजोट(पटिया) रखें व उस पर पीला कपड़ा बिछाएं। अब बाजोट पर गेहूं की ढेरी बनाएं और उस पर 7 गोमती चक्र स्थापित करें। अब उस पर कुंकुम का तिलक करें और हर चक्र पर एक-एक सिक्का अर्पित करें। अब फूल चढ़ाकर धूप-दीप करें और फल अर्पित करें। अब नीचे लिखे मंत्र की 7 माला जप करें।
मंत्र- ऊँ ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:
हर माला जप की समाप्ति पर हर चक्र पर एक फूल अर्पित करें। दूसरे दिन यह सभी सामग्री ले जाकर किसी सुनसान स्थान पर रख आएं। लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए हर एकादशी को घर के पूजा स्थल पर ग्यारह दीपक जलाएं। आपके जीवन से धन संबंधी समस्याओं का निराकरण हो जाएगा।
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💯✔ धन प्राप्ति प्रयोग

रवि पुष्य योग में लाये गए पूजित ,प्रतिष्ठित गुडमार की जड़ को गुरूवार को कांसे के बर्तन या लोटे में जल भरकर डाल दें |उसमे थोड़ी सी गोरोचन डालें |आम के सात पत्ते डालें |सामने तिल का दीपक जला लें और फिर दीपक के सामने साफ़ स्वच्छ वस्त्र पहन सुखासन में बैठ ॐ मानस मंत्र को कम से कम एक घंटा जपें| दृष्टि लोटे पर रहे |ऐसा लगातार ९ गुरूवार तक करें |इसके बाद जड़ को निकालकर सोने अथवा चांदी के ताबीज में डालकर धारण करें |यह प्रयोग उनके लये सार्थक और सिद्ध होगा जिनके पास पैसा आता है पर टिकता नहीं |व्यक्ति कुछ ही दिन में अच्छी आय को प्राप्त कर लेगा |कहीं कहीं यह रत्नों से अधिक प्रभावशाली सिद्ध होता है |कोई भी व्यक्ति इस प्रयोग को कर लाभ उठा सकते हैं |
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💯✔ गृह क्लेश निवारक प्रयोग

[१] जामुन के पत्ते शनिवार को लाकर शयनकक्ष में रख दे ,पति-पत्नी के कलह कम करने में सहायक होता है |
[२] घर में क्लेश-कलह होता हो तो सोमवार या शनिवार को ही अनाज पिसवाना चाहिए तथा उसमे थोड़े से चने भी डाल देने चाहिए ,कलह कम होने लगेगा |
[३] घर में टूटे-फूटे बर्तन नहीं रखनी चाहिए ,कलह रहता है |
[४] साबुत काले उड़द में मेंहदी मिलाकर जिस दिशा में वर या वधु का घर हो उस तरफ फेक देने से वर-वधु में प्यार बढ़ता है ,क्लेश समाप्त होता है ,यहाँ क्रिया जहाँ विवाह हुआ है वहां से करनी चाहिए |. .
[5] परिवार के सभी सदस्यों को साल में एक बार किसी नदी या सरोवर में एक साथ स्नान करना चाहिए
[6] अगर आपके परिवार में किसी महिला सदस्य की वजह से कलश उत्पन्न हो रहा हो तो उस महिला का स्वभाव शांत करने के लिए उसे एक चांदी की चैन में चांदी के पत्र पर चंद्रमा का यन्त्र बनवाकर उसे धारण करवाना चाहिए ( किसी भी सोमवार को).
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💯✔ पुरुष की वजह से घर में कलह होने पर करें यह उपाय

... अगर आपके परिवार में किसी पुरुष सदस्य की वजह से क्लेश उत्पन्न हो रहा हो तो उस पुरुष से हर सोमवार को चावल का दान करवाए और हर रोज सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पण करवाए, अवश्य उसका स्वभाव शांत होगा|....
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💯✔ बंधन मुक्ति के उपाय

कई बार व्यक्ति यह महसूस करता है कि तमाम कोशिशों के बावजूद भी उसका या उसके परिवार अथवा व्यापार में कोई तकलीफ/रुकावट आ रही है | उसे लगने लगता है कि उसके चारों तरफ एक अदृश्य शक्ति उसको बांध रही है और वह छटपटाने लगता है | इसी तरह की कुछ परेशानियों से बचने के लिए यहां पर प्रस्तुत है आपके लिए बंधन मुक्ति के उपाय | इन्हे अपनाने  वाला  जरूरी लाभान्वित होगा |

उपाया -एक नींबू ले | आप अपने कुलदेवी अथवा देवता के स्थल पर जाएं और इस नींबू को अपने ऊपर से वारे २१ बार | इसके पश्चात नींबू को बराबर- बराबर बीच से दो भागों में काट लें | अब पहले वाले हिस्से  को दूसरे वाले भाग की तरफ और दूसरे वाले भाग को पहले वाले हिस्से ( दिशा ) की तरफ फैकें | इसके पश्चात अपने कुल के देवी-देवता से माफी मांग कर प्रार्थना करें तथा अच्छे से उनकी पूजा करें | यह पूजा आप किसी पंडित / पुरोहित से भी करवा सकते हैं | पूजा करवाने के बाद उन्हें दक्षिणा भी दें |

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