टोटके 6 PARASHMUNI

💯✔सफलता के ये 9 अचूक मंत्र आपको कभी नहीं करेंगे निराश
सफलता का रहस्य

शास्त्रों में कर्म, काल, आत्मा, स्वास्थ्य आदि मानव जीवन से जुड़े लगभग हर पहलू को बेहतर बनाने के रहस्य बताए गए हैं। वेद और पुराण जहां जीवन जीने के आदर्श तरीके बताते हैं, वहीं इसे आसान बनाने के मंत्र भी इन्हीं में छिपे हैं।

जानें क्या हैं वो रहस्य

यहां हम आपको जीवन में निश्चित रूप से सफलता देने वाले ऐसे ही 9 रहस्यों के बारे में बता रहे हैं जो आपके जीवन में आश्चर्यजनक बदलाव ला सकते हैं। वास्तव में ये रहस्य वो मार्ग हैं जो आपको जीवन में सुख,संपत्ति,समृद्धि और शांति पाने की ओर लगातार निर्बाधित रूप से आगे बढ़ाते हैं। आगे जानिए क्या हैं वे:

1. गीता

गीता एक ऐसा वेद है जिसमें जीवन का सार छिपा है। भगवान श्रीकृष्ण के बातये भक्ति और कर्म के मार्ग का अनुसरण करने पर मनुष्य एक अलग ही कोटि हासिल करता है। कहा जाता है कि गीता में जीवन की सभी समस्याओं का सम
इसलिए जीवन में कभी भी अगर आप खुद को विचलित या संकटों में घिरा महसूस करें, तो गीता का पाठ करें। यह अवश्य ही आपको सही और सटीक मार्ग बताएगा।

2. योग

योग अध्यात्म और स्वास्थ्य का सम्मिश्रण है। यह आपके शरीर को मस्तिष्क और आत्मा से जोड़ता है। योग मुख्य रूप से ब्रह्मयोग और कर्मयोग में बंटा हुआ है। आत्मिक और शारीरिक लाभ के लिए ‘योग सूत्र’ का अध्ययन आवश्यक है। यह योग के ग्रंथों में सर्वश्रेष्ठ है और इससे जुड़ा ज्ञान आपके स्वास्थ्य और आंतरिक क्षमता को बढ़ाता है।

3. यज्ञ

3. यज्ञ – यजुर्वेद में 5 प्रकार के यज्ञों का वर्णन है -1. ब्रह्मयज्ञ, 2. देवयज्ञ, 3. पितृयज्ञ, 4. वैश्वदेव यज्ञ और 5. अतिथि यज्ञ। देवयज्ञ को ही अग्निहोत्र कर्म कहते हैं। यज्ञ कोई कर्मकांड नहीं है बल्कि यह मन और वातावरण को शुद्ध करने का काम करता है। इसलिये खुद की और घर की शुद्धि के लिए इससे जुड़ा ज्ञान आपके लिए आवश्यक है।

4. तंत्र शास्त्र

तंत्र शास्त्र का वर्णन अथर्ववेद में है। तंत्र शास्त्र 3 भागों में बंटा है आगम तंत्र, यामल तंत्र और मुख्यआ तंत्र। तंत्र विद्या के माध्ययम से आप अपनी आत्मशक्ति का विकास कर सकते हैं और साथ ही कई अद्भुत शक्तियों के मालिक भी बन सकते हैं।

5. मंत्र मार्ग

मंत्र एक साधना है जिसकी सिद्धि के लिए आपको अपने मन को इसके अधीन करना होगा। मंत्र 3 प्रकार के होते हैं- 1. वैदिक मंत्र, 2. तांत्रिक मंत्र और 3. शाबर मंत्र। मंत्रों में जीवन की सभी परेशानियों, दु:ख और बुरी शक्तियों से लड़ने की ताकत है। इसलिये इसका ज्ञान आपको समृद्ध और सफल बना सकता है।

6. वास्तुशास्त्र

दक्षिण भारत में वास्तु विज्ञान की नींव ‘मय दानव’ ने और उत्तर भारत में ‘विश्वकर्मा’ ने रखी थी। वास्तुदोष बहुत हद तक जीवन और इससे जुड़ी गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। अगर कोई इसका ज्ञानी हो तो वह वास्तु के अनुसार घर या आलय का निर्माण कर अपने जीवन को सुखी और खुशियों भरा बना सकता है।

7. ज्योतिष

ज्योतिष को वेदों का नेत्र कहा गया है। ज्योतिष शास्त्र के कई अंग हैं; जैसे - सामुद्रिक शास्त्र, हस्तरेखा विज्ञान, अंक शास्त्र, अंगूठा शास्त्र, ताड़पत्र विज्ञान, नंदी नाड़ी ज्योतिष, पंचपक्षी सिद्धांत, नक्षत्र ज्योतिष, वैदिक ज्योतिष
ज्योतिष विद्या का ज्ञान ना केवल स्वयं तथा दूसरों का व्यक्तित्व समझने में आपकी मदद करती है, बल्कि इससे जुड़ी भविष्यवाणियां आगे के जीवन में भी आपके लिए सफलता के मार्ग प्रशस्त करती हैं।

8. षड्दर्शन

'दर्शन' उस विद्या को कहा जाता है जिसके द्वारा तत्व का साक्षात्कार हो सके। भारतीय ऋषिओं ने इसमें जगत के रहस्य को अनेक कोणों से समझने की कोशिश की है। इसके मूल में यह माना जा सकता है कि हृदय की गाँठ तभी खुलती है और शोक तथा संशय तभी दूर होते हैं जब एक सत्य का दर्शन होताहै
वैदिक दर्शनों में षड्दर्शन (षड् अर्थात् 6) अधिक प्रसिद्ध और प्राचीन हैं जिनमें दुनिया के सारे धर्म तथा दर्शन सिद्धांत निहित माने जाते हैं। इसलिए इन्हें जानने वाला जीवन के हर हाल में खुशी और सफलता के मार्ग ढूंढ़ ही लेता है। ये षड्दर्शन हैं – 1. न्याय, 2. वैशेषिक, 3. सांख्य, 4. योग, 5. मीमांसा, 6. वेदांत।

9. आयुर्वेद

यह ध्वनंतर ऋषि का दिया वह वरदान है, जिसे जानने वाला हर प्रकार से निरोगी काया पा सकता है। शास्त्रों के अनुसार निरोग शोकमुक्त रहने का मार्ग है। इसलिए आयुर्वेद का ज्ञान रखने वाला तथा दिनचर्या में आयुर्वेद के सिद्धांतों का पालन करनेवाला जीवन में कभी असफलता का मुंह नहीं देखता।

अकसर लोग यह शिकायत करते हैं कि उनका भाग्य खराब चल रहा है। खूब मेहनत करते हैं, कोई बुरा कर्म नहीं करते फिर भी उनके किस्मत उनका साथ नहीं दे रही, इस तरह की परेशानी के साथ लोग आते हैं। यूं तो सनातन शास्त्रों में ऐसे कई उपाय दर्ज हैं जो बुरी किस्मत को दूर भगाने में मदद करते हैं, लेकिन तभी जब सही विधि के साथ किए जाएं।
सनातन उपाय

सनातन उपाय बेशक उपयोगी होते हैं और परिणाम भी देते हैं लेकिन उनका सही विधि के साथ होना जरूरी है। और इसी बात को नजरअंदाज कर जाते हैं लोग और अंत में शिकायत करते हैं कि उपाय ने अपना फल नहीं दिया।

भाग्य चमकाने के उपाय

भाग्य उदय करने का ऐसा सरल उपाय बताने जा रहे हैं, जिसमें ना तो कोई खास नियम हैं और ना ही किसी कठिन विधि का आपको पालन करना पड़ेगा। यह उपाय सुबह-सुबह नींद खुलते ही करना है, वह भी बिस्तर पर बैठे-बैठे ही।
सुबह उठते ही करें ये एक काम

आप जैसे ही सुबह उठें तो बिस्तर से नीचे उतरने से पहले ही अपने दाहिने हाथ से (यदि लिखते समय दाहिने हाथ का प्रयोग करते हैं तो, अन्यथा बाया हाथ इस्तेमाल कर सकते हैं) अपने बाएं हाथ पर उस अपना इष्ट मंत्र लिखें।
यदि आप कृष्णजी को अपने इष्ट देवता मानते हैं तो श्रीकृष्ण का बीज मंत्र अपने हाथ पर लिखें, यदि शिव जी को मानते हैं तो उनका मंत्र लिखें, इसी तरह जिस भी देवता को आप अपना इष्ट मानते हैं या उनका प्रतिदिन ध्यान करते हैं उनका मंत्र या नाम भी अपने हाथ पर लिखें।
आपको ऐसा करते समय किसी पेन या पेंसिल का इस्तेमाल नहीं करना है, बल्कि अपने हाथ की अंगुलियों से ही केवल प्रतीकात्मक तरीके से अपने दूसरे हाथ पर मंत्र को लिखते है
शास्त्रीय मत के अनुसार हम अपने हाथों की लकीरों में ही अपनी किस्मत को पाते हैं। ये लकीरें हमारी किस्मत का लेखा-जोखा होती हैं, अप क्या पाएंगे और क्या गवा देंगे ये सब इन्हीं लकीरों में दर्ज है। इसलिए सुबह-सुबह पवित्र समय में भगवान का नाम अगर इन लकीरों पर आ गया तो आपकी किस्मत पर उस परमेश्वर का नाम लिख दिया जाएगा।
अब जब ईश्वर स्वयं आपकी किस्मत का हिस्सा बन जाएंगे तो आपके जीवन के आने वाले संकट अवश्य दूर होंगे। इस काम को करते समय दिल से ईश्वर से प्रार्थना अवश्य करें, ऐसा करने से आपको सुबह-सुबह इच्छाशक्ति प्राप्त होगी और पूरा दिन अच्छा गुजरता है

गर्लफ्रेंड को पाने से लेकर मुकद्मे में जीत तक सबमें कारगर है यें वशीकरण मंत्र

समस्याओं से पाएं छुटकारा

अगर आप अपने लव लाइफ या किसी भी पारिवारिक व सामाजिक दिक्कतों से परेशान हैं, तो अपनाएं कुछ खास वशीकरण मंत्र। इन मंत्रों के नियमित जप से आप अपनी हर समस्या का समाधान पा सकते हैं। ये मंत्र इतने असरदार है कि आप केवल एक हफ्ते ही इनके प्रयोग से अपने रुठी हुई गर्लफ्रेंड व सालों से चल रहें मुकद्में में जीत हासिल कर सकते हैं।
स्त्री वशीकरण मंत्र

यदि आप किसी स्त्री से प्रेम करते हैं व उसे अपनी जीवन संगिनी बनाना चाहते है तो आप स्त्री वशीकरण मंत्र का जप करें। ये मंत्र कुछ इस प्रकार है। - ऊं क्लीं अमुकं मम वशं कुरु कुरु स्वाहा।

जप की विधि

मंत्र का एक हफ्ते तक रोज 1100 बार जप करें। साथ ही मंत्र को किसी कागज पर 2000 बार लिखकर एक ताबीज में बांधकर बाजू पर पहन लें। मंत्र पढ़ते समय अमुकं के स्थान पर उस स्त्री का नाम लें जिससे आप प्रेम करते हैं। इस मंत्र के नियमित जप से आपका प्यार आपको जल्द ही मिल जाएगा।
गर्लफ्रेंड-ब्वॉयफ्रेंड वशीकरण मंत्र

अगर आप किसी को बहुत प्यार करते हैं, लेकिन वो आपसे रूठ कर दूर चला गया है, तो आप खास तरह के वशीकरण मंत्र के जरिए उसे वापस पा सकते हैं। इसके लिए आपको ऊं नमो नारायणाय सर्व लोकान मम वश्य कुरु कुरु स्वाहा, मंत्र का जप करना होगा।
मंत्र पढ़ने का तरीका

इस मंत्र को एक हफ्ते तक प्रत्येक मंगलवार को पढ़ना होगा। बेहतर फल के लिए इस मंत्र का जप सुबह पांच बजे करना चाहिए। मंत्र को 21 बार पढ़ें, इससे कामना पूर्ण होगी।
पति को वश में करने का मंत्र

अगर आपका पति आपके प्रति वफादार नही है, उसका किसी बाहरी स्त्री से संबंध है, ऐसे में आप पति को वश में करने के लिए पान वशीकरण मंत्र का प्रयोग कर सकती हैं। ये मंत्र इस प्रकार है- ऊं काम-काम मालिनि पति में वश मनाए थाह।
मंत्र की विधि

इस मंत्र को 21 दिनों तक पढ़े। रोजाना 108 मोतियों की माला को 10 बार जपे। इसका असर एक हफ्ते में ही दिखने लगेगा, लेकिन इसे दो हफ्तों तक पूरा करें।
सासू मां को करें वश में

अक्सर सास-बहू में अनबन की खबरें आती हैं। सास के तानों से बहु का जीना दुश्वार हो जाता है, यदि आप भी अपनी सास की हरकतों से परेशान है तो सास को वश में करने के लिए इस वशीकरण मंत्र का प्रयोग करें। मंत्र इस प्रकार है- अमे जाला मिलेल फले तत्र प्रवेशा।
ऐसे करें जप

इस मंत्र को राजाना पहले और तीसरे प्रहर पढ़े। मंत्र पढ़ने से पहले स्नान जरूर कर लें। मंत्र का जप लगातार 21 दिनों तक करे। इससे आपकी सास अपाका कहना मानेगी और लड़ाई-झगड़ा नही होगा।
बॉस वशीकरण मंत्र

अगर आप नौकरीपेशा है व व्यापार करते हैं, तो सफलता पाने के लिए अधिकारियों और कांट्रैक्टरों का आपसे खुश रहना जरूरी है। इन सभी से अपना काम निकलवाने के लिए आप इस वशीकरण मंत्र का इस्तेमाल कर सकते है। मंत्र इस प्रकार है- ऊं हुं हुं छों छों ड: मंत्र का जप करें।
10 माला का करें जप

बेहतर परिणाम के लिए इस मंत्र को सूर्य ग्रहण के समय नदी के किनारे बैठ कर पढ़ना चाहिए। ग्रहण न हो तो आप पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर भी इस मंत्र की 10 माला का जप कर सकते हैं। जप करते समय हर मंत्र के अंत में बॉस का नाम लेकर मेरे वश में हो जाए बोलना है।
वकील और जज को रखें कंट्रोल में

कचहरी के झंझटों से निकलने व मुकदमे में जीत हासिल करने के लिए इस वशीकरण मंत्र का सहारा लिया जा सकता है। इस मंत्र के प्रयोग से आपका वकील व जज दूसरी विपक्षी पार्टी से नहीं मिलेगा। वो आपके लिए पूरी तरह से निष्ठावान हो जाएगा। मंत्र इस प्रकार है- ऊं क्लीं बीजरूपिण्यै महाकालिकाये क्लीं फट्।

ऐसे पढ़ें मंत्र

इस मंत्र का जप पूर्व दिशा की ओर बैठकर करना चाहिए। मंत्रोच्चारण की शुरुआत सोमवार से करनी चाहिए। मंत्र पढ़ते समय मां काली की फोटो सामने हो। मंत्र को 108 माला की 21 बार पढ़ें।

टोटके, जो बना दे आपके बिगड़े काम

किसी जरूरी काम से निकल रहे हों तो हल्के रंग के कपड़ों का इस्तेमाल भूलकर भी न करें। ध्यान रखें कि आपके कपड़ों का रंग नीला, हरा, लाल जैसा गहरा हो।

टोटके, जो बना दे आपके बिगड़े काम

कोई काम न बन रहा हो तो 19 शनिवार तक आप पीपल के पेड़ में धागा लपेटें और तिल के तेल का ही दीया जलाएं। इस दीये में 11 दानें काले उड़द का डाले
टोटके, जो बना दे आपके बिगड़े काम

रविवार को छोड़कर हर दिन तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं और सूर्य भगवान को अर्ध्य देकर ही काम के लिए बाहर निकलें, सारे काम बनेंगे।

टोटके, जो बना दे आपके बिगड़े काम

काम में सफलता प्राप्ति के लिए इस उपाय को अपना सकते हैं। यदि काम नहीं बन रहा हो तो घर से निकलते वक्त उल्टी दिशा में चार कदम आगे बढ़ाएं और फिर मुड़कर अपने रास्ते पर निकल जाएं।
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💯✔छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है।

गृह क्लेश दूर करने के लिएः

परिवार में पूजा कक्ष में स्फटिक श्री यंत्र की स्थापना करनी चाहिए तथा सायं काल उसके समक्ष परिवार के सभी सदस्य, एकत्र हो कर, शंख बजा कर, महालक्ष्मी एवं अपने इष्ट देव की आरती करें, प्रसाद लें तथा अपने से बड़ों के चरण छू कर आशीर्वाद लें, तो गृह क्लेश अवश्य दूर होता है। शुक्ल पक्ष की अष्टमी, या शुक्रवार को यह श्री यंत्र स्थापित किया जाना चाहिए।

शिक्षा में रुकावट दूर करने के लिए :

क्रिस्टल के बने कछुए का उपयोग प्रमुख होता है। ऐसा कछुआ विद्यार्थी के सम्मुख मेज पर रखना चाहिए। एकाग्रता में वृद्धि होती है। साथ ही सफेद चंदन की बनी मूर्ति रखी जानी चाहिए। पढ़ाई की टेबल उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में रखनी चाहिए। रुकावट धीरे-धीरे दूर होने लगती है।

आयात-निर्यात से संबंधित व्यापारियों के लिए :

सोमवार के दिन प्रातः काल शुद्ध चांदी की अंगूठी, जिसपर 'श्री' अंकित हो, दाएं हाथ की अनामिका अंगुली में धारण करें। अंगूठी को पहले शुद्ध और प्राण प्रतिष्ठित अवश्व करवा लें।

धन-समृद्धि एवं आय में वृद्धि हेतुः

पुष्य नक्षत्र में श्वेतार्क की जड़ लाए तथा विधिपूर्वक पूजन करें। गणपति जी का मंत्र जपते हुए दाहिने हाथ की कलाई में धारण करें। ऐसा करने से धन-समृद्धि में वृद्धि होगी तथा आय में कई गुना वृद्धि हो जाएगी।

अतुल धन प्राप्ति हेतु :

रवि पुष्य के दिन बहेड़ा की जड़ और पत्ते लाएं। यथाविधि पूजा करें। तत्पश्चात लाल कपड़े में बांध कर श्रद्धापूर्वक तिजोरी में रख लें तथा धूप-दीप दिखायें और प्रणाम करें।

दुकान की बिक्री बढ़ाने के लिए :

शनिवार की संध्या को हाथ में एक सुपारी एवं तांबे का सिक्का ले जा कर, पीपल वृक्ष के नीचे रख आएं। रविवार को उस वृक्ष का एक पत्ता ला कर गद्दी के नीचे रखें। ऐसा करने से सदैव ग्राहक अनुकूल बने रहते हैं। दुकान की बिक्री में आशातीत सफलता प्राप्त होती है।

तनाव दूर करने के लिए :

सोते समय पूर्व की तरफ सिरहाना रखें। सवा पांच रत्ती का पन्ना चांदी की अंगूठी में जड़वा कर शुभ मुहूर्त में अनामिका में धारण करें। अपने काम-काज की जगह पर दो किलो फिटकिरी किसी चीनी मिट्टी की प्लेट में खुली रखें। विशेष उपाय के तौर पर तीन किलो नमक एक लाल मटकी में अच्छी तरह सहेज कर अपने बेडरूम में रखें। सभी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। दरिया पार जाना हो, संतान साथ हो और वहां सौ दिन से ज्यादा अपने घर से बाहर रहना हो, तो दरिया में तांबे का पैसा डालते जाएं। बच्चों का ऊपरी हवाओं और बुरी बलाओं से बचाव होगा। बहुत लाभकारी टोटका है। बच्चे स्वस्थ रहेंगे और उनकी बुरी नजर से रक्षा होगी

1. कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में परेशानियों का सामना नहीं करना चाहता। लेकिन अगर किसी कारणवश ऐसी स्थिति आ गई है, तो अशोक के पेड़ की जड़ को लेकर आएं। इस जड़ को किसी पवित्र स्थान या अपने पूजा स्थान पर रखने से धन से जुड़ी समस्या का समाप्त हो जाएगी।

2.फिर पारिवारिक कलह को शांत करने के लिए अशोक के 7 पत्तों को मंदिर में रख दें। मुरझाने के बाद इन पत्तों को हटाकर दूसरे नए पत्ते ले आएं और पुराने पत्तों को पीपल के पेड़ की जड़ में डाल दें। यह उपाय करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है।

3 घर में कोई फेस्टिवल या त्यौहार हो, या फिर कोई शुभ कार्य होना हो तो अशोक के पत्तों की वंदनवार बनाकर दहलीज के बाहर कुछ ऐसे लगाएं कि हर अंदर आने वाले व्यक्ति के सिर पर वे स्पर्श हों। इसके प्रभाव से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

4. तांबे की ताबीज में अशोक के बीज धारण करने से लगभग हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। ना तो व्यक्ति को धन से जुड़ी कोई दिक्कत आती है, और ना ही उसकाा सम्मान कम होताा है।

5. दुर्गा के भक्तों और उनकी कृपा पाने की लालसा रखने वाले व्यक्तियों को प्रतिदिन अशोक के पेड़ की जड़ (रूट्स) में पानी चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाते समय देवी का जाप या उनका ध्यान अवश्य किया जाना चाहिए। इस अशोक ट्री रेमेडी को करने से बिगड़ती किसमत भी बन जाती है।

घर से निकलते समय ध्यान रखें ये बात तो हर काम होगा पूरा, प्राप्त होगी लक्ष्मी

जीवन में बहुत बार देखा गया है कि कुछ एक स्थान से दूसरे स्थान पर अपने किसी कार्य सिद्धी के लिए जाते हैं। लेकिन समय व पैसा खराब होने के बावजूद उनके कार्य सम्पन्न नहीं होते। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि कब और किस तरह यात्रा करें ताकि यात्रा लाभदायक रहें।

अंक 1, 4
1 तथा 4 अंक वाले सदैव सोमवार, शुक्रवार, शनिवार व रविवार को ही यात्रा करें। सदैव साथ में लाल रंग का बैग या सूटकेस ले जाएं। जाते समय घी व रोटी, चीनी का चूरमा खा कर जाएं। सदैव अपने पितरों का फोटो साथ में रखें। यात्रा के समय कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखें। यदि हो सके तो सुबह की यात्राएं ज्यादा शुभ रहेंगी। घर से दोपहर 12 बजे से पहले ही निकल जाएं। उत्तर दिशा व पश्चिम दिशा विशेष लाभदायक रहेंगी। यात्रा में अपने साथ मिठाई जरूर ले जाएं।

अंक 3, 6, 9
3, 6 तथा 9 अंक वालों को सदैव सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार को ही यात्रा करनी चाहिए। साथ में सदैव घी या छाछ ले जानी चाहिए। यदि चंदन का टीका लगाकर घर से रवाना हो तो विशेष रूप से फलदायी रहेगा। इसमें भी विशेषकर अंक 6 वालों को इत्र या परफ्यूम का प्रयोग करना चाहिए। रसदार मिठाई खाकर ही घर से निकलना चाहिए। यदि यात्रा के लिए निकलते समय कोई नीच जाति का या सफाई वाला मिल जाएं तो उसे प्रणाम कर कुछ रुपए देने चाहिए। यदि ऐसा न हो तो सदैव अपनी बहन या बुआ का मुंह देखकर जाना भी विशेष फलदायी रहेगा। कभी भी 8, 17, 26 को यात्रा न करें। हनुमानचालिसा का पाठ कर के जावें।

अंक 2, 5, 7
2, 5 तथा 7 अंक वालों को सदैव सोमवार, बुधवार, शनिवार तथा रविवार को यात्रा करनी चाहिए। उन्हें अपने साथ काला, लाल, ब्राउन या हरे रंग का बैग या सूटकेस ले जाना चाहिए। घर से निकलते समय दही व मिश्री खाकर जाना चाहिए। दोपहर के बाद घर से निकलना ज्यादा लाभदायक रहेगा। शिव मंदिर में इमरती या गणेश मंदिर में लड्डू चढ़ाकर जाएं। पूर्ण स्वार्थसिद्धि होगी। सदैव जाते समय अपने घर के मंदिर में पांच अगरबत्ती करें। उत्तर व पूर्व दिशा में यात्रा करना लाभदायक रहेगा। यात्रा पर जाने से पूर्व अपने घर में मंदिर में पांच रुपए का सिक्का रखें। जब भी यात्रा से वापस लौटे तो उसका प्रसाद चढावें। अपने साथ हरे रंग का तौलिया या रूमाल सदैव लेकर जाएं। जाते समय चप्पल, सैंडल पहने तो ज्यादा अच्छा रहेगा।

अंक 8
इस अंक वालों को सदैव शुक्रवार, शनिवार एवं सोमवार को यात्रा करनी चाहिए। गहरे रंग के कपड़े पहनकर जाना चाहिए। कभी भी सफेद रंग का बैग या दही-छाछ अपने साथ न लेकर जाएं। अपने घर के मंदिर में 51 रुपए रखकर जाएं। जब भी लौटे तो देवी के प्रसाद चढ़ावें। उत्तर, दक्षिण व पूर्व दिशा ज्यादा लाभदायक रहेगी। सदैव यात्रा अकेले करें। ज्यादा लोगों का साथ हानिकारक रहेगा। जहां तक हो सके, शाम के समय ही यात्राएं करें। 4, 13, 22, 31 तारीख को कभी यात्रा न करें। रसदार मिठाई खा कर घर से निकलें। जैसे ही आप अपनी जगह पर पहुंचे तो सीधे पहले उस शहर की धरती माता को प्रणाम करें। यदि आप काले घोड़े की नाल की अंगूठी पहनकर जाएंगे तो शत-प्रतिशत सफलता मिलेगी।

💯✔कल भैरो पाठ शत्रु को मिटाने के लिए

ॐ देव  राज  सेव्य  मान  पावनाग्रि   पन्कजं,व्याल यज्ञ सुत्र  मिण्डु  शेखरं   कृपाकरं,नारदाधि योगी वृन्द वन्दितं  दिगम्बरं,काशिका पुराधि नाद कालभैरवं भजे  ll१ll

भानु  कोटि भास्वरम्, भवाब्धि  तारकं परम्,नीलकण्ठं ईप्सितार्थ दायकं त्रिलोचनम्,कालकाल मंबुजाक्ष मक्ष  शूल  मक्षरं,काशिका  पुराधि  नाद  कालभैरवं भजे ll२ll

शूल  तङ्ग पाश   दण्ड  पाणि माधि कारणं,श्याम काय  माधि  देवमक्षरम  निरामयं,भीम  विक्रमं  प्रभुं  विचित्र ताण्डव  प्रियं,काशिका  पुराधि  नाद  कालभैरवं भजे ll३ll

भुक्ति  मुक्ति  दायकं  प्रशस्त चारु  विग्रहं,भक्त  वत्सलं  स्थितं , समस्त लोक  विग्रहं,विनिक्वनन् मनोज्ञ हेम  किङ्किणी  लसत  कटिं,काशिका  पुराधि  नाद  कालभैरवं भजे ll४ll

धर्म  सेतु  पालकं , त्व  धर्म  मार्ग  नाशकं ,कर्म  पाश  मोचकं  , सुशर्म दायकं विभुं,स्वर्ण   वर्ण शेष पाश शोभिताङ्ग मण्डलं,काशिका  पुराधि  नाद  कालभैरवं भजे ll५ll

रत्न  पादुका  प्रभावी राम पाद युग्मकं,नित्यमद्वितीयमिश्ट  दैवतं  निरञ्जनं,मृत्यु  दर्प  नाशनं  करालदंस्त्र मोक्षणम्,काशिका  पुराधि  नाद  कालभैरवं भजे ll६ll

अट्टहास भिन्न  पद्म  जाण्ड कोष संततीं,दृष्टि पाद  नष्ट पाप  जालमुग्र शासनं,अष्टसिद्धि  दायकं  कपाल मालिकन्जरं,काशिका  पुराधि  नाद  कालभैरवं भजे ll७ll

भूत संग नायकं, विशाल कीर्ति दायकं,काशी  वास  लोक  पुण्य  पाप शोधकं  विभुं,नीति  मार्ग  कोविदं  पुरातनं  जगत्पतिं,काशिका  पुराधि  नाद  कालभैरवं भजे ll८ll

कालभैरवाष्टकं पठन्ति  ये मनोहरं,ज्ञान  मुक्ति  साधनम , विचित्र  पुण्य  वर्धनं,शोक मोह  दैन्य  लोप  कोप  ताप नाशनं,हे प्रयान्ति कालभैरवान्ग्रि सन्निधिं ध्रुवं.काशिका  पुराधि  नाद  कालभैरवं भजेकाशिका  पुराधि  नाद  कालभैरवं भजे

जब आपका भाग्य आपका साथ नहीं देता तो आप अपनी किस्मत को दोष देना शुरू कर देते है या ये सोचते है कुंडली में कोई दोष है या अापका भाग्य हीं ऐसा है। ये उपाय आपको बताने वाले हैं दुर्भाग्य को दूर करने के आसान उपाय जिससे धन के कार्यों में सफलता मिल सकती है। आपको जानिए ये उपाय कौन-कौन से है

शनिवार की रात हनुमान जी या शिवलिंग के सामने तेल का दीपक जलाएं। यह उपाय बहुत असान और बहुत लाभदायक भी होता है। रात के समय शिवलिंग के सामने दीपक जलने से कभी धन की कमी नहीं होती और उनके घर में लक्ष्मी का वास भी बना रहता है।

दुर्भाग्य दूर भागने का ये भी सरल व अदभुत उपाय माना गया है , एक बर्तन में थोड़ा सा तेल ले और उसमे अपना चेहरा देखें , ये काम करने के बाद उस तेल को शनिदेव को चढ़ा देना या किसी मंदिर में दान करें। ये काम केवल शनिवार के दिन करे।

अगर करना चाहते है दुर्भाग्य दूर तो करे हनुमान जी को प्रसन्न और अपनाये ये उपाय। बजरंगबली को सिन्दूर व चमेली का तेल के साथ पान के पत्ते चढ़ाये। या या हनुमान चालीस का पाठ करें।

दुर्भाग्य को दूर भगाने के लिए करना होता है शनि देव को खुश इस प्रकार शनिवार के दिन शिवलिंग पर काले तिल तथा जल चढ़ाये। यह उपाय करने से बीमारियों में भी रहत मिलती है।

सुबह जल्दी उठकर इस मंत्र का जाप करें। मंत्र : कराग्रे वास्ते लक्ष्मि, करमध्ये सरस्वती, करमूले तू गोविन्द। प्रभाते कर दर्शनम। और इसके साथ साथ अपनी हथेलियों को देखे और उसके बाद अपनी हथेलियों को अपने चेहरे पर फेरे ये उपाय प्रतिदिन करे।

हर शनिवार और अमावस्या पर पीपल की सात परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय अपने इष्टदेवी-देवताओं के नामों का या मन्त्रों का जप करें। और कुंडली के दोषों से मुक्ति पाए।

अगर नहीं हो रहा कुंडली के दोषों का निवारण तो शनि दोष और काल सर्प दोष के लिए यह उपाय रामबाण साबित हो सकता है पीपल के पेड़ पर तांबे के बर्तन से जल चढ़ाये। हर शनिवार को यह उपाय करना चाहिए इस उपाय से कुंडली के कई दोषों का निवारण हो जाताप्राचीनतम विधाओं में से एक है। यह एक ऐसा शास्त्र है जिसकी सहायता से मनुष्य अपने जीवन की बहुत सी परेशानियों को सुलझा सकता है।

अनेक ग्रंथ और अनेक सिद्धांत उपलब्ध हैं जिनमें से एक है कालपुरुष सिद्धांत।

विपरीत लिंग

इस सिद्धांत के अनुसार कुंडली का पांचवां भाग प्रेम को दर्शाता है और सप्तम भाव विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण बताता है। वहीं दूसरी ओर लग्न भाव स्वयं जातक के आकर्षण को प्रभावी बनाता है।

पापी ग्रह

तीनों भावों में से अगर किसी एक भाव पर भी क्रूर या पापी ग्रह की छाया पड़ती है या कोई पापी ग्रह इन भावों में विराजित होता है तो जातक के लिए कष्टकारी सिद्ध हो सकता है। यह व्यक्ति के आकर्षण को तो कम करता ही है साथ ही साथ उसके प्रभाव को भी कम करता है।

परेशानी से निपटने का तरीका

खैर ये तो हुई समस्या की बात, अब बताते हैं इस परेशानी से निपटने का तरीका जो इसी ज्योतिषशास्त्र से ही संबंधित है। ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि कुछ विशेष प्रकार के तिलक लगाकर किसी भी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है।

विपरीत लिंग

आज हम आपको राशि अनुसार बताएंगे कि आपके लिए कौनसा तिलक प्रभावी सिद्ध होगा, कौनसा तिलक लगाकर आप विपरीत लिंग के भीतर अपने लिए आकर्षण विकसित कर सकते हैं।

लाल चंदन

मेष राशि के लोगों को लाल चंदन का तिलक लगाना चाहिए।

गौलोचन

वृषभ राशि के जातकों के लिए गौलोचन का तिलक सही रहेगा।

इत्र का तिलक

मिथुन राशि के लोगों के लिए इत्र का तिलक फायदेमंद साबित होगा।

सफेद चंदन

कर्क राशि के लोगों को सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए।

केसर का तिलक

सिंह राशि के लोगों को केसर का तिलक करना चाहिए।

कस्तूरी का तिलक

कन्या राशि के लोगों को कस्तूरी का तिलक लगाना चाहिए।

चमेली का तिलक

तुला राशि वालों के लिए चमेली का तिलक उत्तम है।

सिंदूर का तिलक

वृश्चिक राशि के लोगों के लिए सिंदूर का तिलक लाभप्रद होगा।

पीले चंदन का तिलक

धनु राशि के लोगों के लिए पीले चंदन का तिलक उत्तम है।

फूलों से तिलक

मकर राशि के जातक रात की रानी के फूलों से तिलक बनाकर लगाएं।

इत्र के तिलक

कुंभ राशि चंदन के इत्र के तिलक का प्रयोग करें

हल्दी का तिलक

मीन राशि के जातकों के लिए हल्दी का तिलक उत्तम है।

धन की समस्या से परेशान है तो करे रावण संहिता का ये उपाय

रावण को जहां एक तरफ एक दुराचारी और अत्याचारी माना गया है वही दूसरी ओर यह रावण एक तांत्रिक भी था। इसी महाज्ञानी और प्राकंड पंड़ित रावण कोकई प्रकार के रहस्य आते थे वह एक प्राकंड टोना तांत्रिक भी था। जो हर समस्या का हल इसी तांत्रिक क्रिया से करता था। रावण के उपाय कार्तिक माह केदिनों में बहुत काम करते हैं। यदि इंसान अपने जीवन में धन की समस्या से परेशान है तो रावण के बताए गए इन उपायों को जरूर करें।  आपको धन लाभ पूराहोगा। ये अचूक उपाय रावण ने अपनी पुस्तक रावण संहिता में लिखे हुए हैं।

रावण संहिता के उपाय

बेल का पौधा

यदि इंसान आक और बिल्व पेड़ का पौधा एक साथ लगाता है तो उसे अथार धन लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। यह काम आपको कर्तिक अमावस्य के दिन करनाहै।

चावल और दूध चढ़ाना

रावण संहिता के अनुसार नियमित सदा शिव को बेलपत्र कच्चा दूध और चावल चढ़ाने वाला इंसान कभी भी गरीब नहीं हो सकता है।

दीया जलाना

कार्तिक माह में जो इंसान बेल के पेड़ पर पानी चढ़ाने के साथ शाम के समय में दीया जलाता है उसको घर हमेशा पैसों से भरा रहता है।

श्री सुक्त का पाठ

बेल पत्र के पेड़ के नीच बैठकर श्री सुक्त का पाठ करने से पैसों की कमी दूर होती है।

लक्ष्मी हवन करना

कर्तिक माह में बेल के पेड़ के नीचे बैठकर लक्ष्मी जी का हवन करने से धर में अपार धन लक्ष्मी आती है।

जल चढ़ाना

तांबे के लोटे में बेल पत्र डालकर शिवलिंग पर चढ़ाने से लक्ष्मी जी की विशेष कृपा होती है।

जो भी इंसान धन की कमी से परेशान हो या फिर उसे आर्थिक नुकसान हो रहा है तो वह एक बार रावण द्वारा बताए गए इन तंत्र के उपायों को जरूर करें।आपको जरूर फायदा होगा। आपके आर्थिक कष्ट दूर हो जाएगें। और घर में खुशहाली आने लगेगी।

सुख-शांति

घर में कोई उत्सव या त्यौहार हो, या फिर कोई शुभ कार्य होना हो तो अशोक के पत्तों की वंदनवार बनाकर दहलीज के बाहर कुछ ऐसे लगाएं कि हर अंदर आने वाले व्यक्ति के सिर पर वे स्पर्श हों। इसके प्रभाव से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

लाभदायक पत्ते

अशोक के पत्ते वाकई चमत्कारी होते हैं। वंदनवार के हरे पत्तों के अलावा सूखे पत्ते भी काफी कारगर लाभदायक हैं। ये घर के भीतर नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को बाधित करते हैं।
वंदनवार

इस वंदनवार को तब तक नहीं उतारा जाना चाहिए जब तक कि दूसरा मांगलिक अवसर ना आ जाए।

अशोक के बीज

तांबे की ताबीज में अशोक के बीज धारण करने से लगभग हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। ना तो व्यक्ति को धन से जुड़ी कोई दिक्कत आती है और ना ही उसकी गरिमा कम होती है।

मां दुर्गा की कृपा

दुर्गा के भक्तों और उनकी कृपा पाने की लालसा रखने वाले व्यक्तियों को प्रतिदिन अशोक के पेड़ की जड़ में पानी चढ़ाना चाहिए।

देवी का ध्यान

जल चढ़ाते समय देवी का जाप या उनका ध्यान अवश्य किया जाना चाहिए। इस उपाय को करने से बिगड़ती किसमत भी बन जाती है।

Comments

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